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पांच के पंच से COVID-19 पस्त, अजमेर कोरोना वायरस से मुक्त - अनावश्यक बाहर घूमने वालों पर कार्रवाई

राजस्थान के अजमेर जिले को कोरोना मुक्त करने में जिले के अधिकारियों ने सर्वश्रेष्ठ भूमिका निभाई है. पहला पॉजिटिव केस आने के बाद से ही इन सभी ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इनमें जिला कलेक्टर, एसपी, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, अस्पताल अधीक्षक और स्क्रीनिंग के लिए टीमे शामिल है.

Ajmer news, अजमेर की खबर
अधिकारियों के जीतोड़ मेहनत ने अजमेर को बनाया कोरोना मुक्त
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Published : Apr 15, 2020, 3:19 PM IST

Updated : Apr 15, 2020, 4:17 PM IST

अजमेर. जहां एक ओर देश में कोरोना से मुक्ति पाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार अथक प्रयास कर रही है. इसी क्रम में राजस्थान के अजमेर को कोरोना से मुक्त करने के लिए जिले के प्रमुख पांच अधिकारियों के प्रयास सफल साबित हुए हैं. इनमें जिला कलेक्टर, एसपी, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, अस्पताल अधीक्षक और स्क्रीनिंग के लिए टीमे शामिल है. इन सभी अधिकारियों ने अजमेर को कोरोना मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

अधिकारियों के जीतोड़ मेहनत ने अजमेर को बनाया कोरोना मुक्त

बता दें कि अजमेर से सटे जिले भीलवाड़ा में कोरोना का बढ़ता संक्रमण देख तत्परता दिखाते हुए अजमेर प्रशासन समय रहते सजग हो गया. दरअसल, अजमेर में एक युवक के पॉजिटिव आने के बाद बरती गई तत्परता के चलते कोरोना एक ही परिवार तक सीमित रह गया. वहीं, अजमेर के इन पांच अधिकारियों ने अपनी टीमों के साथ जिस तरह से मेहनत की है, वह काबिल-ए-तारीफ है और इन सभी पांचों अधिकारियों के सहयोग से ही अजमेर में एक भी कोरोना का मरीज सामने नहीं आया है.

पढ़ें- लॉकडाउन में कैसे करें अपने वाहनों का रखरखाव...पढ़ें पूरी खबर

जिला मुखिया ने यू संभाली कमान

जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा की ओर से कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर चिकित्सा, पुलिस, शिक्षा, पंचायती राज विभाग के सभी अधिकारियों की बैठक लेने के बाद उन्हें आवश्क दिशा-निर्देश दिए गए थे और लगातार अजमेर जिले की मॉनिटरिंग की जा रही थी कि कहीं भी कोरोना से संक्रमित मामला सामने आने पर लगातार उस पर पैनी नजर बनी हुई थी.

पुलिस कप्तान ने दिखाई सख्ती

वहीं, जिला पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए कोई भी कमी नहीं छोड़ी, जहां अजमेर जिले की सभी सीमाओं को सील कर दिया. इसके साथ ही सभी पुलिसकर्मियों को सख्ती बरतने के दिशा-निर्देश भी दिए गए. इसके बाद लोगों को घरों से बाहर निकलने के लिए पाबंदी लगा दिया गया. साथ ही बेवजह बाहर घूमने वाले लोगों पर नकेल कसते हुए उनके वाहनों को जब्त कर लिया और उन कठोर कार्रवाई भी की.

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने दिखाई तत्परता

साथ ही मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य वीर बहादुर सिंह ने पहला पॉजिटिव मामला आने के बाद ही युवक के परिजनों को उसी वक्त आइसोलेशन में भर्ती कर दिया था, अगर उन्हें उस समय भर्ती नहीं किया जाता तो वह और कई लोगों के संपर्क में आने के बाद लोगों को संक्रमित कर सकते थे.

पढ़ें- ऐसे कर्मवीरों को सलाम...21 दिन बाद पहुंची घर, कलेजे के टुकड़े को दूर से ही दुलारने के बाद फिर लौटी फर्ज अदा करने

स्क्रीनिंग और सर्वे के लिए उतारी गई टीमे

अजमेर सीएमएचओ डॉ. केके सोनी ने डिग्गी बाजार स्थित फैजल खान के पॉजिटिव मामला सामने आने के बाद डिग्गी बाजार क्षेत्र में घर-घर सर्वे टीम को लगा दिया, जहां लगातार स्क्रीनिंग और सर्वे किया जा रहा था कि कोई और व्यक्ति उन लोगों के संपर्क में तो नही आया है. इसी बात का ध्यान रखते हुए उनकी टीम की ओर से लोगों पर नजर रखी जा रही थी.

