अजमेर. अरावली की गोद में बसा एक खूबसूरत शहर है. यहां जैव विविधता भी है. कई तरह के पशु-पक्षी अजमेर की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. कई पशु-पक्षी प्रेमी बेजुबानों के लिए दाना-पानी का इंतजाम करते हैं.
बेजुबान भी अपने चाहने वालों से भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं. लेकिन कोरोना काल में लोग घरों में कैद हैं. ऐसे में पशु-पक्षियों की भी मुश्किल बढ़ गई है. दाना-पानी का इंतजाम नहीं हो रहा है. बेजुबान जानवरों को घायल होने पर इलाज नहीं मिल रहा है.
जिले में अचानक कम हुई कबूतरों की संख्या
अजमेर जिले (Ajmer District) में बजरंगढ़ के पास ही कबूतर शाला (Pigeon House) मौजूद है. कई पक्षी प्रेमी बजरंगढ़ और आनासागर बारादरी पर भी कबूतरों के लिए दाना डालने के साथ ही पीने के पानी की व्यवस्था भी कर देते थे. लेकिन लॉकडाउन की वजह से लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. ऐसे में कबूतरों के लिए दाने-पानी की समस्या खड़ी हो गई है.
दाना-पानी की समस्या
समाजसेवी गोपाल बंजारा बताते हैं कि लॉकडाउन की इस घड़ी में वे पुष्कर के रास्ते में पड़ने वाले बंदरों, मोर, गाय, वन्य पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी उपलब्ध करवाते हुए चलते हैं लेकिन शहर के इन कबूतरों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करना एक बड़ी समस्या बनी हुई है.
कहां चले गए कबूतर?
पहले जब लोग बड़ी संख्या में दाना-पानी डालने के लिए आते थे तो कबूतरों का हुजूम सा लगा रहता था लेकिन जब से यहां पक्षी-प्रेमियों का आना बंद हुआ है, कबूतरों की संख्या भी कम हो गई है. कोई नहीं जानता कि यहां आने वाले कबूतर आखिर कहां चले गए?
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बंजारा कहते हैं कि जिले के सभी लोगों को अपने स्तर पर इन बेजुबान पशु-पक्षियों के लिए दाने-पानी का इंतजाम करना चाहिए. ऐसा करने पर हम इनकी जान बचा ही सकते हैं. इस काम को करने से पुण्य और आत्मिक शांति की भी अनुभूति होती है.
दाने की खरीद में भी आई कमी
बजरंगढ़ के पास कबूतरों के लिए दाना बेचने वाले व्यापारी अशोक बताते हैं कि लॉकडाउन की वजह से लोग घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. इस वजह से कुछ लोग ही कबूतरों को दाना डालने के लिए आते हैं. इस वक्त दाने की बिक्री सिर्फ 10 परसेंट ही रह गई है. वे अपने स्तर पर भी कबूतरों को दाना डाल देते हैं ताकि उनका पेट भर सके.
सभी अपने स्तर पर दाना-पानी का इंतजाम करें तो बेजुबानों की मुश्किल कम होगी. पशु-पक्षियों के साथ ही हम भी इसी पर्यावरण का एक हिस्सा हैं. सामंजस्य बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है.