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धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध: दशहरा महोत्सव का इस बार भी नहीं होगा आयोजन

अजमेर में दशहरा महोत्सव का आयोजन इस साल भी नहीं होगा. राज्य सरकार की ओर से अबतक जारी कोरोना गाइडलाइन के अनुसार धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा रखा है. जिसके चलते इस साल भी रावण दहन का कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो सकेगा. साथ ही दशहरा महोत्सव में होने वाले सांस्कृतिक और मनोरंजन से जुड़े सभी कार्यक्रमों पर भी प्रतिबंध रहेगा. फिलहाल नगर निगम को राज्य सरकार की नई गाइडलाइन का इंतजार है.

Dussehra festival will not be organized in Ajmer this year also
अजमेर में दशहरा महोत्सव का इस साल भी नहीं होगा आयोजन
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Published : Oct 5, 2021, 6:05 PM IST

अजमेर. कोरोना महामारी के चलते क्षेत्र में इस बार भी दशहरा महोत्सव होने की उम्मीद कम नजर आ रही है. पिछले साल भी कोरोना महामारी के चलते धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध था. ऐसे में इस बार भी सरकार की ओर से अबतक जारी गाइडलाइन के अनुसार सभी धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा हुआ है. फिलहाल अजमेर नगर निगम को राज्य सरकार की नई गाइडलाइन का इंतजार है.

कोरोना महामारी के चलते नगर निगम की ओर से पटेल मैदान में किए जाने वाले रावण दहन की संभावना कम नजर आ रही है. वहीं 10 दिवसीय दशहरा महोत्सव और इस बीच हर रोज शाम को होने वाले गरबा समारोह का आयोजन भी नहीं होगा. नगर निगम की ओर से होने वाली आतिशबाजी के नजारे भी इस बार देखने को नहीं मिलेंगे. निगम ने अब तक इन आयोजनों की कोई तैयारी नहीं की है. फिलहाल नगर निगम को राज्य सरकार की नई गाइडलाइन का इंतजार है.

पढ़ें. राजस्थान : मूलभूत सुविधाएं तो दूर शव दफनाने के लिए भी नहीं मिल पा रही जमीन, अधिकार पाने के लिए कर रहे आंदोलन

अजमेर नगर निगम की ओर से आयोजित किया जाने वाला 10 दिवसीय दशहरा महोत्सव आमजन के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है. नवरात्र में दुर्गा प्रतिमा की स्थापना से दशहरा महोत्सव की शुरुआत होती है. इस दौरान शाम को विधिवत पूजा अर्चना के साथ पटेल स्टेडियम में विशाल गरबा कार्यक्रम का आयोजन 9 दिन तक रहता है. दसवें दिन नगर निगम की ओर से ठेका देकर बनवाए जाने वाले विशाल रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का पारंपरिक तरीके से दहन होता है. इस दौरान पटेल स्टेडियम में हजारों की संख्या में लोग रावण दहन के अवसर पर मौजूद रहते हैं. शहर के भीतरी इलाके में स्थित रघुनाथ मंदिर से पारंपरिक तरीके से भगवान रघुनाथ जी सवारी निकाली जाती है.

सवारी शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए रावण दहन से पहले पटेल स्टेडियम पहुंचती है. इस दौरान शहर के प्रबुद्ध लोग मौजूद रहते हैं. रावण दहन के पश्चात नगर निगम की ओर से आतिशबाजी की जाती है. पिछले साल भी कोरोना के चलते दशहरा महोत्सव का आयोजन नहीं हो पाया था. वहीं इस बार भी दशहरा महोत्सव का आयोजन नहीं होने से नगर निगम के पार्षदों और आमजन में निराशा व्याप्त है. हालांकि इस निराशा के भाव को कलेक्टर के माध्यम से राज्य सरकार तक पहुंचा दिया गया है. साथ ही दशहरा महोत्सव मनाने के लिए सरकार से स्वीकृति भी मांगी गई है.

नगर निगम की मेयर ब्रज लता हाड़ा ने बताया कि सरकार की ओर से नई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है. जबकि स्कूल, कॉलेज, सीनेमा हॉल खुल चुके हैं. प्रदेश में बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन भी हो चुके हैं. बावजूद इसके सरकार ने धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा रखा है. इस वजह से दशहरा महोत्सव को लेकर अभी तक कोई तैयारी नहीं की गई है. वहीं नगर निगम की ओर से आतिशबाजी का कार्यक्रम भी नहीं होगा.

