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SPECIAL : 1928 से बंगाली समाज मना रहा है दुर्गा पूजन महोत्सव, कोरोना काल में भी तैयारी शुरू - Durga Pujan Festival of Bengali society

अजमेर में सन 1928 से बंगाली समाज दुर्गा पूजन महोत्सव मना रहा है. कोरोना काल में भी नवरात्रा की छठ पर दुर्गा पूजन की परंपरा निभाई जाएगी. इसके लिए बंगाली धर्मशाला में पारंपरिक रूप से दुर्गा प्रतिमा बनना शुरू हो गया है.

Durga Pujan Festival of Bengali society, Durga Pujan Festival in Corona period
1928 से बंगाली समाज मना रहा है दुर्गा पूजन महोत्सव
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Published : Sep 30, 2020, 9:30 PM IST

अजमेर. देश में विभिन्न राज्यों में नवरात्रा महोत्सव स्थानीय परंपराओं के अनुसार मनाया जाता है. खासकर पश्चिम बंगाल में नवरात्रा के पर्व पर दुर्गा पूजा का विशेष महत्व है. बंगाल मूल के निवासी देश के किसी भी कोने में रहते हुए भी नवरात्रा पर दुर्गा पूजा अपनी परंपरा के अनुसार ही करते आए हैं. अजमेर में सन 1928 से हर शारदीय नवरात्रा की छठ से दुर्गा पूजा होती आई है. इस बार भी यहां बंगाली धर्मशाला में पारंपरिक रूप से दुर्गा प्रतिमा बनना शुरू हो गया है.

1928 से बंगाली समाज मना रहा है दुर्गा पूजन महोत्सव

कोरोना महामारी ने सभी त्योहारों को फीका कर दिया है. आगामी दिनों में नवरात्रा का पर्व आने वाला है. उम्मीद की जा रही है कि नवरात्र का पर्व सभी के लिए उत्साह और उमंग लेकर आएगा. अजमेर में विविध धर्मों के लोग रहते हैं. उनके अपने त्योहार और परंपराएं हैं. इनमें बंगाली समाज की ओर से नवरात्रि के पर्व पर दुर्गा पूजा महोत्सव भी विशेष रहता है.

Durga Pujan Festival of Bengali society, Durga Pujan Festival in Corona period
मूर्ति बनाते कारीगर

1928 से मनाया जा रहा है दुर्गा पूजन महोत्सव

सन 1928 से अजमेर में रहने वाले बंगाली समाज के लोग अपनी परंपरा के अनुसार नवरात्रा की छठ पर दुर्गा माता की प्रतिमा स्थापित करते आए हैं. हर वर्ष बंगाल से दुर्गा माता की प्रतिमा बनाने के लिए कारीगर आते हैं. समय के साथ बंगाली समाज की आबादी भी बढ़ गई है, ऐसे में शहर में 2 स्थानों पर दुर्गा पूजा का आयोजन होने लगा था.

Durga Pujan Festival of Bengali society, Durga Pujan Festival in Corona period
नवरात्र की तैयारी शुरू

पढ़ें- SPECIAL: विजयदशमी पर इस बार भगवान श्री रघुनाथजी की नहीं निकलेगी 'रेवाड़ी', टूटेगी सदियों पुरानी परंपरा

कचहरी रोड स्थित बंगाली धर्मशाला में एक महीने पहले से ही बंगाल से आए कारीगर दुर्गा माता की प्रतिमा बनाना शुरू कर देते हैं. कारीगरों ने इस बार भी दुर्गा माता की प्रतिमा को मूर्त रूप दे दिया है. आगामी 15 दिन बाद मिट्टी से बनी मूर्ति के सूख जाने पर रंग और श्रृंगार का कार्य शुरू होगा. खास बात यह है कि इस बार बंगाली समाज में 2 स्थानों की बजाय एक ही स्थान पर दुर्गा पूजा होगी.

कोरोना गाइडलाइन की होगी पालना

यह पहला अवसर है जब किसी महामारी के बीच दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जाएगा. महोत्सव समिति के लोगों ने कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार पर्व को मनाने का निर्णय लिया है. बंगाली समाज में दुर्गा पूजा को लेकर उत्साह बना हुआ है. जहिर है वर्ष में एक मात्र ही शारदीय नवरात्रों का ही पर्व है जो उन्हें अपनी मूल स्थान से जुड़े रहने का अनुभव करवाता है.

