अजमेर. राजस्थान के अजमेर में नगर निगम की साधारण सभा की बैठक को असंवैधानिक बताकर मोर्चा खोले कांग्रेसी पार्षदों ने मामले को जयपुर डीएलबी निदेशक तक पंहुचा दिया है. वहीं, साधारण सभा की बैठक को स्थगित करने की मांग की (Congress councillors demand stay on Nagar Nigam general meeting) है.
सोमवार को कांग्रेसी पार्षदों ने रणनीति के तहत तीन प्रतिनिधिमंडल बनाकर नगर निगम की साधारण सभा की हुई बैठक को स्थगित करवाने की मांग रखी. कांग्रेसी पार्षदों का एक प्रतिनिधिमंडल जयपुर डीएलबी निदेशक से मिल कर अजमेर नगर निगम की साधारण सभा की बैठक की कार्रवाई की जांच कर बैठक को स्थगित करने की मांग रखी. वहीं दूसरे प्रतिनिधिमंडल ने संभागीय आयुक्त के समक्ष अपनी मांग उठाई है. तीसरे प्रतिनिधिमंडल ने कलक्टर से मुलाकात कर अपनी मांग दोहराई.
बैठक में प्रस्ताव पारित हुआ तब बीजेपी पार्षदों का नहीं था बहुमत: कांग्रेस पार्षद गजेंद्र सिंह रलावता ने बताया कि साधारण सभा की बैठक में एजेंडे में शामिल प्रस्तावों पर चर्चा नहीं हुई. बल्कि हंगामे के बीच प्रस्ताव पारित कर लिए गए. रलावता का कहना है कि सदन की कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग कांग्रेसी पार्षदों के पास उपलब्ध है. रलावता का आरोप है कि हंगामे के बीच प्रस्ताव पारित किए जा रहे थे, तब सदन में बीजेपी पार्षदों का कोरम भी पूरा नहीं था. रलावता ने बताया कि कांग्रेसी पार्षदों का एक दल जयपुर में उच्च अधिकारियों एवं कांग्रेस के नेताओं से मिला है. उन्होंने अजमेर नगर निगम में भाजपा बोर्ड की मनमानी की शिकायत की है.
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नगर पालिका अधिनियम की उड़ाई धज्जियां: कांग्रेस से मनोनीत पार्षद विपिन बैसिल ने आरोप लगाया कि 21 अप्रैल को नगर निगम की साधारण सभा की बैठक में भाजपा बोर्ड ने नगर पालिका अधिनियम की धज्जियां उड़ाई. कांग्रेस के पार्षद असंवैधानिक तरीके से हुई साधारण सभा को स्थगित करने की पहले दिन से मांग कर रहे हैं. कांग्रेसी पार्षदों का एक दल जयपुर डीएलबी निदेशक और कांग्रेस के नेताओं से मिलकर शिकायत की है. वहीं संभागीय आयुक्त एवं कलक्टर से भी शिकायत कर साधारण सभा को स्थगित करने की मांग उठाई गई है.
भाजपा बोर्ड के खिलाफ कांग्रेस पार्षदों ने खोल रखा है मोर्चा: बता दें कि 21 अप्रैल को जवाहर रंगमंच पर नगर निगम की एक वर्ष बाद साधारण सभा आयोजित की थी. साधारण सभा से पहले ही कांग्रेसी पार्षद भाजपा बोर्ड को घेरने की तैयारी कर चुके थे. एजेंडे में प्रस्ताव जुड़ाने के लिए कांग्रेसी पार्षदों ने विरोध प्रदर्शन किया. बाद में साधारण सभा की बैठक में प्रस्तावों पर चर्चा करने एवं जनहित के मुद्दों को लेकर भी चर्चा करने के मुद्दे पर भाजपा बोर्ड को घेरा. विरोध करते हुए कांग्रेसी पार्षद मंच पर चढ़ गए. इस दौरान बीजेपी पार्षद भी मेयर के पक्ष में आ डटे. हंगामे के बीच महज नौ मिनट में एजेंडे के 15 में से 14 प्रस्ताव पारित करवा लिए गए. जबकि एक प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया.