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तजाकिस्तान में फंसे अजमेर के 8 छात्रों के परिजनों ने सरकार से लगाई बच्चों की वतन वापसी की गुहार - भारतीय दूतावास

अजमेर के 8 छात्र तजाकिस्तान में फंसे हैं. ये छात्र लगातार अपने घर आने की सरकार से गुहार लगा रहे हैं. बता दें कि राजस्थान के लगभग 800 से अधिक छात्र तजाकिस्तान में फंसे हैं.

अजमेर समाचार, Ajmer news
अजमेर के 8 छात्रों के परिजनों ने लगाई वतन वापसी की गुहार
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Published : May 26, 2020, 10:18 PM IST

अजमेर. कोरोना महामारी के चलते काफी लोग इधर-उधर फंसे हुए है. ऐसे में उन लोगों को लगातार वतन वापसी कराने के लिए कवायद की जा रही है. इसमें अजमेर के 8 छात्र तजाकिस्तान में फंसे हैं. परिवार के लोगों ने बताया कि उनके बच्चे 3 साल से तजाकिस्तान में एमबीबीएस की तैयारियां कर रहे हैं, जिस तरह से देश भर में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लगाया गया था, उसके बाद से वह लगातार अपने घर आने की सरकार से गुहार लगा रहे हैं.

अजमेर के 8 छात्रों के परिजनों ने लगाई वतन वापसी की गुहार

वहीं, परिजनों की मानें तो उनका कहना है कि राजस्थान के लगभग 800 से अधिक छात्र तजाकिस्तान में फंसे हैं. वहीं, अजमेर के 8 छात्र तजाकिस्तान में एमबीबीएस की तैयारी कर रहे थे, जिसके बाद देश में कोरोना महामारी के चलते स्थिति बिगड़ने के बाद सभी छात्र वहीं फंस गए. ऐसे में अब उनके बच्चों पर पढ़ाई के साथ-साथ रोजी-रोटी का भी संकट आ चुका है. इस दौरान भारतीय दूतावास की ओर से उनकी कोई भी सहायता भी नहीं की जा रही है.

पढ़ें- अजमेरः नर्सेज यूनियन ने काली पट्टी बांधकर किया विरोध-प्रर्दशन

साथ ही बताया कि यूनिवर्सिटी में डॉक्टरी का कोर्स पूरा करने भारत के 1280 सहित राजस्थान के 800 से अधिक छात्र तजाकिस्तान में मौजूद है. वहीं, अजमेर के 8 छात्र भी सम्मिलित है, जिनमें दिनेश पुत्र सुरेश मंगलानी, हरिओम पुत्र रामकिशोर मीणा, अर्णव पुत्र ऋषिकेश दाधीच, कलीम अशरफ पुत्र हसन, महबूब पुत्र इब्राहिम, डिंपल चौधरी पुत्र रामनिवास चौधरी, राकेश गहलोत, विशाल छिपा, निरंजन वैष्णव, वंदना कुमावत इब्राहिम काठात और देवेश भी शामिल हैं, जिनमें जयपुर, भीलवाड़ा, पाली, नागौर सहित ब्यावर के भी छात्र मौजूद हैं.

भारतीय दूतावास के बाहर छात्रों ने लगाया डेरा

वहीं, परिवार की ओर से बताया गया कि छात्र भारतीय दूतावास के बाहर डेरा जमा कर बैठे हुए हैं, लेकिन वहां ना तो उनकी सुनवाई की जा रही है और ना ही दूतावास में काम करने वालों ने इस मामले में कोई दिलचस्पी भी दिखाई है. यह जरूर पता लगा है कि राजस्थान सरकार के छात्रों को लाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नागरिक उड्डयन मंत्रालय से लगातार बात कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उसमें कोई भी प्रगति नजर नहीं आ रही.

