अजमेर. अलवर गेट थाना क्षेत्र में छक्का दाना खेलते पकड़े गए 17 सटोरियों के मामले (Ajmer police raid on gambling) में थाना प्रभारी सुनीता गुर्जर को एसपी ने लाइन हाजिर कर दिया है. दरसल अलवर गेट थाना क्षेत्र में प्रशिक्षु आइपीएस सुनील मेहरड़ा ने सटोरियों के खिलाफ बिना थाना प्रभारी को बताए कार्रवाई की थी.
बताया जाता है कि थाना प्रभारी को सट्टे के अवैध कारोबार के बारे में मालूम नहीं था या उन्हें पुलिस का संरक्षण मिल रहा था. एसपी ने शिकायत के आधार पर थाना प्रभारी को लाइन हाजिर कर दिया.
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बता दें कि आईपीएस सुनील मीणा के नेतृत्व में मांगलियावास और क्रिश्चियन गंज थाने के प्रभारी एवं पुलिसकर्मियों ने अलवर गेट थाना क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे जुए की फड़ पर दबिश दी थी. पुलिस की ओर से मौके से 7 लाख रुपए सट्टे की रकम बरामद की गई. पुलिस ने कुख्यात सटोरिया धर्मेश उर्फ धर्म गुर्जर सहित 17 लोगों को मौके से गिरफ्तार किया था.
खास बात यह रही कि इस कार्रवाई में अलवर गेट थाने को भनक तक नहीं लगने दी गई. इस मामले की जांच रामगंज थाना प्रभारी सत्येंद्र सिंह नेगी को सौंपी गई है. सोमवार को कार्रवाई के बाद अजमेर एसपी विकास शर्मा ने आदेश जारी कर अलवर गेट थाना प्रभारी सुनीता गुर्जर को शिकायत के आधार पर थाने से हटा कर लाइन हाजिर कर दिया.
कार्यशैली से लोग कहने लगे थे लेडी सिंघम
ट्रैफिक पुलिस में रहते हुए इंस्पेक्टर सुनीता गुर्जर चर्चा में आई थी. प्रमुख मार्गो से अस्थाई अतिक्रमण हटाने के अलावा व्यापारियों और कुछ स्थानीय नेताओं का भी उन्होंने विरोध झेला था. लेकिन अपनी कार्यशैली की वजह से उनके किए गए कार्यों से आमजन को फायदा भी हुआ था. अपनी कार्यशैली की वजह से लोग उन्हें लेडी सिंघम कहने लगे थे.
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आईपीएस सुनील मेहरडा ने कार्रवाई करते हुए 17 सटोरियों को मौके से गिरफ्तार किया. वहीं 7 लाख रुपए भी जप्त किए. कार्रवाई के बाद तक अलवर गेट थाना प्रभारी को कार्रवाई की सूचना तक नहीं मिली. इससे थाने की कार्यप्रणाली को लेकर उंगलियां उठने लगी थीं. यही वजह रही कि शिकायत को आधार बनाकर थाना प्रभारी सुनीता गुर्जर को लाइन हाजिर किया गया.