अजमेर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2022 बजट (Rajasthan Budget 2022) के पिटारे से उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की है. बजट घोषणा से विद्यार्थियों के साथ साथ व्याख्याता भी खुश नजर आ रहे है. इधर उद्योग क्षेत्र में बड़े व्यापारी बजट से खुश है लेकिन छोटे व्यापारियो ने बजट में उनकी उपेक्षा होना बताया. संभाग के सबसे बड़े जीसीए कॉलेज में राजस्थान के बजट 2022 (Rajasthan legislative assembly budget 2022) को देखने की व्यवस्था कॉलेज परिसर के नेहरू भवन में की गई थी. सीएम अशोक गहलोत ने उच्च एवं तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण घोषणाएं की है.
छात्र संघ अध्यक्ष फरहान ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गहलोत ने विद्यार्थियों का पूरा ध्यान रखा है. प्रदेश में छात्राओं के लिए 36 नए महिला कॉलेज खोलने की घोषणा हुई है. इसके अलावा जयपुर में नेहरू मार्ग पर शिक्षा हब बनाने के 700 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है. एक तकनीकी महाविघालय 100 करोड़ की लागत से दिया है. उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों की घोषणा के साथ शिक्षकों की नियुक्ति की भी घोषणा बजट में हुई है. निश्चित रूप से जब बजट की घोषणाएं धरातल पर उतरेगी तो विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा. व्याख्याता आरके अग्रवाल ने कहा कि बजट 2022 में विश्वविद्यालयो में 7वां वेतन आयोग लागू करने की घोषणा से खुशी का माहौल है. वही पुरानी पेंशन स्कीम लागू होने से भी शिक्षक और कार्मिक खुश है.
उद्योग क्षेत्र में बजट को लेकर व्यापारियों (Businessman Opinion On Budget 2022) की मिली जुली प्रतिक्रीया सामने आई है. व्यापारी रमेश लालवानी ने कहा कि पेयजल की स्कीम देकर इंडस्ट्री को राहत दी है. रीको क्षेत्रो में 10 प्रतिशत सरचार्ज का भार इंडस्ट्रीयल पर रहता है. बजट घोषणा के मुताबिक इस सरचार्ज से मुक्त किया गया है. इसके अलावा उद्योग के लिए भूमि के लैंड कन्वर्जन के शुल्क और प्रक्रिया से मुक्त किया गया है. लालवानी ने कहा कि गहलोत हमेशा से एनआरआई को राजस्थान में उद्योग स्थापित करने के लिए अग्रसर रहे हैं. बजट में उद्योग क्षेत्र में हुई घोषणा से राहत मिलेगी.
वही उद्योग (Entrepreneurs Opinion On Budget 2022) को बढ़ावा मिलने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि पचपदरा में पेट्रोलियम केमिकल इन्वेस्टमेंट रीजन विकसित करने की घोषणा हुई है. इसके तहत एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि मध्यम, लघु एवं सूक्ष्म उद्योग को 5 वर्ष तक ऑडिट नहीं करवानी होगी. लालवानी ने कहा कि बजट घोषणा के क्रियान्वयन से उद्योग को राहत मिलेगी. व्यापारी मितेश ने कहा कि बजट में छोटे व्यापारियों की उपेक्षा की गई है. कोरोना काल में सबसे ज्यादा आहत छोटे व्यापारी हुए है. बिजली, दुकानों का किराया छोटे व्यापारियों के लिए मुश्किल बना हुआ है. छोटे व्यापारियों को उम्मीद थी कि कम ब्याज पर उन्हें ऋण उपलब्ध करवाने की कोई घोषणा बजट में होगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.