अजमेर. केंद्र सरकार की ओर से पेश किए गए बजट 2021-22 मई को लेकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव रखा गया था. इस प्रस्ताव की वजह से देश के करीब 10 लाख बैंक कर्मचारियों में रोष व्याप्त है.
इसके बारे में जानकारी देते हुए यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस अजमेर इकाई के सह संयोजक अरविंद मिश्रा ने बताया कि यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को ज्ञापन भी सौंपा गया था. जिसके बाद 19 फरवरी से देश के अलग-अलग राज्यों के सार्वजनिक क्षेत्र धरना प्रदर्शन की प्रक्रिया जारी है और इसी क्रम में 15 और 16 मार्च को अजमेर में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक कर्मचारियों की ओर से धरना प्रदर्शन किया जाएगा.
बता दें कि सोमवार को ये धरना प्रदर्शन पंजाब नेशनल बैंक की कचहरी रोड शाखा पर आयोजित किया गया. इस धरने प्रदर्शन में अजमेर की करीब 250 बैंक शाखाओं के करीब 3000 कर्मचारी शामिल हुए. 250 शाखाओं पर पूरी तरह से तालाबंदी कर कार्य ठप कर दिया गया है.
इसके साथ ही बैंक कर्मचारियों ने मीडिया के माध्यम से आम जनता से भी इस मुहिम में जुड़ने की अपील की है. लगातार दो दिवसीय बैंक हड़ताल से करोड़ों रुपए का नुकसान होगा. काफी समय से बैंक कर्मचारियों की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, लेकिन उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया जिसको लेकर अब बैंक दो दिवसीय हड़ताल पर उतर चुके हैं. वहीं इस हड़ताल में लगभग 9 संगठन जुड़े हैं जिसके लगभग 10 हजार से अधिक कर्मचारी दो दिवसीय हड़ताल पर रहेंगे.
अजमेर में बांटा तिराहे को लेकर व्यापार संघ का प्रदर्शन
अजमेर में लगातार रेलवे स्टेशन व्यापार संघ की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है लेकिन अब तक ना ही सरकार ना ही प्रशासन ने उनकी किसी भी मांग की तरफ ध्यान दिया है अब उनका कहना है कि " मारी भी अरज सुनो सरकार " लेकिन कोई भी व्यापार संघ की समस्याओं की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है. जिसको लेकर व्यापार संघ की ओर से अब आंदोलन काफी तेज होने लगा है. उन्होंने चेतावनी दी है कि मंगलवार को जिला कलेक्टर से मिलकर हस्ताक्षर युक्त फ्लेक्स मुख्यमंत्री के नाम उन्हें सौंपा जाएगा.
बांटा तिराहे को लेकर पिछले कई दिनों से आंदोलन किया जा रहा है. व्यापारियों ने व्यापार महासंघ के अध्यक्ष किशन गुप्ता और भाजपा नेता धर्मेश जैन के नेतृत्व में हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया. महासंघ के प्रवक्ता कमल गंगवाल और विकास अग्रवाल ने कहा कि उक्त पूजा को लेकर पिछले लगभग 22 दिनों से स्थानीय व्यापारी और शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. इसी कड़ी में बांटा तिराहे को बचाओ और व्यापारी एकता जिंदाबाद के नारे भी लगाए गए. तथ्य दिखाकर प्रशासन को जगाने का प्रयास व्यापार संघ ने किया.
पढ़ें- गहलोत सरकार ने शिक्षा का स्तर सुधारा है, रिक्त पदों को भी भरा जा रहा : डोटासरा
व्यापार महासंघ के अध्यक्ष किशन गुप्ता ने बताया कि लगातार व्यापारियों में काफी रोष व्याप्त है. अब तो स्मार्ट सिटी के तहत एक बार फिर से एक कार्य शुरू हो चुका है लेकिन बांटा तिराहा को खत्म नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 200 साल पुराना ये बांटा तिराहा है जिससे व्यापारियों के साथ-साथ काफी लोगों को भी परेशान होना पड़ेगा.