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अजमेर में है हेरिटेज फिल्म लाइब्रेरी और थिएटर... लेकिन आज तक नहीं हो सका संचालन

अजमेर में एक फिल्म लाइब्रेरी और थिएटर मौजूद है. इस फिल्म लाइब्रेरी को बनाने में करीब दो करोड़ रुपये खर्च किया जा चुका है. लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते अभी तक इस लाइब्रेरी और थिएटर का संचालन नहीं हो पाया है.

Ajmer Heritage Film Library, अजमेर खबर
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Published : Aug 17, 2019, 4:44 AM IST

अजमेर. जिले के नया बाजार में अकबरी किले के नजदीक की इमारत पर एक हेरिटेज फिल्म लाइब्रेरी और थिएटर है, जिसमें आज तक किसी भी फिल्म का संचालन नहीं हो पाया है. साथ ही चौंकाने वाली बात ये भी है कि शहरवासियों तक को पता नहीं कि अजमेर में फिल्म लाइब्रेरी और थिएटर मौजूद है. अब ऐसा लगने लगा है कि ये थिएटर राजनीति की भेंट चढ़ रहा है.

दरअसल, ये लाइब्रेरी उत्तर भारत की एकमात्र दुर्लभ और प्राचीन ऐतिहासिक फिल्मों की लाइब्रेरी है, जिसका 6 अक्टूबर 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सभागार में उद्घाटन किया था. लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते अभी तक इस लाइब्रेरी और थिएटर का संचालन नहीं हो पाया है.

पढ़ें: जयपुर मेयर के टिकट की रेस में कांग्रेस नेताओं ने की लॉबिंग तेज....लंबी है लिस्ट

इस फिल्म लाइब्रेरी को बनाने में करीब दो करोड़ रुपये खर्च किया जा चुका है. ये वो लाइब्रेरी है, जो साल 1952 से अजमेर रोडवेज बस स्टैंड के सामने शिक्षा विभाग के आईटी सेल में संचालित थी. डिजिटलाइजेशन के बाद इस लाइब्रेरी को अजमेर के नया बाजार में शिफ्ट किया है. इस लाइब्रेरी में दो थिएटर है, जिसमें 16 लोगों को बैठने की व्यवस्था है. थिएटर एसी और एचडी साउंड से भी युक्त है. साथ ही यहां सिंगल व्यक्ति के लिए भी फिल्म देखने के लिए कंप्यूटर की व्यवस्था की गई है.

अजमेर में हेरिटेज फिल्म लाइब्रेरी और थिएटर का आज तक नहीं हो सका संचालन

साथ ही लोगों को बैठने के लिए दो हॉल का निर्माण भी किया गया है, जो कि 3 डी लुक में बनाया गया है. इस लाइब्रेरी में साल 1952 से साल 1990 तक की बनी देश में डॉक्यूमेंट्री, सरकारी योजनाओं, वैज्ञानिक आविष्कारों और देशभक्ति की फिल्मों की रील मौजूद है. साथ ही साल 1990 से साल 2005 तक इस्तेमाल होने वाली वीसीआर की कैसेट भी मौजूद है. फोटो रील के जरिए दिखाई जाने फिल्में भी यहां मौजूद है.

बता दें कि साल 2013 में भाजपा ने राजस्थान में बहुमत हासिल कर सरकार बनाई थी, जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अजमेर की फिल्म लाइब्रेरी की दुर्दशा के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत अजमेर का दौरा कर लाइब्रेरी का निरीक्षण किया. साल 2016 में ही फिल्म लाइब्रेरी के निर्माण के लिए दो करोड़ रुपए जारी कर दिए गए. इसका कार्य अजमेर विकास प्राधिकरण को सौंप दिया गया. प्राधिकरण द्वारा एक दल बनाया गया, जिसे महाराष्ट्र और पुणे भेजा गया. यहां फिल्म लाइब्रेरी देखकर अजमेर की फिल्म लाइब्रेरी में थिएटर का निर्माण गया और उसे पुरातत्व विभाग को सौंप दिया गया.

पढ़ें: कोटा में बाढ़...प्रशासन ने नहीं की पर्याप्त व्यवस्थाएं, दौरा करने पहुंचे लोकसभा अध्यक्ष बिरला

वहीं, साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा हेरिटेज फिल्म लाइब्रेरी और थिएटर के लिए अलग से दो करोड़ का बजट पास किया गया और 6 अक्टूबर 2018 को इस लाइब्रेरी का उद्घाटन भी कर दिया गया था, लेकिन फिल्म लाइब्रेरी में थिएटर के निर्माण के बाद जब इसकी जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग को दी गई तो वो इसे संभाल नहीं सका. इसकी वजह कर्मचारियों की कमी बताई गई.

