अजमेर. आनासागर बारादरी इलाके में 12 कौओं की मौत हो चुकी है. करीब एक साल पहले भी बारादरी क्षेत्र में ही कौए मृत पाए गए थे, तब उनकी मौत बर्ड फ्लू से होने की बात से इनकार किया जा रहा था. हालांकि, चीफ वाइल्ड लाइफ लाइन में बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. जिसे देखते हुए अजमेर जिले में भी विभाग ने मोर्चा संभाल लिया है.
अब तक 300 कौओं की मौत
राज्य में पिछले 7 दिन में करीब 300 कौओं की मौत सामने आ चुकी है. जिनमें बारां के मथाना, सारथल, झालावाड़, पनवाड़, सुनेल, जोधपुर और ब्यावर शामिल हैं. इस सूची में अब अजमेर भी शामिल हो चुका है. बताया जा रहा है कि कौओं की मौत एवियन इंफ्लूंजा (Avian influenza) से हो रही है.
2019 में भी हुई थी 'कौओं' की मौत
अजमेर में साल 2019 के नवंबर-दिसंबर में आनासागर झील के किनारे में 12 दिन में लगभग 125 से ज्यादा कौओं मृत मिले थे, जहां वन विभाग ने मृतकों का विसरा फॉरेंसिक लैब भोपाल और इंडियन वेटरिनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली में भेजा था. इससे कौओं की मौत आंतों में विषाक्त पदार्थ के कारण हुई थी. यह पशुओं के शरीर में लगाए जाने वाला विषाक्त है.
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वन विभाग के उप वन संरक्षण अभी के अनुसार ब्यावर में भी कौओं की मौत के मामले में जांच की जा रही है. वहीं अजमेर में कौओं की मौत को लेकर विभाग भी सतर्क हो चुका है. संभाग में प्रवासी विदेशी पक्षियों में बर्ड फ्लू बीमारी के संकेत अब तक नहीं मिले हैं.
मुर्गियों पर मंडरा रहा संकट
अगर कौओं की मौत की वजह बर्ड फ्लू मुर्गियों और अन्य पक्षियों में फैला तो उनके लिए ये खतरनाक साबित होगा. इसे काबू पाना मुश्किल होगा. अजमेर में ही लगभग 400 पोल्ट्री फार्म संचालित हैं. ऐसे में एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है.