अस्पताल अधीक्षक ने संभाला मोर्चा

अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अनिल जैन ने अस्पताल में ही नहीं, बल्कि आइसोलेशन वार्ड, जांच सेंटर, दवा काउंटर सहित सभी जगह कुशल और अनुभवी व्यक्तियों को ड्यूटी पर लगाया गया. इसके साथ ही चिकित्सकों, नर्सिंग कर्मियों और पैरामेडिकल स्टाफ का हौसला बढ़ाने के लिए भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को निभाया, जिसके चलते अजमेर कोरोना मुक्त बन पाया है.

अजमेर. जहां एक ओर देश में कोरोना से मुक्ति पाने के लिए राज्य और केंद्र सरकार अथक प्रयास कर रही है. इसी क्रम में राजस्थान के अजमेर को कोरोना से मुक्त करने के लिए जिले के प्रमुख पांच अधिकारियों के प्रयास सफल साबित हुए हैं. इनमें जिला कलेक्टर, एसपी, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, अस्पताल अधीक्षक और स्क्रीनिंग के लिए टीमे शामिल है. इन सभी अधिकारियों ने अजमेर को कोरोना मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

अधिकारियों के जीतोड़ मेहनत ने अजमेर को बनाया कोरोना मुक्त

बता दें कि अजमेर से सटे जिले भीलवाड़ा में कोरोना का बढ़ता संक्रमण देख तत्परता दिखाते हुए अजमेर प्रशासन समय रहते सजग हो गया. दरअसल, अजमेर में एक युवक के पॉजिटिव आने के बाद बरती गई तत्परता के चलते कोरोना एक ही परिवार तक सीमित रह गया. वहीं, अजमेर के इन पांच अधिकारियों ने अपनी टीमों के साथ जिस तरह से मेहनत की है, वह काबिल-ए-तारीफ है और इन सभी पांचों अधिकारियों के सहयोग से ही अजमेर में एक भी कोरोना का मरीज सामने नहीं आया है.

पढ़ें- लॉकडाउन में कैसे करें अपने वाहनों का रखरखाव...पढ़ें पूरी खबर

जिला मुखिया ने यू संभाली कमान

जिला कलेक्टर विश्वमोहन शर्मा की ओर से कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर चिकित्सा, पुलिस, शिक्षा, पंचायती राज विभाग के सभी अधिकारियों की बैठक लेने के बाद उन्हें आवश्क दिशा-निर्देश दिए गए थे और लगातार अजमेर जिले की मॉनिटरिंग की जा रही थी कि कहीं भी कोरोना से संक्रमित मामला सामने आने पर लगातार उस पर पैनी नजर बनी हुई थी.

पुलिस कप्तान ने दिखाई सख्ती

वहीं, जिला पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए कोई भी कमी नहीं छोड़ी, जहां अजमेर जिले की सभी सीमाओं को सील कर दिया. इसके साथ ही सभी पुलिसकर्मियों को सख्ती बरतने के दिशा-निर्देश भी दिए गए. इसके बाद लोगों को घरों से बाहर निकलने के लिए पाबंदी लगा दिया गया. साथ ही बेवजह बाहर घूमने वाले लोगों पर नकेल कसते हुए उनके वाहनों को जब्त कर लिया और उन कठोर कार्रवाई भी की.

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने दिखाई तत्परता

साथ ही मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य वीर बहादुर सिंह ने पहला पॉजिटिव मामला आने के बाद ही युवक के परिजनों को उसी वक्त आइसोलेशन में भर्ती कर दिया था, अगर उन्हें उस समय भर्ती नहीं किया जाता तो वह और कई लोगों के संपर्क में आने के बाद लोगों को संक्रमित कर सकते थे.

पढ़ें- ऐसे कर्मवीरों को सलाम...21 दिन बाद पहुंची घर, कलेजे के टुकड़े को दूर से ही दुलारने के बाद फिर लौटी फर्ज अदा करने

स्क्रीनिंग और सर्वे के लिए उतारी गई टीमे

अजमेर सीएमएचओ डॉ. केके सोनी ने डिग्गी बाजार स्थित फैजल खान के पॉजिटिव मामला सामने आने के बाद डिग्गी बाजार क्षेत्र में घर-घर सर्वे टीम को लगा दिया, जहां लगातार स्क्रीनिंग और सर्वे किया जा रहा था कि कोई और व्यक्ति उन लोगों के संपर्क में तो नही आया है. इसी बात का ध्यान रखते हुए उनकी टीम की ओर से लोगों पर नजर रखी जा रही थी.

अस्पताल अधीक्षक ने संभाला मोर्चा

अजमेर संभाग के सबसे बड़े जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अनिल जैन ने अस्पताल में ही नहीं, बल्कि आइसोलेशन वार्ड, जांच सेंटर, दवा काउंटर सहित सभी जगह कुशल और अनुभवी व्यक्तियों को ड्यूटी पर लगाया गया. इसके साथ ही चिकित्सकों, नर्सिंग कर्मियों और पैरामेडिकल स्टाफ का हौसला बढ़ाने के लिए भी उन्होंने अपनी जिम्मेदारी को निभाया, जिसके चलते अजमेर कोरोना मुक्त बन पाया है.

Last Updated : Apr 15, 2020, 4:17 PM IST
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