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किसानों को आय बढ़ाने के लिए व्यापारी बनना होगा, ज्यादा पैदावार और पैसा देने वाली फसल का करें उत्पादनः कैलाश चौधरी

अजमेर के केंद्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र में लगे बीजीय मसाला किसान मेला(Bijiya Spice Farmer's Fair 2022) का उदघाटन करते हुए केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसान समृद्ध होगा तो देश समृद्ध होगा (Union Minister of Agriculture Kailash Choudhary).

bijiya masala kisan mela in rajasthan
अजमेर में लगेगा मसाला मेला
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Published : Mar 11, 2022, 4:56 PM IST

अजमेर. केंद्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र में बीजीय मसाला किसान मेला (Bijiya Spice Farmer's Fair 2022) 2022 का शुक्रवार को केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने उद्घाटन किया. इस दौरान कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी (Union Minister of Agriculture Kailash Choudhary) ने कहा कि बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र में बीज की कई वैरायटियां विकसित होती हैं. यह विकसित बीज ही जब किसान उपयोग में लेते हैं तब उन्हें उन्नत फसल मिलती है. इससे किसानों की आय बढ़ती है. इसी प्रकार किसानों को अच्छी पैदावार देने वाली फसल के साथ-साथ यह भी ध्यान रखना होगा कि किस फसल में उन्हें अच्छे पैसे मिल रहे हैं. उस फसल को किसान पैदा करें तो ज्यादा मुनाफा होगा.

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी कि हमेशा मंशा रही है कि देश का किसान समृद्ध हो. जब किसान समृद्ध होगा तो देश समृद्ध होगा. यही वजह है कि किसानों के लिए मोदी सरकार ने कई तरह की योजनाएं शुरू की हैं. कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि विश्व में 109 मसालों की किस्म है. इनमें भारत मे 63 किस्म का मसाला होता है. जीरे की फसल का उत्पादन राजस्थान और गुजरात में सबसे ज्यादा होता है.

अजमेर में जीय मसाला किसान मेला
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चौधरी ने कहा कि मसाले के क्षेत्र में किसानों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने अजमेर में केंद्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र की नींव रखी थी. जिसका फायदा किसानों को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि देश में कृषि का बजट 2013 से पहले तक 23 हजार करोड़ था. अधिकारियों के वेतन के अलावा विभिन्न योजनाओं में भ्रष्टाचार होता और किसान तक बजट ऊंट के मुंह में जीरे के समान पहुंचता था. देश में अब तक सबसे सर्वाधिक कृषि बजट 1 लाख 32 हजार करोड़ रुपए मोदी सरकार ने दिया है. अब योजनाओं के माध्यम से सीधा पैसा किसान के बैंक खाते में आ रहा है.

किसानों को बनना होगा व्यापारीः केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों को खेती करने के साथ ही अपनी फसल का वैल्यू एडिशन करने की सोच भी विकसित करनी होगी. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि बाजरे की फसल किसान पैदा करता है. वही बाजरा 16 से 20 रुपए में बेचता है. जबकि उसी बाजरे से निर्मित ओट्स 200 रुपए प्रतिकिलो एवं चॉकलेट, कुरकुरे एवं अन्य उत्पाद महंगे दाम पर मिलते हैं. किसान चाहे तो सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर खुद ही प्रोसेसिंग यूनिट लगा सकता है.

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इसके लिए केंद्र सरकार सब्सिडी देती है. वहीं किसान को अपनी जमीन बैंक में गिरवी रखने की भी कोई आवश्यकता नहीं है. भारत सरकार बैंक गारंटी देती है. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में सरकार की कई योजनाएं हैं. इनमें प्रत्येक पंचायत में एफपीओ बनाने के लिए भी कवायद की जा रही है ताकि किसान समूह फसल पर आधारित व्यापार भी करके अच्छा मुनाफा कमा सकें. उन्होंने कहा कि किसानों को तकनीक से भी जोड़ने की आवश्यकता है. समय के साथ हो रहे बदलाव में अब तकनीक के माध्यम से खेती करना आसान हो रहा है. इसके लिए भी सरकार की विभिन्न योजनाएं हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचे इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकारों की भी है. उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि वह अपने अपने क्षेत्रों में सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों को दिलवाने का प्रयास करें.

पढ़ें-किसानों की समस्या दूर करने के लिए हर जिले में होगा सम्मेलन : कृष्ण अनमोल लखेरा

स्टॉल के माध्यम से स्टार्टअप का किसानों ने किया प्रदर्शनः केंद्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र में आयोजित मसाला मेला 2022 के तहत बड़ी संख्या में किसान प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से मेले में पहुंचे हैं. यहां किसानों को उन्नत फसल बीज, खाद, दवा, तकनीक उपकरण, आचार, शरबत, विभिन्न प्रकार के शहद बनाने की जानकारी देने के लिए स्टॉल भी लगाई गई है. ज्यादातर स्टॉल उन किसानों की हैं जिन्होंने खेती के साथ स्टार्टअप भी किया है. बीजीए मसाला मेला 2022 के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने महिला कृषक को उनके कृषि क्षेत्र में बेहतर कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया. वहीं परंपरागत खेती में बदलाव कर उन्नत कृषि क्षेत्र में मिसाल बनने वाले किसानों को भी समारोह में सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के दौरान सांसद भागीरथ चौधरी, नसीराबाद विधायक रामस्वरूप लांबा, पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत आदि मौजूद थे.

