अजमेर. अजमेर शहर की पुरानी बसावट बहुत ही सघन है. यहां गलियां और रास्तें दोनों तंग हैं, साथ ही व्यवसायिक बहुमंजिला इमारतों में अग्निशमन के पुख्ता इंतजाम नहीं है. इसके लिए अग्निशमन विभाग ने शहर में बहुमंजिला इमारतों हौजरील, स्मोक डिटेक्टर सहित अग्नि शमन यंत्रों (Fire fighting equipment) के पुख्ता इंतजाम करवाने के लिए 500 से अधिक संस्थानों और प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किए हैं. इसके अलावा दरगाह क्षेत्र के लिए हाइड्रेंट सिस्टम बनाने का प्रस्ताव भी भेजा है.
भौगोलिक दृष्टि से अजमेर शहर की बनावट कटोरे के आकार की है. वहीं, अजमेर शहर की पुरानी बसावट बहुत ही सघन है, तंग गलियां, तंग रास्ते हैं. खासकर दरगाह क्षेत्र में तो कई गालियां इतनी तंग हैं कि एक ओर से यदि कोई आ रहा है तो दूसरे को गली के छोर पर ही रुकना पड़ता है. यह सब क्षेत्र में बढ़ती व्यावसायिक गतिविधियों और प्रशासन की अनदेखी का नतीजा है. इन तंग गलियों में बने गेस्ट हाउस या होटलों में आग लग जाए तो एम्बुलेंस और दमकल तक समय पर नहीं पहुंच पाएंगे.
दूसरी तरफ इन बहुमंजिला होटलों, गेस्ट हाउस और रेस्टोरेंट में अग्निशमन के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है. दशकों से आग की घटनाओं को लेकर क्षेत्रवासी भगवान भरोसे हैं. ऐसे में क्षेत्र में जरूरी है कि अग्निशमन को लेकर पुख्ता इंतजाम हो.
हाइड्रेंट सिस्टम बनाने का प्रस्ताव...
बता दें कि अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह है, जहां देश और दुनिया से बड़ी संख्या में जायरीन आते हैं. ऐसे में दरगाह और उसके आसपास के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में 500 से ज्यादा होटल, गेस्ट हाउस और रेस्टोरेंट संचालित हैं, जहां भारी संख्या में लोगों का आना जाना लगा रहता है. यही वजह है कि क्षेत्र में सुरक्षा के मद्देनजर अग्निशमन विभाग ने अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को क्षेत्र में हाइड्रेंट सिस्टम बनाने का प्रस्ताव दिया है. फिलहाल, हाइड्रेंट सिस्टम की डीपीआर तैयार की जा रही है.
500 प्रतिष्ठान और संस्थान को नोटिस...
इसके अलावा शहर में हर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मॉल, स्कूल, कोचिंग क्लासेज और कॉलेज में भी अग्निशमन उपकरण लगाने के लिए अब फायर विभाग सक्रिय हो गया है. अग्निशमन विभाग की ओर से इन प्रतिष्ठानों और शिक्षण संस्थाओं के मालिकों को नोटिस डाक के जरिए भेजे गए हैं. जून 2020 के बाद से अब तक करीब 500 के लगभग नोटिस अग्निशमन विभाग की ओर से भिजवाए जा चुके हैं.
इनमें 60 प्रतिष्ठानों और शिक्षण संस्थान में अग्निशमन यंत्र लग चुके हैं. जिनको अग्निशमन विभाग ने एनओसी भी जारी कर दी है. जबकि शेष रहे प्रतिष्ठानों और शिक्षण संस्थानों ने अग्निशमन यंत्र नहीं लगाए हैं. ऐसे में विभाग उन्हें दोबारा नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है.
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अग्निशमन अधिकारी गौरव तंवर ने बताया कि दूसरे नोटिस के बाद भी यदि अग्निशमन यंत्र नहीं लगवाए जाते हैं तो ऐसे प्रतिष्ठानों एवं शिक्षण संस्थाओं को चिह्नित कर उनकी सूची नगर निगम के आयुक्त को सौंपी जाएगी. आयुक्त के निर्देश पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी. उन्होंने बताया कि अजमेर विकास प्राधिकरण ने भी कोचिंग सेंटर्स की सूची सौंपी है, इन्हें भी नोटिस भिजवाए जा रहे हैं.
अग्निशमन के पुख्ता इंतजाम की मांग
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि शहर में गलियां बहुत ही तंग है. कई होटलों में तो सीढ़ियां इतनी संकरी बनाई गई है कि एक समय में एक ही व्यक्ति आ सकता है. अगर कोई हादसा होता है तो बहुत नुकसान होगा. अजमेर व्यापारिक महासंघ के सचिव रमेश लालवानी कहते हैं कि कहने को अजमेर स्मार्ट सिटी है, लेकिन यहां अतिक्रमण कर निर्माण बहुत सघन बनाया गया है.
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स्थानीय लोग भी चाहते हैं कि पर्यटन और धार्मिक नगरी के लिहाज से अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाए जाने की सौगात मिली है. ऐसे में स्मार्ट सिटी कंपनी लिमिटेड लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए सकरे और तंग क्षेत्रों में अग्निशमन के लिए पुख्ता इंतजाम करें. अन्यथा जब भी कोई घटना होगी उसकी भयावहता का अंदाजा लगाना भी अभी मुश्किल है.
अग्निशमन विभाग की सक्रियता से शहर में व्यवसायिक बहुमंजिला इमारतों में अग्नि शमन के पुख्ता इंतजाम आगामी कुछ महीने में पूरे हो जाएंगे. बशर्ते कि विभाग अपने प्रयासों को अधूरा ना छोड़े. वहीं उम्मीद की जा रही है कि दरगाह क्षेत्र मैं व्यावसायिक गतिविधियों और तंग क्षेत्रों को देखते हुए अजमेर स्मार्ट सिटी के विभिन्न प्रोजेक्टों में हाइड्रेंट सिस्टम का प्रोजेक्ट भी स्वीकृत होगा. जिससे क्षेत्र में अग्नि सुरक्षा भगवान भरोसे रहने के साथ-साथ अग्निशमन विभाग की पहुंच भी होगी.