अजमेर. ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह पर शुक्रवार को नागरिकता संशोधन कानून का काले झंडे लगाकर विरोध किया गया. दरगाह क्षेत्र के दुकानों और दरगाह के मुख्य निजाम गेट पर काले झंडे टांगकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं, दरगाह शरीफ के उलेमाओं की गुजारिश के बाद जुम्मे की नमाज से पहले आम मुसलमान और जायरीनों ने बाजुओं पर काली पट्टी बांध कर अपना विरोध दर्ज करवाया.
दरअसल, दरगाह के अकबरी मस्जिद में एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें अजमेर शहर और आस- पास कस्बों के उलेमा और मौलानाओं ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और NRC ना सिर्फ संविधान विरोधी है, बल्कि देश के सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न कर देगा.
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वहीं, शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी ने कहा कि काला कानून देश की सदियों पुरानी सांझी विरासत पर जोरदार हमला है. उन्होंने मुसलमानों और उनके बुजुर्गों के जरिए मूल की आजादी में दी गई कुर्बानियों की याद दिलाते हुए कहा कि मुस्लिम समाज देश के संविधान को बचाने के लिए अपनी जिम्मेदारी पूरी करें.
इस बैठक के दौरान सभी मौजूद लोगों ने देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में इस कानून के खिलाफ हो रहे छात्रों के विरोध में अपना समर्थन दिया और छात्रों पर पुलिसिया बर्बरता की कठोर शब्दों में निंदा भी की. वहीं, जामिया मिलिया इस्लामिया, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और बड़े विश्वविद्यालय के घायल छात्रों को जल्द से जल्द स्वस्थ होने की दुआ भी की गई.