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अजमेर में वार्डों के परिसीमन को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग

अजमेर नगर निगम के नए वार्डों के परिसीमन और वार्डों के पुनर्गठन की सूची जारी हो चुकी है. निगम की तरफ से परिसीमन को लेकर आपत्तियां मांगी गई हैं, जिसके लिए 15 दिन का समय डीएलबी द्वारा दिया गया है. कांग्रेस, परिसीमन को शहरी क्षेत्र के विकास के लिए सही मान रही है, वहीं, बीजेपी ने वार्डों के परिसीमन को कांग्रेसीकरण करने का आरोप लगा रही है.

परिसीमन को लेकर कांग्रेस-बीजेपी आमने सामने
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Published : Jul 6, 2019, 6:36 PM IST

अजमेर. नगर निगम के नए वार्डों के परिसीमन और वार्डों के पुनर्गठन की सूची जारी हो चुकी है. निगम की तरफ से परिसीमन को लेकर आपत्तियां मांगी गई है, जिसके लिए 15 दिन का समय डीएलबी द्वारा दिया गया है. वहीं, मौजूदा 60 वार्डों का परिसीमन करके 80 वार्डों में तब्दील किया गया है. यानी अगले साल नवंबर में नगर निगम के चुनाव में 80 वार्डों में पार्षद के चुनाव होंगे.

परिसीमन को लेकर कांग्रेस-बीजेपी आमने सामने

हालांकि, मेयर का चुनाव सीधे तौर पर होगा. जनता खुद मेयर चुनेगी. नए परिसीमन में 21 वार्ड अनुसूचित जाति और एक वार्ड अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया गया है. नए परिसीमन से कई पार्षदों की वर्षों से तैयार हुई राजनीतिक जमीन सरक गई है. खास बात यह है कि नगर निगम चुनाव के बाद शहर के दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से चुने जाने वाले 42 पार्षदों का दबदबा रहेगा.

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ललित भाटी ने कहा कि वार्डो के परिसीमन से नगर निगम के मौजूदा 60 वार्डों की संख्या बढ़कर 80 हो जाएगी, जिससे जनप्रतिनिधियों की संख्या भी बढ़ेगी और क्षेत्र के विकास को बल मिलेगा. भाटी ने कहा कि गाइडलाइन के अनुरूप ही परिसीमन और वार्डों का पुनर्गठन हुआ है. इसमें हेर-फेर की कोई गुंजाइश नहीं है. उन्होंने कहा कि इस जानकारी का अभाव और राजनीतिक करने के उद्देश्य से कांग्रेस सत्ता में है, इस अवधारणा के साथ बीजेपी झूठा आरोप लगा रही है.

नगर निगम में परिसीमन से जो तस्वीर साफ हुई है, उसमें अजमेर उत्तर और दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के वादों के साथ ही पुष्कर विधानसभा क्षेत्र का एक वार्ड की इस बार नगर निगम में पार्षद की भूमिका रहेगी. 21 वार्ड आरक्षित किए गए हैं. वहीं, शेष 58 वार्डों में से जनरल ओबीसी और महिलाओं के लिए आरक्षित वार्ड बनाए जाएंगे. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पार्षद जेके शर्मा ने बताया कि वार्डो के परिसीमन की कोई आवश्यकता नहीं थी, लेकिन कांग्रेस ने कांग्रेसीकरण करने के उद्देश्य से परिसीमन और वार्डों के पुनर्गठन में रुचि दिखाई है.

शर्मा ने कहा कि इससे बीजेपी के कार्यकर्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बीजेपी का कार्यकर्ता जनता के बीच में जाकर कार्य करता है. उन्होंने कहा कि नए परिसीमन और वार्डों के पुनर्गठन की सूची का अध्ययन किया जा रहा है और जहां गड़बड़ी दिखेगी उसको लेकर आपत्ति दर्ज करवाई जाएगी. परिसीमन और वार्डों के पुनर्गठन की सूची के बाद अब देखने वाली बात यह होगी कि दोनों ही प्रमुख दलों की ओर से आपत्ति यहां क्या रहती है.

अजमेर. नगर निगम के नए वार्डों के परिसीमन और वार्डों के पुनर्गठन की सूची जारी हो चुकी है. निगम की तरफ से परिसीमन को लेकर आपत्तियां मांगी गई है, जिसके लिए 15 दिन का समय डीएलबी द्वारा दिया गया है. वहीं, मौजूदा 60 वार्डों का परिसीमन करके 80 वार्डों में तब्दील किया गया है. यानी अगले साल नवंबर में नगर निगम के चुनाव में 80 वार्डों में पार्षद के चुनाव होंगे.

परिसीमन को लेकर कांग्रेस-बीजेपी आमने सामने

हालांकि, मेयर का चुनाव सीधे तौर पर होगा. जनता खुद मेयर चुनेगी. नए परिसीमन में 21 वार्ड अनुसूचित जाति और एक वार्ड अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया गया है. नए परिसीमन से कई पार्षदों की वर्षों से तैयार हुई राजनीतिक जमीन सरक गई है. खास बात यह है कि नगर निगम चुनाव के बाद शहर के दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से चुने जाने वाले 42 पार्षदों का दबदबा रहेगा.

