अजमेर. जिले में भाजपा सांसद और विधायकों ने गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला है. आरएसएस प्रचारक पर मुकदमा दर्ज करने के मामले में बीजेपी नेता ज्यादा हमलावर नजर आए. अजमेर सांसद ने गहलोत पर हर मोर्चे पर विफलता का आरोप लगाया.
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पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री एवं विधायक वासुदेव देवनानी ने गहलोत सरकार में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को गिरफ्तार करने की मांग उठा दी. महिला बाल विकास विभाग की पूर्व राज्य मंत्री और विधायक अनिता भदेल ने गहलोत सरकार पर भ्रष्ट अफसरों के बचाने का आरोप लगाया है.
अजमेर भाजपा के नेता और जनप्रतिनिधियों ने जयपुर रोड स्थित एक होटल में प्रेस वार्ता की. सांसद भागीरथ चौधरी ने गहलोत सरकार पर हमला बोला. चौधरी ने कहा कि पौने तीन साल की गहलोत सरकार जनता पर जुल्म ढा रही है और सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है.
चौधरी ने कहा कि महिला अत्याचार, अनुसूचित जाति जनजाति पर हो रहे अत्याचार की रोकथाम, किसानों से किए गए वादे हो, युवा बेरोजगारों को साढे तीन हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता देने का मुद्दा है. बिजली के दाम नहीं बढ़ाने का वादा हो यह सभी झूठे वादे निकले. अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए आरएसएस जैसी पवित्र संस्था को राजनैतिक द्वेषतावश बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने सीएम को चुनौती देते हुए कहा कि जिस तरह से सीएम ने आग में हाथ देने का काम किया है इसके परिणाम उन्हें देखने को भी मिलेंगे. कोई अपराध करता है और उसे सजा मिले जब तो ठीक है, लेकिन किसी निर्दोष को फसाना यह न्याय उचित नहीं है.
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सांसद चौधरी ने कहा कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी सरकार ने कोरोना काल में भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद और अन्य चिकित्सीय उपकरणों की खरीद में भी भ्रष्टाचार किया है. प्रदेश में अराजकता फैली हुई है सरकार नाम की कोई चीज नहीं है. सरकार ही नहीं प्रशासन भी भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है. अधिकारी एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं. संसद से सड़क तक गहलोत सरकार के खिलाफ विरोध करेंगे.
पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री एवं अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार अपनी नाकामियों और अपनी अंतर्कलह को छुपाने और दिल्ली में बैठे अपने आकाओं को खुश करने के लिये बीवीजी कंपनी प्रकरण में जिस प्रकार से राष्ट्रवादी और विशुद्ध रूप से राष्ट्रीय विचारधाराओं के लिए कार्यरत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को आरोपित करने का प्रयास किया गया है वह निंदनीय है. देवनानी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि इनके बाप-दादाओं के नाम और समाप्त करने की भी कोशिश की, लेकिन आरएसएस संगठन बढ़ता ही गया.
देवनानी ने गहलोत सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि वह आग के साथ ना खेले. मामले में दूध का दूध पानी का पानी करें. देवनानी ने मामले में एफएसएल रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान मे हुई एफएसएल रिपोर्ट की जांच में लिखा है कि ऑडियो में कांट-छांट की गई है.
चंडीगढ़ दिल्ली में एफएसएल जांच ना करवाकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तेलंगाना में जांच करवाई है. सब जानते हैं कि तेलंगाना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मित्र हैं. मामले में एफआईआर और एफएसएल रिपोर्ट में भी गड़बड़ी की गई है. देवनानी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सरकार के तीन मंत्रियों को गिरफ्तार करने की मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि रीट परीक्षा 2021 में 100 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार सामने आए हैं.
ऐसे में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, कोरोना काल में प्रदेश के सभी जिलों में सीएमएचओ की ओर से खरीदे गए चिकित्सीय उपकरण और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खरीद में किए गए भ्रष्टाचार पर चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा और परिवहन विभाग में पूर्व में हुए भ्रष्टाचार को लेकर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को गिरफ्तार किया जाना चाहिए. इनकी थर्ड पार्टी से जांच की जाए तो अरबों के घोटाले सामने आएंगे.
देवनानी ने कहा कि सीएसआर को लेकर यदि कोई बातचीत होती है और उस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया जाता है तो यह निंदनीय है. कांग्रेस प्रभारी अजय माकन के राजस्थान दौरे को विफल बताते हुए देवनानी ने कहा कि गहलोत और पायलट ने किसी प्रकार से उनकी बात स्वीकार नहीं की. राजस्थान में अराजकता का माहौल है. इस माहौल से जनता को बचाने के लिए केंद्र सरकार कोई उचित कदम उठाए.
महिला एवं बाल विकास विभाग की पूर्व राज्यमंत्री और अजमेर दक्षिण से विधायक अनिता भदेल ने कहा कि प्रदेश में अपराध चरम पर है. विकास कहीं छुप गया है और कांग्रेस के अपने घर में लड़ाइयां है. अपने घर की लड़ाईयों पर से जनता का ध्यान हटाने के लिए आर एस एस के कार्यकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है. भदेल ने कहा कि लोकेश शर्मा सीएम के ओएसडी है. उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने की बारी आई तब यह तर्क दिया गया कि ऑडियो क्लिप के आधार पर एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती.
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आरएसएस कार्यकर्ता के प्रकरण में कोई परिवादी नहीं है. वहीं, इस प्रकरण में भी ऑडियो क्लिपिंग हैं. जांच में भी यह साबित हो गया है कि ऑडियो क्लिपिंग में कांट-छांट की गई है. इसका मतलब साफ है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ना तो विकास चाहती है और ना ही भ्रष्टाचार पर रोकथाम चाहती है. जितने भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ एसीबी ने कार्रवाई की है उनमें से 75 फिसदी प्रकरणों में फाइल अभियोजन स्वीकृति के लिए लंबित रखी गई है. इस वजह से अफसरशाही बेलगाम है. अजमेर में भाजपा पार्षद पति और बीजेपी कार्यकर्ता रंजन शर्मा के खिलाफ एसीबी कार्रवाई के सवाल पर भदेल ने कहा कि जांच से स्पष्ट हो जाएगा कि एसीबी सही है या गलत. ज्यादातर मामलों में एसीबी आरोपी को सजा तक नहीं दिलवा पाई है.