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अजमेर को RED ZONE से ORANGE ZONE में लाने की कवायद शुरू

अजमेर में अब तक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 169 हो चुकी है. धार्मिक नगरी अजमेर कोरोना हॉट-स्पॉट यानी के रेज जोन में शामिल है. ऐसे में जिला प्रशासन लगातार यही कोशिश कर रहा है कि जिले को रेज जोन से ऑरेंज जोन में लाया जाए.

ऑरेंज जोन क्या होता है, राजस्थान की खबर, अमजेर में कुल कोरोना पॉजिटिव, corona positives in ajmer, ajmer latest news
कोरोना को हराने के लिए अजमेर ने कसी कमर
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Published : May 8, 2020, 11:35 AM IST

Updated : May 8, 2020, 12:37 PM IST

अजमेर. देशभर में कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अब अजमेर को RED ZONE से ORANGE ZONE में कैसे लाया जाए, इसको लेकर प्रशासन ने कवायद तेज कर दी है. प्रशासन लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश देने का काम कर रही है.

अजमेर प्रभारी सचिव भवानी सिंह देथा लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं कि किस तरह से अजमेर को रेड जोन से बाहर निकाला जाए. लगातार प्रयासों के बाद भी आंकड़े दिन-ब-दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. ऐसे में सभी अधिकारियों को लॉकडाउन के नियमों की सख्ती से पालना करवाने के निर्देश दिए गए हैं. किसी को भी अजमेर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. अगर कोई सीमा के इस पार आता भी है तो उसे क्वॉरेंटाइन किया जाएगा.

कोरोना को हराने के लिए अजमेर ने कसी कमर

इन चीजों का खासतौर से रखना होगा ध्यान

  • ज्यादा से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की जाए.
  • सैंपल लेने के आंकड़ों में बढ़ोतरी की जाए.
  • मोबाइल ओपीडी वैन के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों के पास पहुंचकर उनके सैंपल लिए जाए.
  • आने वाले मामलों में जल्द एक्शन लेते हुए उनका उपचार कर उनको स्वस्थ किया जाए.
  • अनावश्यक रूप से शहर में इधर-उधर घूमने वाले व्यक्तियों के जिले में प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाए.
  • लोगों में जागरूकता लाने के लिए कदम उठाए जाए. जिससे लोग ज्यादा से ज्यादा जागरूक हो सके और इस महामारी से बच सके.

यह भी पढ़ें- COVID-19: राजस्थान में कोरोना से 100 की मौत, कुल संक्रमितों की संख्या पहुंची 3,453 पर

RED ZONE और ORANGE ZONE में क्या है अंतर

RED ZONE- सरकार ने देशभर के जिलों को अलग-अलग जोन में बांटा है. जो जिले कोरोना के हॉटस्पॉट बने हुए हैं. उन जिलों को रेड जोन में रखा गया है. जहां कोविड-19 के मामलों की संख्या काफी ज्यादा है. अब तक 170 जिलों को रेड जोन में सूचीबद्ध किया जा चुका है. जिसमें अजमेर जिला भी शामिल है.

ORANGE ZONE- ऑरेंज जोन में वह जिले शामिल हैं. जिनमें संक्रमण के मामले काफी कम हैं. इसके साथ ही यहां पर सीमित संसाधनों को भी खोल दिया गया है. जैसे ट्रांसपोर्ट, खेती के उत्पाद, हार्वेस्ट को छूट दी गई है. इसके साथ ही मध्यम उद्योगों के तहत आने वाले सामान जैसे गेहूं, आटा, खाद्य सामग्री और तेल के परिवहन के लिए परमिशन दी गई है. ऑरेंज जोन के जिले वह हैं, जिनमें पिछले 14 दिनों में एक भी कोरोना संक्रमण का मामला सामने नहीं आया है.

5 एयरपोर्ट को किया पाबंद

विदेशों में फंसे लोगों को फिर से उनके गृह जिले बुलाने की कवायद शुरू कर दी गई है. बाहर से आने वाले लोगों के लिए प्रशासन द्वारा पांच एयरपोर्ट को स्वीकृति दी गई है. लेकिन एयरपोर्ट से आने वाले लोगों को 14 दिन तक अपने ही खर्चे पर होटल में क्वॉरेंटाइन किया जाएगा.

यह भी पढे़ं- ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के 2 IAS में विवाद, ACS ने सीज किए विशिष्ट सचिव के अधिकार

सांसद भागीरथ चौधरी ने पार्षदों को बजट मुहैया कराने के लिखा पत्र

अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने स्वायत्त शासन मंत्री और अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर कोरोना विपदा सहायता बजट शुरू करने का आग्रह किया है. चौधरी ने स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचिव डी बी गुप्ता, प्रभारी सचिव भवानी सिंह देता को पत्र लिखकर यह बात कही है.