13 जून के बाद ही होगी फ्लाइट

तजाकिस्तान में फंसे छात्रों के अनुसार 27 मई में केरल और राजस्थान के लिए एक-एक फ्लाइट है, जिसमें राजस्थान के कुल डेढ़ सौ लोग ही उस फ्लाइट में शामिल किए गए हैं. उसके बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि 13 जून के बाद ही कोई फ्लाइट फिर से राजस्थान आएगी. तब तक सभी छात्रों को तजाकिस्तान में ही रहना होगा.

अजमेर. कोरोना महामारी के चलते काफी लोग इधर-उधर फंसे हुए है. ऐसे में उन लोगों को लगातार वतन वापसी कराने के लिए कवायद की जा रही है. इसमें अजमेर के 8 छात्र तजाकिस्तान में फंसे हैं. परिवार के लोगों ने बताया कि उनके बच्चे 3 साल से तजाकिस्तान में एमबीबीएस की तैयारियां कर रहे हैं, जिस तरह से देश भर में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लगाया गया था, उसके बाद से वह लगातार अपने घर आने की सरकार से गुहार लगा रहे हैं.

अजमेर के 8 छात्रों के परिजनों ने लगाई वतन वापसी की गुहार

वहीं, परिजनों की मानें तो उनका कहना है कि राजस्थान के लगभग 800 से अधिक छात्र तजाकिस्तान में फंसे हैं. वहीं, अजमेर के 8 छात्र तजाकिस्तान में एमबीबीएस की तैयारी कर रहे थे, जिसके बाद देश में कोरोना महामारी के चलते स्थिति बिगड़ने के बाद सभी छात्र वहीं फंस गए. ऐसे में अब उनके बच्चों पर पढ़ाई के साथ-साथ रोजी-रोटी का भी संकट आ चुका है. इस दौरान भारतीय दूतावास की ओर से उनकी कोई भी सहायता भी नहीं की जा रही है.

पढ़ें- अजमेरः नर्सेज यूनियन ने काली पट्टी बांधकर किया विरोध-प्रर्दशन

साथ ही बताया कि यूनिवर्सिटी में डॉक्टरी का कोर्स पूरा करने भारत के 1280 सहित राजस्थान के 800 से अधिक छात्र तजाकिस्तान में मौजूद है. वहीं, अजमेर के 8 छात्र भी सम्मिलित है, जिनमें दिनेश पुत्र सुरेश मंगलानी, हरिओम पुत्र रामकिशोर मीणा, अर्णव पुत्र ऋषिकेश दाधीच, कलीम अशरफ पुत्र हसन, महबूब पुत्र इब्राहिम, डिंपल चौधरी पुत्र रामनिवास चौधरी, राकेश गहलोत, विशाल छिपा, निरंजन वैष्णव, वंदना कुमावत इब्राहिम काठात और देवेश भी शामिल हैं, जिनमें जयपुर, भीलवाड़ा, पाली, नागौर सहित ब्यावर के भी छात्र मौजूद हैं.

भारतीय दूतावास के बाहर छात्रों ने लगाया डेरा

वहीं, परिवार की ओर से बताया गया कि छात्र भारतीय दूतावास के बाहर डेरा जमा कर बैठे हुए हैं, लेकिन वहां ना तो उनकी सुनवाई की जा रही है और ना ही दूतावास में काम करने वालों ने इस मामले में कोई दिलचस्पी भी दिखाई है. यह जरूर पता लगा है कि राजस्थान सरकार के छात्रों को लाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नागरिक उड्डयन मंत्रालय से लगातार बात कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उसमें कोई भी प्रगति नजर नहीं आ रही.

13 जून के बाद ही होगी फ्लाइट

तजाकिस्तान में फंसे छात्रों के अनुसार 27 मई में केरल और राजस्थान के लिए एक-एक फ्लाइट है, जिसमें राजस्थान के कुल डेढ़ सौ लोग ही उस फ्लाइट में शामिल किए गए हैं. उसके बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि 13 जून के बाद ही कोई फ्लाइट फिर से राजस्थान आएगी. तब तक सभी छात्रों को तजाकिस्तान में ही रहना होगा.

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