ETV Bharat / city

गजब! चावल के एक दाने पर लिख दिया फिल्म 'राजा हिंदुस्तानी' का गीत

चावल के दाने पर कलाकारी करने वाले बच्चन सिंह को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा सम्मानित किया गया. ख्वाजा गरीब नवाज के शहर अजमेर में एक प्राइवेट स्कूल में आर्ट एंड पेंटिंग का अध्ययन देने वाले अध्यापक बच्चन सिंह चौहान ने शहर का नाम रोशन किया है.

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड , अजमेर नयूज, राजस्थान न्यूज, हिंदी न्यूज
बच्चन सिंह का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ
author img

By

Published : Mar 17, 2020, 3:58 PM IST

अजमेर. भारत में हुनर की कोई कमी नहीं है बस उसे निखारने और तराशने की जरूरत है. बता दें कि अजमेर की गाड़ी बलिया क्षेत्र के रहने वाले बच्चन सिंह को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा सम्मानित किया गया. जिन्होंने अपनी कलाकारी चावल के छोटे दाने पर दर्शाई है. बच्चन सिंह बताते हैं कि उनका लक्ष्य चावल के दाने पर 5000 अक्षर लिखने का है.

बच्चन सिंह चावल के दाने पर करते हैं कलाकारी

अजमेर के डिग्गी मालियान के रहने वाले बच्चन सिंह चौहान ने चावल के छोटे दाने पर कई कलाकृतियां बनाई है. इस कलाकृति को बनाने के लिए उन्होंने मैग्निफाइंग लेंस का सहयोग लिया है. ख्वाजा गरीब नवाज के शहर अजमेर में एक प्राइवेट स्कूल में आर्ट एंड पेंटिंग का अध्ययन देने वाले अध्यापक बच्चन सिंह चौहान ने शहर का नाम रोशन किया है. जिन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड से नवाजा गया.

बच्चन सिंह छोटे-छोटे चावल केदानों पर कलाकृति बनाने में काफी माहिर हैं. उन्होंने चावल के दाने पर कई कलाकृति बनाई हैं. जिनमें से एक चावल के छोटे दाने पर 50 हाथी भी बनाएं है. वहीं हनुमान जी की तस्वीर भी एक चावल पर बना चुके हैं. इसके अलावा राजा हिंदुस्तानी फिल्म का गाना " परदेसी परदेसी जाना नहीं मुझे छोड़ कर यह गीत भी बच्चन सिंह चावल पर लिख चुके हैं.

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड , अजमेर नयूज, राजस्थान न्यूज, हिंदी न्यूज
बच्चन सिंह का नाम राजस्थान बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ

यह भी पढ़ेः बचपन से था बच्चन सिंह को कलाकृति का शौक

कलाकार बच्चन सिंह चौहान को छोटे दानों पर कलाकारी का शौक बचपन से ही है. उन्हें चावल के साथ ही इमली के दाने पर और भी कई छोटे दानों पर अपनी कलाकारी को दिखाया है. जिसे लेकर उनके द्वारा कई बार विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शनी भी लगाई गई और लोगों को इसकी जानकारी भी दी गई. जिसके लिए उन्हें काफी बार सम्मानित किया गया.

बच्चन सिंह का राजस्थान बुक ऑफ रिकार्ड में भी नाम दर्ज है. इसी दौरान उन्होंने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए भी अपना नाम भेजा. उनकी इस कलाकारी को उन्होंने काफी सराहा और उन्हें पुरस्कृत किया. उनका लक्ष्य चावल के दाने पर 5000 अक्षर लिखने का है.

यह भी पढ़ें : बेटी की मौत के बाद कलेजे पर पत्थर रखकर मां ने लगाई दुकान, पहले बेचे खिलौने फिर दी मासूम को अंतिम विदाई

बच्चन सिंह ने बताया कि इस कला और कलाकृति को बनाने के लिए मौसम और स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है. इसके साथ ही इन कलाकृतियों को बनाने में उनका परिवार भी उनका काफी सहयोग देता है. बच्चन सिंह ने बताया कि उनका परिवार उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करता है. जिसके चलते हैं बच्चन सिंह नए-नए प्रयास करते रहते हैं.

अजमेर. भारत में हुनर की कोई कमी नहीं है बस उसे निखारने और तराशने की जरूरत है. बता दें कि अजमेर की गाड़ी बलिया क्षेत्र के रहने वाले बच्चन सिंह को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड द्वारा सम्मानित किया गया. जिन्होंने अपनी कलाकारी चावल के छोटे दाने पर दर्शाई है. बच्चन सिंह बताते हैं कि उनका लक्ष्य चावल के दाने पर 5000 अक्षर लिखने का है.

बच्चन सिंह चावल के दाने पर करते हैं कलाकारी

अजमेर के डिग्गी मालियान के रहने वाले बच्चन सिंह चौहान ने चावल के छोटे दाने पर कई कलाकृतियां बनाई है. इस कलाकृति को बनाने के लिए उन्होंने मैग्निफाइंग लेंस का सहयोग लिया है. ख्वाजा गरीब नवाज के शहर अजमेर में एक प्राइवेट स्कूल में आर्ट एंड पेंटिंग का अध्ययन देने वाले अध्यापक बच्चन सिंह चौहान ने शहर का नाम रोशन किया है. जिन्हें इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड से नवाजा गया.

बच्चन सिंह छोटे-छोटे चावल केदानों पर कलाकृति बनाने में काफी माहिर हैं. उन्होंने चावल के दाने पर कई कलाकृति बनाई हैं. जिनमें से एक चावल के छोटे दाने पर 50 हाथी भी बनाएं है. वहीं हनुमान जी की तस्वीर भी एक चावल पर बना चुके हैं. इसके अलावा राजा हिंदुस्तानी फिल्म का गाना " परदेसी परदेसी जाना नहीं मुझे छोड़ कर यह गीत भी बच्चन सिंह चावल पर लिख चुके हैं.

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड , अजमेर नयूज, राजस्थान न्यूज, हिंदी न्यूज
बच्चन सिंह का नाम राजस्थान बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ

यह भी पढ़ेः बचपन से था बच्चन सिंह को कलाकृति का शौक

कलाकार बच्चन सिंह चौहान को छोटे दानों पर कलाकारी का शौक बचपन से ही है. उन्हें चावल के साथ ही इमली के दाने पर और भी कई छोटे दानों पर अपनी कलाकारी को दिखाया है. जिसे लेकर उनके द्वारा कई बार विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शनी भी लगाई गई और लोगों को इसकी जानकारी भी दी गई. जिसके लिए उन्हें काफी बार सम्मानित किया गया.

बच्चन सिंह का राजस्थान बुक ऑफ रिकार्ड में भी नाम दर्ज है. इसी दौरान उन्होंने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए भी अपना नाम भेजा. उनकी इस कलाकारी को उन्होंने काफी सराहा और उन्हें पुरस्कृत किया. उनका लक्ष्य चावल के दाने पर 5000 अक्षर लिखने का है.

यह भी पढ़ें : बेटी की मौत के बाद कलेजे पर पत्थर रखकर मां ने लगाई दुकान, पहले बेचे खिलौने फिर दी मासूम को अंतिम विदाई

बच्चन सिंह ने बताया कि इस कला और कलाकृति को बनाने के लिए मौसम और स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है. इसके साथ ही इन कलाकृतियों को बनाने में उनका परिवार भी उनका काफी सहयोग देता है. बच्चन सिंह ने बताया कि उनका परिवार उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करता है. जिसके चलते हैं बच्चन सिंह नए-नए प्रयास करते रहते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.