इसके लिए विभाग ने दो बार टेंडर भी निकाले, लेकिन किसी कंपनी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई. वहीं, शिक्षा विभाग के आईटी सेल स्टेशन के टेक्नीशियन इसका रखरखाव किया जा रहा है, लेकिन उनका पद भी खत्म कर दिया गया है.

अजमेर. जिले के नया बाजार में अकबरी किले के नजदीक की इमारत पर एक हेरिटेज फिल्म लाइब्रेरी और थिएटर है, जिसमें आज तक किसी भी फिल्म का संचालन नहीं हो पाया है. साथ ही चौंकाने वाली बात ये भी है कि शहरवासियों तक को पता नहीं कि अजमेर में फिल्म लाइब्रेरी और थिएटर मौजूद है. अब ऐसा लगने लगा है कि ये थिएटर राजनीति की भेंट चढ़ रहा है.

दरअसल, ये लाइब्रेरी उत्तर भारत की एकमात्र दुर्लभ और प्राचीन ऐतिहासिक फिल्मों की लाइब्रेरी है, जिसका 6 अक्टूबर 2018 को तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सभागार में उद्घाटन किया था. लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते अभी तक इस लाइब्रेरी और थिएटर का संचालन नहीं हो पाया है.

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इस फिल्म लाइब्रेरी को बनाने में करीब दो करोड़ रुपये खर्च किया जा चुका है. ये वो लाइब्रेरी है, जो साल 1952 से अजमेर रोडवेज बस स्टैंड के सामने शिक्षा विभाग के आईटी सेल में संचालित थी. डिजिटलाइजेशन के बाद इस लाइब्रेरी को अजमेर के नया बाजार में शिफ्ट किया है. इस लाइब्रेरी में दो थिएटर है, जिसमें 16 लोगों को बैठने की व्यवस्था है. थिएटर एसी और एचडी साउंड से भी युक्त है. साथ ही यहां सिंगल व्यक्ति के लिए भी फिल्म देखने के लिए कंप्यूटर की व्यवस्था की गई है.

अजमेर में हेरिटेज फिल्म लाइब्रेरी और थिएटर का आज तक नहीं हो सका संचालन

साथ ही लोगों को बैठने के लिए दो हॉल का निर्माण भी किया गया है, जो कि 3 डी लुक में बनाया गया है. इस लाइब्रेरी में साल 1952 से साल 1990 तक की बनी देश में डॉक्यूमेंट्री, सरकारी योजनाओं, वैज्ञानिक आविष्कारों और देशभक्ति की फिल्मों की रील मौजूद है. साथ ही साल 1990 से साल 2005 तक इस्तेमाल होने वाली वीसीआर की कैसेट भी मौजूद है. फोटो रील के जरिए दिखाई जाने फिल्में भी यहां मौजूद है.

बता दें कि साल 2013 में भाजपा ने राजस्थान में बहुमत हासिल कर सरकार बनाई थी, जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अजमेर की फिल्म लाइब्रेरी की दुर्दशा के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत अजमेर का दौरा कर लाइब्रेरी का निरीक्षण किया. साल 2016 में ही फिल्म लाइब्रेरी के निर्माण के लिए दो करोड़ रुपए जारी कर दिए गए. इसका कार्य अजमेर विकास प्राधिकरण को सौंप दिया गया. प्राधिकरण द्वारा एक दल बनाया गया, जिसे महाराष्ट्र और पुणे भेजा गया. यहां फिल्म लाइब्रेरी देखकर अजमेर की फिल्म लाइब्रेरी में थिएटर का निर्माण गया और उसे पुरातत्व विभाग को सौंप दिया गया.

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वहीं, साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा हेरिटेज फिल्म लाइब्रेरी और थिएटर के लिए अलग से दो करोड़ का बजट पास किया गया और 6 अक्टूबर 2018 को इस लाइब्रेरी का उद्घाटन भी कर दिया गया था, लेकिन फिल्म लाइब्रेरी में थिएटर के निर्माण के बाद जब इसकी जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग को दी गई तो वो इसे संभाल नहीं सका. इसकी वजह कर्मचारियों की कमी बताई गई.

इसके लिए विभाग ने दो बार टेंडर भी निकाले, लेकिन किसी कंपनी ने इसमें रुचि नहीं दिखाई. वहीं, शिक्षा विभाग के आईटी सेल स्टेशन के टेक्नीशियन इसका रखरखाव किया जा रहा है, लेकिन उनका पद भी खत्म कर दिया गया है.