चौधरी ने पत्र में लिखा है कि जरूरतमंद परिवारों को भोजन और चिकित्सा सामग्री के लिए 2.3 लाख की स्वीकृति दी जाए. चौधरी ने किशनगढ़, केकड़ी विजयनगर के पार्षदों के लिए निकाय प्रशासन से बजट आवेदन की मांग की है. जिससे पार्षदों द्वारा लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई जा सके. ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए.

अजमेर. देशभर में कोरोना संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है. अब अजमेर को RED ZONE से ORANGE ZONE में कैसे लाया जाए, इसको लेकर प्रशासन ने कवायद तेज कर दी है. प्रशासन लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों को दिशा-निर्देश देने का काम कर रही है.

अजमेर प्रभारी सचिव भवानी सिंह देथा लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं कि किस तरह से अजमेर को रेड जोन से बाहर निकाला जाए. लगातार प्रयासों के बाद भी आंकड़े दिन-ब-दिन बढ़ते ही जा रहे हैं. ऐसे में सभी अधिकारियों को लॉकडाउन के नियमों की सख्ती से पालना करवाने के निर्देश दिए गए हैं. किसी को भी अजमेर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. अगर कोई सीमा के इस पार आता भी है तो उसे क्वॉरेंटाइन किया जाएगा.

कोरोना को हराने के लिए अजमेर ने कसी कमर

इन चीजों का खासतौर से रखना होगा ध्यान

  • ज्यादा से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की जाए.
  • सैंपल लेने के आंकड़ों में बढ़ोतरी की जाए.
  • मोबाइल ओपीडी वैन के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों के पास पहुंचकर उनके सैंपल लिए जाए.
  • आने वाले मामलों में जल्द एक्शन लेते हुए उनका उपचार कर उनको स्वस्थ किया जाए.
  • अनावश्यक रूप से शहर में इधर-उधर घूमने वाले व्यक्तियों के जिले में प्रवेश पर पाबंदी लगाई जाए.
  • लोगों में जागरूकता लाने के लिए कदम उठाए जाए. जिससे लोग ज्यादा से ज्यादा जागरूक हो सके और इस महामारी से बच सके.

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RED ZONE और ORANGE ZONE में क्या है अंतर

RED ZONE- सरकार ने देशभर के जिलों को अलग-अलग जोन में बांटा है. जो जिले कोरोना के हॉटस्पॉट बने हुए हैं. उन जिलों को रेड जोन में रखा गया है. जहां कोविड-19 के मामलों की संख्या काफी ज्यादा है. अब तक 170 जिलों को रेड जोन में सूचीबद्ध किया जा चुका है. जिसमें अजमेर जिला भी शामिल है.

ORANGE ZONE- ऑरेंज जोन में वह जिले शामिल हैं. जिनमें संक्रमण के मामले काफी कम हैं. इसके साथ ही यहां पर सीमित संसाधनों को भी खोल दिया गया है. जैसे ट्रांसपोर्ट, खेती के उत्पाद, हार्वेस्ट को छूट दी गई है. इसके साथ ही मध्यम उद्योगों के तहत आने वाले सामान जैसे गेहूं, आटा, खाद्य सामग्री और तेल के परिवहन के लिए परमिशन दी गई है. ऑरेंज जोन के जिले वह हैं, जिनमें पिछले 14 दिनों में एक भी कोरोना संक्रमण का मामला सामने नहीं आया है.

5 एयरपोर्ट को किया पाबंद

विदेशों में फंसे लोगों को फिर से उनके गृह जिले बुलाने की कवायद शुरू कर दी गई है. बाहर से आने वाले लोगों के लिए प्रशासन द्वारा पांच एयरपोर्ट को स्वीकृति दी गई है. लेकिन एयरपोर्ट से आने वाले लोगों को 14 दिन तक अपने ही खर्चे पर होटल में क्वॉरेंटाइन किया जाएगा.

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सांसद भागीरथ चौधरी ने पार्षदों को बजट मुहैया कराने के लिखा पत्र

अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने स्वायत्त शासन मंत्री और अन्य अधिकारियों को पत्र लिखकर कोरोना विपदा सहायता बजट शुरू करने का आग्रह किया है. चौधरी ने स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचिव डी बी गुप्ता, प्रभारी सचिव भवानी सिंह देता को पत्र लिखकर यह बात कही है.

चौधरी ने पत्र में लिखा है कि जरूरतमंद परिवारों को भोजन और चिकित्सा सामग्री के लिए 2.3 लाख की स्वीकृति दी जाए. चौधरी ने किशनगढ़, केकड़ी विजयनगर के पार्षदों के लिए निकाय प्रशासन से बजट आवेदन की मांग की है. जिससे पार्षदों द्वारा लोगों को राहत सामग्री पहुंचाई जा सके. ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए.

Last Updated : May 8, 2020, 12:37 PM IST
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