अजमेर. कोरोना संक्रमण काल में जिस तरह से पूरा देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. कहीं ना कहीं इस संक्रमण का डंक पर्यटन विभाग पर भी देखने को मिला है. इसके चलते पर्यटन स्थल पिछले 3 महीनों से सूने पड़े हैं. किसी भी तरह की आवाजाही पर्यटन स्थलों पर नहीं देखी गई और ना ही अभी तक राजस्थान सरकार द्वारा गाइडलाइन में पर्यटक स्थलों को कोई राहत दी गई है. दरअसल, पर्यटन स्थलों से काफी लोगों का व्यापार जुड़ा है, जिससे लोग आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे हैं.
महाराजा अर्नोराज द्वारा स्थापित ऐतिहासिक आनासागर झील पूरे देश में काफी प्रचलित झीलों में से एक है, यहां काफी संख्या में पर्यटन भी आते हैं, लेकिन कोरोना काल के चलते इस समय आनासागर झील एवं ऐतिहासिक बारादरी सूनी पड़ी हुई है. कोरोना के बढ़ते के चलते इसे बंद कर दिया गया है.
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बता दें कि लाखों की संख्या में पर्यटक यहां भ्रमण करने आते हैं, जिससे अजमेर के पर्यटन स्थलों पर काफी संख्या में भी लोगों की आवाजाही देखी जाती है. क्योंकि, अजमेर में सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से लगभग 18 किलोमीटर दूर पुष्कर में विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर स्थापित है, जिसके चलते हर रोज काफी संख्या में पर्यटक अजमेर पहुंचते हैं. लेकिन पिछले 3 महीनों से ज्यादा का समय बीत चुका है. इस बीच किसी भी पर्यटन स्थलों को खोलने की अनुमति नहीं दी गई है.
मई और जून के महीनों में पर्यटकों की बात की जाए तो काफी तादाद में इस समय पर्यटक अजमेर में पहुंचते हैं. क्योंकि, यह समय ग्रीष्मकालीन अवकाश का रहता है. लेकिन इस बार कोरोना काल ने सब कुछ बंद कर रखा है. वहीं, पर्यटन स्थल पर लोगों की आवाजाही के कारण काफी लोगों का रोजगार चलता है. लेकिन उनकी स्थिति भी अब दयनीय हो चुकी है.
इस संबंध में राजस्थानी कला व सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल बंजारा ने जानकारी देते हुए बताया कि अजमेर की बात की जाए तो कोरोना संक्रमण काल में अढाई दिन का झोपड़ा, अकबर का किला, ऐतिहासिक आनासागर व बारादरी एवं धार्मिक स्थल समेत सभी सार्वजनिक स्थान अभी तक बंद है, जिसके चलते पर्यटन उद्योग को काफी नुकसान पहुंचा है. इससे इस व्यवसाय से जुड़े 7 से 8 हजार लोगों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिनको अब तक लाखों का घाटा हो चुका है.