अजमेर. नगर निगम की जमीन पर अवैध रूप से किए गए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई. पहले इस जमीन के मामले में कूट रचित दस्तावेज न्यायालय में पेश कर चारदीवारी का निर्माण कर लिया गया था. जिसके बाद रिट पिटीशन पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इसे सरकारी जमीन बताई और कार्रवाई के निर्देश दिए.
बता दें कि राजस्व अधिकारी पवन मीणा और सत्यनारायण बोरा ने आनासागर चौपाटी के समीप की इस जमीन पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है. यह अतिक्रमित जमीन वर्तमान राजस्व रिकॅार्ड के अनुसार अजमेर विकास प्राधिकरण के नाम से है. वहीं इसी जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई चारदीवारी को नगर निगम ने तोड़ दिया है. गजेंद्र सिंह रलावता के अनुसार गौरव पथ पर गोविंद राम तेली ने गत 17 जनवरी न्यायालय में कूटनीतिक दस्तावेज पेश कर जमीन को अपनी बताई और चारदीवारी बनाने का आदेश हासिल कर लिए थे. उसने इस जमीन पर चारदीवारी का निर्माण कर लिया.
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यह भूमि वर्तमान में राजस्व रिकॉर्ड अनुसार खसरा नंबर 2067 अजमेर विकास प्राधिकरण के नाम से दर्ज है. नगर निगम की ओर से न्यायालय में रिट पिटीशन दायर कर एडीए और तहसीलदार की ओर से दस्तावेज और साक्ष्य पेश किए गए थे. जिसपर न्यायालय ने नगर निगम की पुनर्विचार याचिका 7 फरवरी को स्वीकार करते हुए पूर्व 17 जनवरी को जारी आदेश को भी रिकॉल किया.
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इसके साथ ही कोर्ट ने पिछले आदेश के आधार पर गोविंद तेली द्वारा प्राप्त किए गए किसी भी लाभ को निष्प्रभावी करते हुए मूल स्थिति बहाल रखने के आदेश जारी कर दिए हैं. जिस पर नगर निगम आयुक्त चिन्मयी गोपाल के निर्देश पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया.