अजमेर. पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस पर हमला बोला है. देवनानी ने कहा, सत्ता बचाने के लिए कांग्रेस इंदिरा गांधी के समय देश में आपातकाल लगाकर संविधान का गला घोंट चुकी है. ऐसे में कांग्रेसियों के मुंह से लोकतंत्र को बचाने की बातें अच्छी नहीं लगती. देवनानी ने कांग्रेस पर वार करते हुए कहा, चीन के साथ कांग्रेस अपने संबंधों को स्पष्ट करें.
पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने प्रेसवर्त्ता में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. देवनानी ने कहा कि संविधान की बात करते हुए कांग्रेस के नेताओं को अपनी गिरेबान में झांककर देख लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता पीएम नरेंद्र मोदी पर प्रश्न उठाते हैं, वे स्वयं आईने में देखें कि उन्होंने क्या किया. केवल राजनैतिक स्वार्थ की पूर्ति हेतु कांग्रेसी नेता संविधान की चर्चा करते रहते हैं और कुर्सी बचाने के लिए संविधान की धज्जियां उड़ाते रहे हैं.
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चीन विवाद पर कांग्रेस पर हमला
देवनानी ने चीन विवाद पर भी कांग्रेस पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा, कि कांग्रेस चीन के साथ अपने संबंधों को स्पष्ट करें. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राजस्थान में शहीदों को श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम रखा, यह असलियत से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश मात्र है. उन्होंने कहा, जिस प्रकार कांग्रेस की भाषा है वह चीन की भाषा है जो सैनिकों का मनोबल गिराने वाली भाषा है.
कांग्रेस करें स्पष्ट
कांग्रेस पर बड़ा सवाल दागते हुए देवनानी ने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तीनों मेंबर हैं. वे बताएं कि राजीव गांधी फाउंडेशन में 90 लाख डॉलर कहां से मिले और किस कारण मिले. 2008 में कांग्रेस सरकार ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक एमओयू किया था, आज तक तो 2 देशों में एमओयू होता आया था. कांग्रेस स्पष्ट करें कि एमओयू में क्या कहा गया था और 90 लाख डॉलर क्यों लिए गए. कांग्रेसी जो भाषा बोल रहे हैं वह भाषा कहीं एमओयू में तो नहीं लिखी हुई थी, जिसके आधार पर भारत को कमजोर करके आज चीन की भाषा बोलने से कांग्रेसी बाज नहीं आ रहे हैं.
चीन की समस्या कांग्रेस की देनः देवनानी
देवनानी ने कहा कि चीन की समस्या कांग्रेस की देन है. 1962 में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय 43 हजार वर्ग किलोमीटर की जमीन चीन ने हड़प ली थी. उसके बाद भी कांग्रेस की सरकार की नींद नहीं खुली. कांग्रेस सरकार ने कभी उस जमीन को वापस लेने का प्रयत्न नहीं किया. सीमा पर ना ही सड़के बनाई और ना ही एयरपोर्ट बनाया.
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पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने चीन की कुटिलता को समझा और सीमा पर सड़कें एवं एयरपोट बनाने शुरू किए, जिससे चीन बौखला गया और निहत्थे सैनिकों पर हमला किया. उन्होंने कहा कि मैं उन सैनिकों को नमन करता हूं जिन्होंने अपने से दोगुनी संख्या में चीनी सैनिकों को मारकर शाहदत दी.