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धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध को लेकर नगर निगम ने दशहरा महोत्सव को लेकर किसी तरह के वैकल्पिक इंतजाम भी नहीं किए हैं. निगम में पूर्व में होली स्नेह मिलन समारोह का आयोजन हो चुका है. यह आयोजन केवल नगर निगम के अधिकारियों कर्मचारियों और पार्षदों के लिए था, लेकिन कार्यक्रम में भीड़ जुटने की वजह से गाइडलाइन की धज्जियां भी उड़ती नजर आई थी. प्रशासन ने नगर निगम को नोटिस भी थमा दिया था. कोरोना गाइडलाइन की अवहेलना को लेकर पार्षदों के चालान भी काटे गए थे यही वजह है कि इस बार नगर निगम दशहरा महोत्सव को लेकर रिस्क नहीं लेना चाहता. राज्य सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका के मद्देनजर धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा रखा है.

अजमेर. कोरोना महामारी के चलते क्षेत्र में इस बार भी दशहरा महोत्सव होने की उम्मीद कम नजर आ रही है. पिछले साल भी कोरोना महामारी के चलते धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध था. ऐसे में इस बार भी सरकार की ओर से अबतक जारी गाइडलाइन के अनुसार सभी धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा हुआ है. फिलहाल अजमेर नगर निगम को राज्य सरकार की नई गाइडलाइन का इंतजार है.

कोरोना महामारी के चलते नगर निगम की ओर से पटेल मैदान में किए जाने वाले रावण दहन की संभावना कम नजर आ रही है. वहीं 10 दिवसीय दशहरा महोत्सव और इस बीच हर रोज शाम को होने वाले गरबा समारोह का आयोजन भी नहीं होगा. नगर निगम की ओर से होने वाली आतिशबाजी के नजारे भी इस बार देखने को नहीं मिलेंगे. निगम ने अब तक इन आयोजनों की कोई तैयारी नहीं की है. फिलहाल नगर निगम को राज्य सरकार की नई गाइडलाइन का इंतजार है.

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अजमेर नगर निगम की ओर से आयोजित किया जाने वाला 10 दिवसीय दशहरा महोत्सव आमजन के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है. नवरात्र में दुर्गा प्रतिमा की स्थापना से दशहरा महोत्सव की शुरुआत होती है. इस दौरान शाम को विधिवत पूजा अर्चना के साथ पटेल स्टेडियम में विशाल गरबा कार्यक्रम का आयोजन 9 दिन तक रहता है. दसवें दिन नगर निगम की ओर से ठेका देकर बनवाए जाने वाले विशाल रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का पारंपरिक तरीके से दहन होता है. इस दौरान पटेल स्टेडियम में हजारों की संख्या में लोग रावण दहन के अवसर पर मौजूद रहते हैं. शहर के भीतरी इलाके में स्थित रघुनाथ मंदिर से पारंपरिक तरीके से भगवान रघुनाथ जी सवारी निकाली जाती है.

सवारी शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए रावण दहन से पहले पटेल स्टेडियम पहुंचती है. इस दौरान शहर के प्रबुद्ध लोग मौजूद रहते हैं. रावण दहन के पश्चात नगर निगम की ओर से आतिशबाजी की जाती है. पिछले साल भी कोरोना के चलते दशहरा महोत्सव का आयोजन नहीं हो पाया था. वहीं इस बार भी दशहरा महोत्सव का आयोजन नहीं होने से नगर निगम के पार्षदों और आमजन में निराशा व्याप्त है. हालांकि इस निराशा के भाव को कलेक्टर के माध्यम से राज्य सरकार तक पहुंचा दिया गया है. साथ ही दशहरा महोत्सव मनाने के लिए सरकार से स्वीकृति भी मांगी गई है.

नगर निगम की मेयर ब्रज लता हाड़ा ने बताया कि सरकार की ओर से नई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है. जबकि स्कूल, कॉलेज, सीनेमा हॉल खुल चुके हैं. प्रदेश में बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन भी हो चुके हैं. बावजूद इसके सरकार ने धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा रखा है. इस वजह से दशहरा महोत्सव को लेकर अभी तक कोई तैयारी नहीं की गई है. वहीं नगर निगम की ओर से आतिशबाजी का कार्यक्रम भी नहीं होगा.

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धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध को लेकर नगर निगम ने दशहरा महोत्सव को लेकर किसी तरह के वैकल्पिक इंतजाम भी नहीं किए हैं. निगम में पूर्व में होली स्नेह मिलन समारोह का आयोजन हो चुका है. यह आयोजन केवल नगर निगम के अधिकारियों कर्मचारियों और पार्षदों के लिए था, लेकिन कार्यक्रम में भीड़ जुटने की वजह से गाइडलाइन की धज्जियां भी उड़ती नजर आई थी. प्रशासन ने नगर निगम को नोटिस भी थमा दिया था. कोरोना गाइडलाइन की अवहेलना को लेकर पार्षदों के चालान भी काटे गए थे यही वजह है कि इस बार नगर निगम दशहरा महोत्सव को लेकर रिस्क नहीं लेना चाहता. राज्य सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका के मद्देनजर धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा रखा है.

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