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अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए की शुरू की तैयारियां

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Published : May 17, 2021, 5:34 PM IST

अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपर डॉ. वीबी सिंह ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के दिशा में उन्होंने काम करना शुरू कर दिया है. इसके लिए एक कमेटी भी बनाई गई है. जिसके निर्देशानुसार कार्य शुरू किया जायेगा. साथ ही अस्पतालों में बेड्स की संख्या बढ़ाई जा रही है और ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं.

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कोरोना की तीसरी लहर

अजमेर. कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश को घुटनों के बल ला दिया है. अस्पताल ऑक्सीजन और बेड्स की भारी कमी से जूझ रहे हैं वहीं इसी बीच कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है. जिससे समय रहते निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि राजस्थान सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए कमेटी बना दी गई. जिसकी बैठक भी हो चुकी है. कमेटी के निर्देशानुसार कार्य शुरू किया जाएगा.

पढ़ें: नागौर के शिशु गृह में दो से ढाई माह के दो बच्चे पाए गए कोरोना पॉजिटिव, चिकित्सा विभाग सक्रिय

तीसरी लहर से निपटने की तैयारी

उन्होंने बताया कि जेएलएन मेडिकल कॉलेज को 12 ऑक्सीजन जनरेटर राज्य सरकार ने स्वीकृत किये हैं. 2 ऑक्सीजन प्लांट लग चुके हैं, 4 ऑक्सीजन प्लांट का का काम जारी है. 15 जून तक शेष स्वीकृत सभी ऑक्सीजन प्लांट लग जाएंगे. सिंह ने कहा कि यह तीसरी लहर से निपटने के लिए हमारी तैयारी है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में मरीजों के लिए जितने बेड हैं उनमें 25 से 30 फीसदी इजाफा किया जाएगा. पीडियाट्रिक के लिए राज्य सरकार ने 20 बेड और 50 बेड की मेडिसन आईसीयू स्वीकृत किये हैं. इसके अलावा अजमेर स्मार्ट सिटी परियोजना और अन्य सरकारी एजेंसियों के माध्यम से जेएलएन मेडिकल कॉलेज को वेंटिलेटर भी उपलब्ध हुए हैं.

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए की शुरू की तैयारियां

ब्लैक फंगल को लेकर बोर्ड गठित

ब्लैक फंगस के सवाल पर डॉ. सिंह ने बताया कि अजमेर में इसका अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया है. राज्य सरकार के निर्देश पर एक बोर्ड बनाया गया है. जिसमें ब्लैक फंगस के स्पेशलिस्ट हैं. इस बोर्ड की सोमवार 17 मई को बैठक होनी है. बोर्ड बीमारी से संबंधित आवश्यक दवाइयां और जरूरत की चीजों की लिस्टिंग करेगा. बोर्ड की ओर से निर्धारित लिस्ट को राज्य सरकार को भेजा जाएगा. इसके तहत राज्य सरकार से दवाइयां मंगवाने का इंतजाम किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि शिशु रोग विभाग के लिए एक अलग ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है. रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता आवश्यकता के अनुसार है. जेएलएन अस्पताल में कोरोना के 550 मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इसके अलावा कोरोना मरीजों के लिए 50 वेटिंग बेड भी लगाए गए हैं. जहां मरीज के लिए ऑक्सीजन की भी व्यवस्था है.

अजमेर. कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश को घुटनों के बल ला दिया है. अस्पताल ऑक्सीजन और बेड्स की भारी कमी से जूझ रहे हैं वहीं इसी बीच कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है. जिससे समय रहते निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. अजमेर जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि राजस्थान सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए कमेटी बना दी गई. जिसकी बैठक भी हो चुकी है. कमेटी के निर्देशानुसार कार्य शुरू किया जाएगा.

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तीसरी लहर से निपटने की तैयारी

उन्होंने बताया कि जेएलएन मेडिकल कॉलेज को 12 ऑक्सीजन जनरेटर राज्य सरकार ने स्वीकृत किये हैं. 2 ऑक्सीजन प्लांट लग चुके हैं, 4 ऑक्सीजन प्लांट का का काम जारी है. 15 जून तक शेष स्वीकृत सभी ऑक्सीजन प्लांट लग जाएंगे. सिंह ने कहा कि यह तीसरी लहर से निपटने के लिए हमारी तैयारी है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में मरीजों के लिए जितने बेड हैं उनमें 25 से 30 फीसदी इजाफा किया जाएगा. पीडियाट्रिक के लिए राज्य सरकार ने 20 बेड और 50 बेड की मेडिसन आईसीयू स्वीकृत किये हैं. इसके अलावा अजमेर स्मार्ट सिटी परियोजना और अन्य सरकारी एजेंसियों के माध्यम से जेएलएन मेडिकल कॉलेज को वेंटिलेटर भी उपलब्ध हुए हैं.

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए की शुरू की तैयारियां

ब्लैक फंगल को लेकर बोर्ड गठित

ब्लैक फंगस के सवाल पर डॉ. सिंह ने बताया कि अजमेर में इसका अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया है. राज्य सरकार के निर्देश पर एक बोर्ड बनाया गया है. जिसमें ब्लैक फंगस के स्पेशलिस्ट हैं. इस बोर्ड की सोमवार 17 मई को बैठक होनी है. बोर्ड बीमारी से संबंधित आवश्यक दवाइयां और जरूरत की चीजों की लिस्टिंग करेगा. बोर्ड की ओर से निर्धारित लिस्ट को राज्य सरकार को भेजा जाएगा. इसके तहत राज्य सरकार से दवाइयां मंगवाने का इंतजाम किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि शिशु रोग विभाग के लिए एक अलग ऑक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है. रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता आवश्यकता के अनुसार है. जेएलएन अस्पताल में कोरोना के 550 मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इसके अलावा कोरोना मरीजों के लिए 50 वेटिंग बेड भी लगाए गए हैं. जहां मरीज के लिए ऑक्सीजन की भी व्यवस्था है.

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