अजमेर. भाजपा के पूर्व विधायक और जनसंख्या नियंत्रण फाउंडेशन के प्रदेश संरक्षक ज्ञानदेव आहूजा ने गहलोत सरकार पर तीखे प्रहार किए (Gyan Dev Ahuja targets CM Ashok Gehlot) हैं. आहूजा ने आरोप लगाया कि प्रदेश में गहलोत सरकार तुष्टिकरण की नीति अपनाए हुए है. वहीं उन्होंने देश में सन 2024 से पहले जनसंख्या नियंत्रण के तहत 2 बच्चों का कानून आने की संभावना भी जताई है.
आहूजा मंगलवार को अजमेर में थे. पत्रकारों से बातचीत में आहूजा ने कहा कि करौली में सब मिलकर शांति से रह रहे थे, लेकिन वहां हिंसा के दिन 80 प्रतिशत ऑटो चालक एक समुदाय विशेष के थे. उन्होंने उस दिन ऑटो रिक्शा नहीं चला कर योजनाबद्ध तरीके से लूटपाट और आगजनी की घटना को अंजाम दिया था. आहूजा ने कहा कि करौली हिंसा से पहले ही प्रदेश की कानून व्यवस्था चरमरा गई. महिलाओं के साथ दुराचार के मामले बढ़ रहे हैं. लूटपाट की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि सीएम अशोक गहलोत के गृह जिले के प्रत्येक थाने में हर माह 4-4 मुकदमें दुराचार के दर्ज हो रहे हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की क्या स्थिति है.
2024 से पहले देश में दो बच्चों का कानून आने की संभावना: आहूजा ने कहा कि सन 2024 से पहले केंद्र सरकार देश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दो बच्चों का कानून लाने की संभावना है. इसके साथ ही उन्होंने दावा किया है कि 2023 में कांग्रेस की 5 से 15 सीटें आएंगी. जबकि बीजेपी 160 से 170 सीटें लेकर आएगी. शेष सीटें अन्य दलों को मिलेगी.
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राजस्थान की व्यवस्था अवस्था और व्यथा है खराब: आहूजा ने कहा कि विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने समर्थकों के साथ बिजली विभाग के एईएन के साथ मारपीट के मामले में गहलोत कह रहे हैं कि एईएन के 6-7 फैक्चर हैं. जबकि डॉक्टर की रिपोर्ट 22 फैक्चर बता रही है. उन्होंने कहा कि 4 अप्रैल को हाईकोर्ट के आदेश से सीएम गहलोत, तत्कालीन डीजीपी भूपेंद्र यादव, आईजी और गहलोत के ओएसडी देवाराम और जघन्य अपराध के मामले में केस दर्ज हुआ है. एक विधायक के कहने पर 4 लोगों ने एक घर को लूटा, बुजुर्ग महिला के साथ रेप किया. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की क्या स्थिति हो चुकी है.
डोटासरा पर साधा निशाना: आहूजा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर निशाना साधते हुए कहा कि शिक्षा मंत्री रहते हुए डोटासरा ने महाराणा प्रताप के खिलाफ उल-जलूल बयान दिए. पाठ्यक्रम से महाराणा प्रताप का पाठ हटाया गया. रीट परीक्षा में 26 लाख अभ्यार्थियों के साथ अन्याय किया गया. अभ्यर्थी कई वर्षों से तैयारी कर रहे थे. वहीं उनके अभिभावक उनकी शिक्षा को लेकर परेशानी झेल रहे थे. रीट परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर पूर्व मंत्री गुलाबचंद कटारिया विधानसभा में फूट-फूट कर रोए.