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अजमेरः वैक्सीन बर्बादी मामले में राजस्थान सरकार सहित चिकित्सा मंत्री को घेरा भाजपा विधायक ने... सुनें क्या कहा - राजस्थान कोरोना अपडेट खबर

कोरोना वैक्सीन की बर्बादी का मुद्दा धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है. जहां प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस बात का खंडन करती नजर आ रही है तो वहीं, मीडिया की जांच में यह स्पष्ट हो रहा है कि प्रदेश में कई जगह बड़ी मात्रा में वैक्सीन की बर्बादी हो रही है

राजस्थान में वैक्सीन की बर्बादी, Vaccine wastage in Rajasthan
भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी
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Published : Jun 1, 2021, 5:50 PM IST

Updated : Jun 1, 2021, 7:24 PM IST

अजमेर. प्रदेश में कोरोना वैक्सीन की बर्बादी का मुद्दा गर्माता ही जा रहा है जहां एक और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा लगातार वैक्सीन की कम आपूर्ति को लेकर केंद्र सरकार को निशाना बना रहे थे.ः

वासुदेव देवनानी ने कहा मुख्यमंत्री गहलोत वैक्सीन खराब होने के आंकड़ों को छिपाने में लगे हैं

पढ़ेंः जोधपुरः बाबा रामदेव के बयान का विरोध, एसएन मेडिकल कॉलेज डॉक्टरों ने काली पट्टी बांध जताया विरोध

वहीं, अब वे प्रदेश में वैक्सीन की बर्बादी के मुद्दे का भी खंडन करते नजर आ रहे हैं. दूसरी तरफ मीडिया की ओर से की जा रही जांच पड़ताल में लगातार सरकार के दावों की पोल खुल रही है. मीडिया की ओर से की जा रही जांच पड़ताल में यह स्पष्ट हो रहा है कि प्रदेश में कई जगह बड़ी मात्रा में वैक्सीन की बर्बादी हो रही है. इतनी बड़ी संख्या में वैक्सीन अगर आम लोगों तक पहुंचती तो शायद राजस्थान की अधिकांश जनसंख्या को अब तक वैक्सीनेट किया जा चुका होता.

सरकार कर रही है आंकड़ों की गंदी राजनीति:

वैक्सीन की बर्बादी के मुद्दे पर जब अजमेर विधायक वासुदेव देवनानी से बातचीत की गई तो उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा लगातार वैक्सीन खराब होने के आंकड़ों को छिपाने में लगे हैं. सरकार की ओर से की जा रही इस गंदी राजनीति का दुष्परिणाम जनता को भुगतना पड़ रहा है. अखबारों में प्रमुखता के साथ वैक्सीन की बर्बादी का मुद्दा उछाला जा रहा है, लेकिन सरकार इनका लगातार खंडन कर रही है अपने झूठ को छुपाने के लिए सरकार लगातार झूठ पर झूठ बोलती जा रही है.

हाल ही में अजमेर में 8 जगहों पर वैक्सीन की बर्बादी का पर्दाफाश हुआ है. इस पर अजमेर सीएमएचओ सहित किसी भी अन्य चिकित्सा अधिकारी का कोई बयान जारी नहीं हुआ है. इन 8 जगहों पर करीब साढ़े 11 लाख वैक्सीन की डोज बर्बाद हुई हैं. इतनी वैक्सीन आराम से 10 - 11 लाख से ज्यादा लोगों को लगाई जा सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ केंद्र सरकार पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की सप्लाई कर रही है इस महीने भी 10 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन आने वाली है लेकिन प्रदेश की सरकार वैक्सीन के राजनीतिकरण का गंदा खेल खेल रही है जो कि निंदनीय है. प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह केंद्र को कोसने की बजाय अपनी व्यवस्थाओं को सुधारने पर ध्यान दें ताकि आम जनता को राहत मिल सके.

सोमवार को सीएमएचओ ने जारी किया था बयानः

गौरतलब है कि सोमवार को अजमेर सीएमएचओ डॉ. केके सोनी की ओर से एक बयान जारी किया गया था. जिसमें वैक्सीन की बर्बादी की खबरों का खंडन किया गया था डॉक्टर केके सोनी के अनुसार अजमेर में कहीं भी वैक्सीन की बर्बादी नहीं हो रही है चिकित्सा विभाग वायल में उपलब्ध सभी डोज के पूरे उपयोग का प्रयास करता है, लेकिन फिर भी कभी-कभी परिस्थिति वश एक वायल का पूरा उपयोग नहीं हो पाता उससे सिर्फ 8 या 9 लोगों को ही टीका लग पाता है.