Intro:अजमेर की हेरिटेज फिल्म लाइब्रेरी व थिएटर जिसमें आज तक किसी भी फिल्म का संचालन नहीं हो पाया चौंकाने वाली बात तो यह है कि शहरवासियों तक को नहीं पता कि अजमेर में फिल्म लाइब्रेरी थिएटर मौजूद है और अब ऐसा लगने लगा है कि यह थिएटर राजनीति की भेंट चल रहा है


Body:उत्तर भारत की एकमात्र दुर्लभ व प्राचीन ऐतिहासिक फिल्मों की डिजिटल लाइफ कर उचित सरकी हेरिटेज फिल्म लाइब्रेरी व थिएटर तैयार तो हो चुका है तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 6 अक्टूबर 2018 को माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सभागार में इस लाइब्रेरी का उद्घाटन कर दिया था लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते अभी तक इस लाइब्रेरी व थिएटर का संचालन नहीं हो पाया है



जी हाँ अजमेर के नया बाजार में स्थित अकबरी किले के समीप इमारत पर ऐतिहासिक फिल्म लाइब्रेरी व थियेटर बन चुका है मगर यह थिएटर कर्मचारियों की कमी के चलते संचालित नहीं हो पाया है इस फ़िल्म लाइब्रेरी को बनाने में लगभग 2 करोड़ भी खर्च किया जा चुका है मगर अभी तक इसका संचालन नहीं हो पाया पहले हम आपको दिखाते हैं अजमेर में यह स्थापित फिल्म लाइब्रेरी व थिएटर की हालत व दुर्दशा



सन 1952 से अजमेर रोडवेज बस स्टैंड के सामने शिक्षा विभाग के आईटी सेल में संचालित फिल्म लाइब्रेरी जो कि अब डिजीलाइटेजशन होकर अजमेर के नया बाजार में पहुंच चुकी है इस लाइब्रेरी में दो थिएटर है जिसमें 16 लोगों को बैठने की व्यवस्था थिएटर एसी से युक्त और एचडी साउंड से भी युक्त है साथ ही यहां सिंगल व्यक्ति के लिए भी फिल्म देखने के लिए कंप्यूटर की व्यवस्था की गई है

साथ ही लोगों को बैठने के लिए दो हॉल का निर्माण भी किया गया है जो कि काफी सुंदर है और 3D लुक में बनाए गए हैं इस लाइब्रेरी में आप देख सकते हैं कि 1952 से 1990 तक की बनी देश में डॉक्यूमेंट्री व सरकारी योजनाएं वैज्ञानिक आविष्कार व देशभक्ति की फिल्मों की रील आज भी मौजूद है



वहीं 1990 से 2005 तक इस्तेमाल होने वाली वीसीआर की कैसेट भी यहां मौजूद है इसी के साथ फोटो रील के जरिए दिखाई जाने फिल्म में भी यहां मौजूद है साथ ही सन् 2013 में भाजपा सरकार ने राजस्थान में बहुमत हासिल कर सरकार बनाई थी जिसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को अजमेर की फिल्म लाइब्रेरी की दुर्दशा के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत अजमेर का दौरा किया और लाइब्रेरी का निरीक्षण किया


जिसके बाद सन 2016 के अंदर फिल्म लाइब्रेरी के निर्माण के लिए 2 करोड रुपए सेक्शन कर दिए गए वही इसका कार्य अजमेर विकास प्राधिकरण को सौंप दिया गया प्राधिकरण द्वारा एक दल बनाया गया और उसे महाराष्ट्र पुणे भेजा गया जहां फिल्म लाइब्रेरी को देखकर उसी आधार पर अजमेर की फिल्म लाइब्रेरी में थिएटर का निर्माण किया जाना था और उसे पुरातत्व विभाग को सौंप दिया गया



वहीं 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा हेरिटेज फिल्म लाइब्रेरी वेयर थिएटर के लिए अलग से दो करोड़ का बजट पास किया गया और 6 अक्टूबर 2018 को इस लाइब्रेरी का उद्घाटन भी कर दिया गया था लेकिन फिल्म लाइब्रेरी में थिएटर के निर्माण के बाद जब इसकी जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग पर आई तो पुरातत्व विभाग इसे संभाल नहीं पाया क्योंकि बाबा का कहना था कि उनके पास पहले से ही कर्मचारियों की कमी है तो वे इसका संचालन कैसे कर पाएंगे





Conclusion:इसके लिए विभाग द्वारा दो बार टेंडर निकाले गए मगर किसी कंपनी द्वारा इसमें रुचि नहीं दिखाई गई और टेंडर फेल हो गए वहीं शिक्षा विभाग के आईटी सेल स्टेशन पर टेक्नीशियन द्वारा इसका रखरखाव किया जा रहा था मगर दुर्भाग्यपूर्ण उसका भी पद खत्म कर दिया गया है तो इस फिल्म का संचालन कैसे हो सकेगा

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