अजमेर. केंद्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र में बीजीय मसाला किसान मेला (Bijiya Spice Farmer's Fair 2022) 2022 का शुक्रवार को केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने उद्घाटन किया. इस दौरान कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी (Union Minister of Agriculture Kailash Choudhary) ने कहा कि बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र में बीज की कई वैरायटियां विकसित होती हैं. यह विकसित बीज ही जब किसान उपयोग में लेते हैं तब उन्हें उन्नत फसल मिलती है. इससे किसानों की आय बढ़ती है. इसी प्रकार किसानों को अच्छी पैदावार देने वाली फसल के साथ-साथ यह भी ध्यान रखना होगा कि किस फसल में उन्हें अच्छे पैसे मिल रहे हैं. उस फसल को किसान पैदा करें तो ज्यादा मुनाफा होगा.

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी कि हमेशा मंशा रही है कि देश का किसान समृद्ध हो. जब किसान समृद्ध होगा तो देश समृद्ध होगा. यही वजह है कि किसानों के लिए मोदी सरकार ने कई तरह की योजनाएं शुरू की हैं. कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि विश्व में 109 मसालों की किस्म है. इनमें भारत मे 63 किस्म का मसाला होता है. जीरे की फसल का उत्पादन राजस्थान और गुजरात में सबसे ज्यादा होता है.

अजमेर में जीय मसाला किसान मेला
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चौधरी ने कहा कि मसाले के क्षेत्र में किसानों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने अजमेर में केंद्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र की नींव रखी थी. जिसका फायदा किसानों को मिल रहा है. उन्होंने कहा कि देश में कृषि का बजट 2013 से पहले तक 23 हजार करोड़ था. अधिकारियों के वेतन के अलावा विभिन्न योजनाओं में भ्रष्टाचार होता और किसान तक बजट ऊंट के मुंह में जीरे के समान पहुंचता था. देश में अब तक सबसे सर्वाधिक कृषि बजट 1 लाख 32 हजार करोड़ रुपए मोदी सरकार ने दिया है. अब योजनाओं के माध्यम से सीधा पैसा किसान के बैंक खाते में आ रहा है.

किसानों को बनना होगा व्यापारीः केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों को खेती करने के साथ ही अपनी फसल का वैल्यू एडिशन करने की सोच भी विकसित करनी होगी. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि बाजरे की फसल किसान पैदा करता है. वही बाजरा 16 से 20 रुपए में बेचता है. जबकि उसी बाजरे से निर्मित ओट्स 200 रुपए प्रतिकिलो एवं चॉकलेट, कुरकुरे एवं अन्य उत्पाद महंगे दाम पर मिलते हैं. किसान चाहे तो सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर खुद ही प्रोसेसिंग यूनिट लगा सकता है.

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इसके लिए केंद्र सरकार सब्सिडी देती है. वहीं किसान को अपनी जमीन बैंक में गिरवी रखने की भी कोई आवश्यकता नहीं है. भारत सरकार बैंक गारंटी देती है. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में सरकार की कई योजनाएं हैं. इनमें प्रत्येक पंचायत में एफपीओ बनाने के लिए भी कवायद की जा रही है ताकि किसान समूह फसल पर आधारित व्यापार भी करके अच्छा मुनाफा कमा सकें. उन्होंने कहा कि किसानों को तकनीक से भी जोड़ने की आवश्यकता है. समय के साथ हो रहे बदलाव में अब तकनीक के माध्यम से खेती करना आसान हो रहा है. इसके लिए भी सरकार की विभिन्न योजनाएं हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचे इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकारों की भी है. उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि वह अपने अपने क्षेत्रों में सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों को दिलवाने का प्रयास करें.

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स्टॉल के माध्यम से स्टार्टअप का किसानों ने किया प्रदर्शनः केंद्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र में आयोजित मसाला मेला 2022 के तहत बड़ी संख्या में किसान प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से मेले में पहुंचे हैं. यहां किसानों को उन्नत फसल बीज, खाद, दवा, तकनीक उपकरण, आचार, शरबत, विभिन्न प्रकार के शहद बनाने की जानकारी देने के लिए स्टॉल भी लगाई गई है. ज्यादातर स्टॉल उन किसानों की हैं जिन्होंने खेती के साथ स्टार्टअप भी किया है. बीजीए मसाला मेला 2022 के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने महिला कृषक को उनके कृषि क्षेत्र में बेहतर कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया. वहीं परंपरागत खेती में बदलाव कर उन्नत कृषि क्षेत्र में मिसाल बनने वाले किसानों को भी समारोह में सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के दौरान सांसद भागीरथ चौधरी, नसीराबाद विधायक रामस्वरूप लांबा, पुष्कर विधायक सुरेश सिंह रावत आदि मौजूद थे.

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