पढ़ेंः हर्षवर्धन ने कहा-टीकों की बर्बादी की जांच करें, गहलोत सरकार कराएगी ऑडिट

केके सोनी ने अपने बयान में कहा था कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कई बार ग्रामीण या आंतरिक क्षेत्रों में पूरे 10 लोग उपलब्ध नहीं हो पाते जितने लोग उपस्थित होते हैं उन्हीं को टीका लगा दिया जाता है. डॉक्टर के के सोने के इस बयान से यह भी सवाल उठ रहा है कि अजमेर में ग्रामीण पंचायती राज क्षेत्रों में पिछले काफी समय से टीकाकरण कैंप लगाने की मांग उठाई जा रही है ऐसे में यदि टीकाकरण के लिए पर्याप्त लोग उपस्थित नहीं हो रहे हैं तो चिकित्सा विभाग पर्याप्त मात्रा में टीके उपलब्ध नहीं होने का दावा कैसे कर रहा है.

अजमेर. प्रदेश में कोरोना वैक्सीन की बर्बादी का मुद्दा गर्माता ही जा रहा है जहां एक और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा लगातार वैक्सीन की कम आपूर्ति को लेकर केंद्र सरकार को निशाना बना रहे थे.ः

वासुदेव देवनानी ने कहा मुख्यमंत्री गहलोत वैक्सीन खराब होने के आंकड़ों को छिपाने में लगे हैं

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वहीं, अब वे प्रदेश में वैक्सीन की बर्बादी के मुद्दे का भी खंडन करते नजर आ रहे हैं. दूसरी तरफ मीडिया की ओर से की जा रही जांच पड़ताल में लगातार सरकार के दावों की पोल खुल रही है. मीडिया की ओर से की जा रही जांच पड़ताल में यह स्पष्ट हो रहा है कि प्रदेश में कई जगह बड़ी मात्रा में वैक्सीन की बर्बादी हो रही है. इतनी बड़ी संख्या में वैक्सीन अगर आम लोगों तक पहुंचती तो शायद राजस्थान की अधिकांश जनसंख्या को अब तक वैक्सीनेट किया जा चुका होता.

सरकार कर रही है आंकड़ों की गंदी राजनीति:

वैक्सीन की बर्बादी के मुद्दे पर जब अजमेर विधायक वासुदेव देवनानी से बातचीत की गई तो उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा लगातार वैक्सीन खराब होने के आंकड़ों को छिपाने में लगे हैं. सरकार की ओर से की जा रही इस गंदी राजनीति का दुष्परिणाम जनता को भुगतना पड़ रहा है. अखबारों में प्रमुखता के साथ वैक्सीन की बर्बादी का मुद्दा उछाला जा रहा है, लेकिन सरकार इनका लगातार खंडन कर रही है अपने झूठ को छुपाने के लिए सरकार लगातार झूठ पर झूठ बोलती जा रही है.

हाल ही में अजमेर में 8 जगहों पर वैक्सीन की बर्बादी का पर्दाफाश हुआ है. इस पर अजमेर सीएमएचओ सहित किसी भी अन्य चिकित्सा अधिकारी का कोई बयान जारी नहीं हुआ है. इन 8 जगहों पर करीब साढ़े 11 लाख वैक्सीन की डोज बर्बाद हुई हैं. इतनी वैक्सीन आराम से 10 - 11 लाख से ज्यादा लोगों को लगाई जा सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ केंद्र सरकार पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की सप्लाई कर रही है इस महीने भी 10 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन आने वाली है लेकिन प्रदेश की सरकार वैक्सीन के राजनीतिकरण का गंदा खेल खेल रही है जो कि निंदनीय है. प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह केंद्र को कोसने की बजाय अपनी व्यवस्थाओं को सुधारने पर ध्यान दें ताकि आम जनता को राहत मिल सके.

सोमवार को सीएमएचओ ने जारी किया था बयानः

गौरतलब है कि सोमवार को अजमेर सीएमएचओ डॉ. केके सोनी की ओर से एक बयान जारी किया गया था. जिसमें वैक्सीन की बर्बादी की खबरों का खंडन किया गया था डॉक्टर केके सोनी के अनुसार अजमेर में कहीं भी वैक्सीन की बर्बादी नहीं हो रही है चिकित्सा विभाग वायल में उपलब्ध सभी डोज के पूरे उपयोग का प्रयास करता है, लेकिन फिर भी कभी-कभी परिस्थिति वश एक वायल का पूरा उपयोग नहीं हो पाता उससे सिर्फ 8 या 9 लोगों को ही टीका लग पाता है.

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केके सोनी ने अपने बयान में कहा था कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कई बार ग्रामीण या आंतरिक क्षेत्रों में पूरे 10 लोग उपलब्ध नहीं हो पाते जितने लोग उपस्थित होते हैं उन्हीं को टीका लगा दिया जाता है. डॉक्टर के के सोने के इस बयान से यह भी सवाल उठ रहा है कि अजमेर में ग्रामीण पंचायती राज क्षेत्रों में पिछले काफी समय से टीकाकरण कैंप लगाने की मांग उठाई जा रही है ऐसे में यदि टीकाकरण के लिए पर्याप्त लोग उपस्थित नहीं हो रहे हैं तो चिकित्सा विभाग पर्याप्त मात्रा में टीके उपलब्ध नहीं होने का दावा कैसे कर रहा है.

Last Updated : Jun 1, 2021, 7:24 PM IST
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