राजस्थान में नवरात्रा का पर्व 9 दिनों का मनाया जाता है, लेकिन बंगाली समाज के लोग नवरात्रा की छठ को दुर्गा प्रतिमा की स्थापना करते हैं. परंपराओं में विविधता होने के बावजूद आस्था और मकसद एक समान है.

अजमेर. देश में विभिन्न राज्यों में नवरात्रा महोत्सव स्थानीय परंपराओं के अनुसार मनाया जाता है. खासकर पश्चिम बंगाल में नवरात्रा के पर्व पर दुर्गा पूजा का विशेष महत्व है. बंगाल मूल के निवासी देश के किसी भी कोने में रहते हुए भी नवरात्रा पर दुर्गा पूजा अपनी परंपरा के अनुसार ही करते आए हैं. अजमेर में सन 1928 से हर शारदीय नवरात्रा की छठ से दुर्गा पूजा होती आई है. इस बार भी यहां बंगाली धर्मशाला में पारंपरिक रूप से दुर्गा प्रतिमा बनना शुरू हो गया है.

1928 से बंगाली समाज मना रहा है दुर्गा पूजन महोत्सव

कोरोना महामारी ने सभी त्योहारों को फीका कर दिया है. आगामी दिनों में नवरात्रा का पर्व आने वाला है. उम्मीद की जा रही है कि नवरात्र का पर्व सभी के लिए उत्साह और उमंग लेकर आएगा. अजमेर में विविध धर्मों के लोग रहते हैं. उनके अपने त्योहार और परंपराएं हैं. इनमें बंगाली समाज की ओर से नवरात्रि के पर्व पर दुर्गा पूजा महोत्सव भी विशेष रहता है.

Durga Pujan Festival of Bengali society, Durga Pujan Festival in Corona period
मूर्ति बनाते कारीगर

1928 से मनाया जा रहा है दुर्गा पूजन महोत्सव

सन 1928 से अजमेर में रहने वाले बंगाली समाज के लोग अपनी परंपरा के अनुसार नवरात्रा की छठ पर दुर्गा माता की प्रतिमा स्थापित करते आए हैं. हर वर्ष बंगाल से दुर्गा माता की प्रतिमा बनाने के लिए कारीगर आते हैं. समय के साथ बंगाली समाज की आबादी भी बढ़ गई है, ऐसे में शहर में 2 स्थानों पर दुर्गा पूजा का आयोजन होने लगा था.

Durga Pujan Festival of Bengali society, Durga Pujan Festival in Corona period
नवरात्र की तैयारी शुरू

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कचहरी रोड स्थित बंगाली धर्मशाला में एक महीने पहले से ही बंगाल से आए कारीगर दुर्गा माता की प्रतिमा बनाना शुरू कर देते हैं. कारीगरों ने इस बार भी दुर्गा माता की प्रतिमा को मूर्त रूप दे दिया है. आगामी 15 दिन बाद मिट्टी से बनी मूर्ति के सूख जाने पर रंग और श्रृंगार का कार्य शुरू होगा. खास बात यह है कि इस बार बंगाली समाज में 2 स्थानों की बजाय एक ही स्थान पर दुर्गा पूजा होगी.

कोरोना गाइडलाइन की होगी पालना

यह पहला अवसर है जब किसी महामारी के बीच दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जाएगा. महोत्सव समिति के लोगों ने कोरोना की गाइडलाइन के अनुसार पर्व को मनाने का निर्णय लिया है. बंगाली समाज में दुर्गा पूजा को लेकर उत्साह बना हुआ है. जहिर है वर्ष में एक मात्र ही शारदीय नवरात्रों का ही पर्व है जो उन्हें अपनी मूल स्थान से जुड़े रहने का अनुभव करवाता है.

राजस्थान में नवरात्रा का पर्व 9 दिनों का मनाया जाता है, लेकिन बंगाली समाज के लोग नवरात्रा की छठ को दुर्गा प्रतिमा की स्थापना करते हैं. परंपराओं में विविधता होने के बावजूद आस्था और मकसद एक समान है.

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