अजमेर. शहर में भारतीय मजदूर संघ के तत्वाधान में शुक्रवार को श्रमिक और कर्मचारियों ने अपनी 18 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री गहलोत के नाम मांग पत्र सौंपा हैं. इस दौरान भारतीय मजदूर संघ ने श्रमिकों और कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण की मांग भी उठाई.
18 सूत्रीय मांग पत्र लेकर भारतीय मजदूर संघ अजमेर जिला इकाई के पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे. जहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को 18 सूत्रीय मांग पत्र सौंपकर श्रमिकों की समस्याओं के निराकरण की मांग की.
मांगों में सरकारी उपकर्म के निजीकरण को बंद करने, सरकारी विभागों में रिक्त पड़े पदों को भरने, निर्माण मजदूर हेतु संग्रहित 2200 करोड़ की राशि अन्य पदों में खर्च कर दी गई, उसे वापस निर्माण मजदूर के कोष में डालने. साथ ही जय छात्रवृत्ति और अन्य सुविधाओं का भुगतान भी किया जाए.
इसके अलावा फर्जी पंजीकृत निर्माण श्रमिक का पता लगाकर उसके कार्ड को निरस्त करवाने की भी मांग की. जिससे सही श्रमिक को उचित सुविधा मिल सके और भ्रष्टाचार पर रोक लग सके. भारतीय मजदूर संघ ने सरकारी कर्मचारी और सरकारी उपक्रमों में कर्मचारियों के वेतन से 1 दिन का वेतन प्रतिमाह काटने के आदेश की निंदा करते हुए सरकार से आदेश निरस्त करने की मांग की है.
इसके अलावा प्रवासी श्रमिकों के रोजगार की व्यवस्था करने और तब तक उन्हें बेरोजगारी भत्ता देने की भी मांग उठाई गई है. भारतीय मजदूर संघ से जुड़े अजमेर विद्युत वितरण निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विनीत जैन ने बताया कि बिजली चोरी को रोकने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जाने वाले विद्युत कर्मचारियों की सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए जाएं. उन्होंने बताया कि जिले में कई बार बिजली चोरी रोकने गए विद्युत कर्मियों पर हमले हो चुके हैं.