अजमेर. एक समय था जब कोरोना से मरने वाले लोगों को उनके परिजन भी हाथ लगाने से कतरा रहे थे. तब नगर निगम की ओर से कोरोना से मरने वाले व्यक्तियों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था. अजमेर नगर निगम ने ऐसे ही कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार करने के लिए शुभम उर्फ आकाश नाम के शख्स को रखा था. उसको वादा किया गया था कि उसे एक बॉडी के 2 हजार रुपए और नौकरी दी जाएगी. लेकिन अब शुभम का आरोप है कि निगम उसे पैसे देने से इनकार कर रहा है.
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शुभम ने बताया कि कोरोना में उसने 188 शवों का दाह संस्कार किया था. लेकिन 7 महीने बीत चुके हैं अभी तक उसे एक रुपए भी नहीं मिला है. शुभम ने बताया कि 188 शवों के 3 लाख 76 रुपए बनते हैं जो निगम देने से मना कर रहा है. उसका कहना है कि निगम अब एक शव के 1000 रुपए देने की बात कह रहा है जबकि पहले 2000 रुपए की बात हुई थी और नौकरी की भी. शुभम ने कलेक्टर से भी बकाया भुगतान दिलवाने की गुहार लगाई है.
शुभम ने कहा कि उसने कोरोना काल में पूरी ईमानदारी के साथ काम किया. कई महीनों तक परिवार और बच्चों से दूर रहना पड़ा. लेकिन अब निगम अपने वादे से मुकर रहा है. वाल्मीकी समाज के लोग भी शुभम के समर्थन में आ गए हैं. उनका कहना है कि अगर शुभम को 3 लाख 76 हजार रुपए बकाया भुगतान और नौकरी नहीं दी गई तो वो धरना प्रदर्शन करेंगे. शुभम ने इंसाफ नहीं मिलने पर आमरण अनशन पर भी बैठने की बात कही है.