अजमेर. बीती रात दरगाह क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटर सलमान चिश्ती की गिरफ्तारी उसके घर पर की गई. इस दौरान हिस्ट्रीशीटर सलमान चिश्ती और पुलिस अधिकारी के बीच हो रही बातचीत ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. दोनों की बातचीत का एक वीडियो सोशल मीडिया (CO ajmer dargah and salman chishti video viral) पर वायरल हो रहा है. वीडियो वायरल होने के बाद सरकार ने दरगाह पुलिस उपाधीक्षक संदीप सारस्वत को एपीओ कर दिया है.
वीडियो में दिख रहा है कि जब घर से सलमान चिश्ती को लाया जा रहा था तो पुलिस अधिकारी उससे कहते सुनाई दे रहे हैं कि कि ऐसा बोल देना कि बयान नशे में दिया है तो बच जाएगा. इस बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वहीं दूसरी ओर पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने इस मामले में राजस्थान सरकार पर तुष्टीकरण की पराकाष्ठा का आरोप लगाते हुए बड़ा हमला बोला है.
दरगाह थाने के हिस्ट्रीशीटर सलमान चिश्ती की गिरफ्तारी के समय जब उसे उसके घर से थाने लाया जा रहा था. इस बीच पुलिस अधिकारी ने सलमान चिश्ती से पूछा कि उसने कौन सा नशा करके यह बयान दिया था. तब एक पुलिसकर्मी ने कहा कि वह अब भी नशे में है. इस पर पुलिस अधिकारी ने सलमान को कहा कि बोल देना कि नशे में था तो बच जाएगा.
इसको लेकर सीओ दरगाह संदीप सारस्वत ने बताया कि सोशल मीडिया पर जारी वीडियो सही है, लेकिन इसमें वह बात अधूरी है. जिसको लेकर मुद्दा बनाया जा रहा है. सारस्वत ने कहा कि मुझे सीओ पद पर जॉइन किए 20 दिन हुए हैं. सलमान चिश्ती को राहत देने की मेरी कोई मंशा नहीं थी. बल्कि जिस सलमान चिश्ती का भड़काऊ वीडियो संज्ञान में आया था उसी वक्त कड़ी धाराओं में उसके खिलाफ थाने में प्रकरण दर्ज किया गया.
सारस्वत ने बताया कि सलमान चिश्ती थाने का हिस्ट्रीशीटर है और वह आदतन अपराधी होने के साथ-साथ नशेड़ी भी है. गिरफ्तारी के दौरान उसे विश्वास में लेते हुए थाने लाया जा रहा था. उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया था कि सलमान चिश्ती नशे में दीवारों पर सर मार देता है और हमला कर देता है. वहीं खादिम मोहल्ले से उसे गिरफ्तार करके लाना भी मुश्किल टास्क था. इसलिए देर रात उसके घर दबिश दी गई थी और बातचीत करते हुए उसे थाने लेकर आए थे. इसमें मेरी कोई गलत मंशा नहीं थी.
संदीप सारस्वत को सरकार ने किया एपीओ- वहीं, आरोपी का बचाव करना दरगाह पुलिस उपाधीक्षक संदीप सारस्वत को भारी पड़ गया. सरकार ने संदीप सारस्वत को एपीओ कर दिया है. गहलोत सरकार ने देर रात इसको लेकर आदेश जारी किया.
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इधर इस वीडियो के वायरल होने के बाद पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री एवं अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने फेसबुक पर सरकार पर तुष्टीकरण की पराकाष्ठा का आरोप लगाया. देवनानी ने लिखा कि पुलिस एक अपराधी को समझा रही है, बोल देना नशे में था ताकि बच जाए. यह अशोक गहलोत की पुलिस है जो नूपुर शर्मा की गर्दन मांगने वाले अजमेर दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती को बचा रही है. हमें लगा अपराधी को सजा होगी. उन्होंने कहा कि कन्हैयालाल को भी राजस्थान पुलिस ने सुरक्षा नहीं दी थी.
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने वीडियो ट्वीट कर लिखा कि अब जनता तय करे कौन नशे में है. आरोपी, पुलिस या पुलिस का तुष्टिकरण में इस्तेमाल कर रही राजस्थान सरकार. गौरतलब है कि उदयपुर की घटना के बाद शेखावत लगातार गहलोत सरकार पर हमलावर बने हुए हैं. हर दिन सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े रहे हैं. अब चिश्ती की गिरफ्तारी के समय पुलिस की लाचारी को लेकर शेखावत ने सरकार पर फिर से निशाना साधा है.
तुष्टीकरण कर रही है गहलोत सरकार- अजमेर पुलिस के वायरल वीडियो पर जयपुर ग्रामीण सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी बयान जारी कर गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. राठौड़ ने कहा कि वायरल हुआ वीडियो इस बात का सबूत है कि राजस्थान में कांग्रेस के राज में तुष्टीकरण की नीति अपनाई जा रही है. इस वीडियो को देखने के बाद पता चल जाएगा कि किसके इशारे पर कन्हैयालाल को पुलिस की सुरक्षा नहीं मिली और करौली हिंसा के अपराधी अब तक बाहर क्यों घूम रहे हैं. राठौड़ ने कहा कि बीजेपी आईटी सेल के एक पदाधिकारी को 4 दिनों से जान से मारने की धमकी मिल रही है उस पर भी पुलिस ने कुछ नहीं किया. हमें गहलोत सरकार से कुछ उम्मीद है भी नहीं.