अजमेर. केंद्र के नए कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस विधानसभा वार हस्ताक्षर अभियान चला रही है. इस क्रम में भीलवाड़ा के आसींद विधानसभा से पूर्व विधायक हगामी लाल मेवाड़ा को हस्ताक्षर अभियान के लिए अजमेर जिले का प्रभारी बनाया है. मेवाड़ा ने अजमेर में शहर और देहात कांग्रेस के पदाधिकारियों और हारे जीते विधायकों के साथ सार्वजनिक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में बैठक ली.
केंद्र सरकार के नए कृषि कानून के खिलाफ प्रदेश भर में हर विधानसभा में कांग्रेस हस्ताक्षर अभियान चला रही है. अजमेर में शहर और देहात के पदाधिकारी, ब्लॉक अध्यक्ष, यूथ कांग्रेस, महिला कांग्रेस, सेवादल के पदाधिकारियों के साथ कृषि कानून 2020 के विरोध में हस्ताक्षर अभियान को लेकर प्रभारी हगामी लाल मेवाड़ा ने बैठक ली.
ईटीवी भारत से बातचीत में पूर्व विधायक हगामी लाल मेवाड़ा ने बताया कि कृषि कानून 2020 बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बनाया गया है. इसमें किसान और छोटे व्यापारियों को नुकसान है. बड़े व्यापारी किसानों से 6 महीने पहले ही फसल की कीमत तय करेंगे. 6 महीने बाद यदि फसल की कीमत ज्यादा होगी तो उसका फायदा किसान को नहीं मिल कर बड़े व्यापारी को मिलेगा, जिसका सीधा नुकसान किसान को होगा.
उन्होंने बताया कि अजमेर जिले में कांग्रेस के पदाधिकारियों हारे जीते विधायकों के साथ हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की गई है. सभी पदाधिकारियों को हस्ताक्षर अभियान से जोड़कर उन्हें ज्यादा से ज्यादा हस्ताक्षर करवाने के लिए कहा गया है. उन्होंने बताया कि कम से कम हर विधानसभा क्षेत्र से 5000 हस्ताक्षर करवाने का लक्ष्य रखा गया है. 3 नवंबर को पुनः अजमेर में पदाधिकारियों के साथ बैठक होगी.
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इसमें जिले की आठ विधानसभा क्षेत्र से 40 हजार हस्ताक्षर लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौपे जाएंगे. प्रदेश कांग्रेस कमेटी 200 विधानसभा क्षेत्रों से आए हस्ताक्षर को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी को सौंपी गई. इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व राष्ट्रपति को किसानों के विरोध में बनाए गए कृषि कानून 2020 के विरुद्ध राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया जाएगा.