अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह शरीफ़ के खुलने के साथ ही जायरीनों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. कोरोना से हिफ़ाज़त और एहतियात के चलते दरगाह के प्रबन्धन के कार्य के लिए मौजूद कमेटी ने जायरीनों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर व्यवस्था चाकचौबंद कर दी है.
90 दिन सुरक्षित हो जाता है स्थान
पहले चरण में सामाजिक दूरी, मास्क, साफ-सफाई, सैनिटाइजर, हिदायती बोर्ड आदि की व्यवस्था की है. वहीं इस कड़ी में दरगाह में एक खास किस्म का कोविड कोट स्प्रे करवाया गया है. यह स्प्रे उस स्थान पर एक विशेष तरह की सतह बना देता है. इस सतह की खास बात यह होती है कि अगर कोई कोरोना से प्रभावित व्यक्ति भी उस स्थान को छूता और उसके बाद कोई दूसरा उसे छुए तो उस पर इस वायरस का असर नहीं होता है. एक और खास बात यह है कि जहां पर यह स्प्रे कोट किया जाता है, वह स्थान अगले 90 दिनों के लिए सुरक्षित हो जाता है.
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पहले भी करवाया थो कोविड कोट स्प्रे
गौरतलब है कि इस पहले जब 7 सितंबर 2020 को दरगाह को कोरोना की पहली लहर के बाद खोला गया था, उससे पहले भी कमेटी की ओर से दरगाह शरीफ़ में कोविड कोट स्प्रे करवाया गया था जिसके लिए सभी ने इस कार्य को सराहा था. चूंकि दरगाह में बड़ी संख्या में जायरीन आते हैं, ऐसे में सभी की सुरक्षा को देखते हुए कोविड कोट स्प्रे करवाया गया है ताकि यहां आने वाले जायरीन दूसरे को प्रभावित न करें.