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ललित भाटी ने कहा कि वार्डो के परिसीमन से नगर निगम के मौजूदा 60 वार्डों की संख्या बढ़कर 80 हो जाएगी, जिससे जनप्रतिनिधियों की संख्या भी बढ़ेगी और क्षेत्र के विकास को बल मिलेगा. भाटी ने कहा कि गाइडलाइन के अनुरूप ही परिसीमन और वार्डों का पुनर्गठन हुआ है. इसमें हेर-फेर की कोई गुंजाइश नहीं है. उन्होंने कहा कि इस जानकारी का अभाव और राजनीतिक करने के उद्देश्य से कांग्रेस सत्ता में है, इस अवधारणा के साथ बीजेपी झूठा आरोप लगा रही है.

नगर निगम में परिसीमन से जो तस्वीर साफ हुई है, उसमें अजमेर उत्तर और दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के वादों के साथ ही पुष्कर विधानसभा क्षेत्र का एक वार्ड की इस बार नगर निगम में पार्षद की भूमिका रहेगी. 21 वार्ड आरक्षित किए गए हैं. वहीं, शेष 58 वार्डों में से जनरल ओबीसी और महिलाओं के लिए आरक्षित वार्ड बनाए जाएंगे. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पार्षद जेके शर्मा ने बताया कि वार्डो के परिसीमन की कोई आवश्यकता नहीं थी, लेकिन कांग्रेस ने कांग्रेसीकरण करने के उद्देश्य से परिसीमन और वार्डों के पुनर्गठन में रुचि दिखाई है.

शर्मा ने कहा कि इससे बीजेपी के कार्यकर्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बीजेपी का कार्यकर्ता जनता के बीच में जाकर कार्य करता है. उन्होंने कहा कि नए परिसीमन और वार्डों के पुनर्गठन की सूची का अध्ययन किया जा रहा है और जहां गड़बड़ी दिखेगी उसको लेकर आपत्ति दर्ज करवाई जाएगी. परिसीमन और वार्डों के पुनर्गठन की सूची के बाद अब देखने वाली बात यह होगी कि दोनों ही प्रमुख दलों की ओर से आपत्ति यहां क्या रहती है.

Intro:अजमेर। अजमेर नगर निगम के नए वार्डों के परिसीमन और बड़ों के पुनर्गठन की सूची जारी हो चुकी है नगर निगम परिसीमन को लेकर आपत्तियां मांगेगा इसके लिए 15 दिन का समय डीएलबी द्वारा दिया गया है कांग्रेस ने परिसीमन को शहरी क्षेत्र के विकास के लिए सही मान रही है वहीं बीजेपी ने वार्डो के परिसीमन को कांग्रेसी करण करने का आरोप लगाया है।

अजमेर नगर निगम के क्षेत्र का विस्तार नए परिसीमन और वार्डों की पुनर्गठन से नहीं हुआ है बल्कि मौजूदा 60 वार्डों का परिसीमन करके 80 वार्डों में तब्दील किया गया है यानी अगले साल नवंबर में नगर निगम के चुनाव में 80 वार्डों में पार्षद के चुनाव होंगे हालांकि मेयर का चुनाव सीधे तौर पर होगा जनता खुद मेयर चुने की नए परिसीमन में 21 वार्ड अनुसूचित जाति और एक बार अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया गया है नए परिसीमन से कई पार्षदों की वर्षों से तैयार हुई राजनीतिक जमीन सरक गई है खास बात यह है कि नगर निगम चुनाव के बाद शहर के दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से चुने जाने वाले 42 पार्षदों का दबदबा रहेगा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ललित भाटी ने कहा कि वार्डो के परिसीमन से नगर निगम के मौजूदा 60 वार्डों की संख्या बढ़कर 80 हो जाएगी जिससे जनप्रतिनिधियों की संख्या भी बढ़ेगी और क्षेत्र के विकास को बल मिलेगा भाटी ने कहा कि गाइडलाइन के अनुरूप ही परिसीमन और वादों का पुनर्गठन हुआ है इसमें हेरफेर की कोई गुंजाइश नहीं है उन्होंने कहा कि इस जानकारी का अभाव और राजनीतिक करने के उद्देश्य से कांग्रेस सत्ता में है इस अवधारणा के साथ बीजेपी झूठा आरोप लगा रही है.....
बाइट- ललित भाटी प्रदेश महासचिव कांग्रेस

नगर निगम में परिसीमन से जो तस्वीर साफ हुई है उसमें अजमेर उत्तर और दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के वादों के साथ ही पुष्कर विधानसभा क्षेत्र का एक वार्ड की इस बार नगर निगम में पार्षद की भूमिका रहेगी। 21 वार्ड आरक्षित किए गए हैं वहीं शेष 58 वार्डों में से जनरल ओबीसी और महिलाओं के लिए आरक्षित वार्ड बनाए जाएंगे बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पार्षद जेके शर्मा ने बताया कि वार्डो के परिसीमन की कोई आवश्यकता नहीं थी लेकिन कांग्रेस ने कांग्रेसी करण करने के उद्देश्य से परिसीमन और वार्डों के पुनर्गठन में रुचि दिखाई है शर्मा ने कहा कि इससे बीजेपी के कार्यकर्ता पर कोई असर नहीं पड़ेगा बीजेपी का कार्यकर्ता जनता के बीच में जाकर कार्य करता है उन्होंने कहा कि नए परिसीमन और वार्डों के पुनर्गठन की सूची का अध्ययन किया जा रहा है और जहां गड़बड़ी दिखेगी उसको लेकर आपत्ति दर्ज करवाई जाएगी....
बाइट जेके शर्मा वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पार्षद

परिसीमन और वार्डों के पुनर्गठन की सूची के बाद अब देखने वाली बात यह होगी कि दोनों ही प्रमुख दलों की ओर से आपत्ति यहां क्या रहती है।


Body:प्रियांक शर्मा अजमेर


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