अजमेर. अजमेर एसीबी (Ajmer ACB) ने केईएम रेस्ट हाउस गबन मामले में कार्रवाई की है. मामले में 7 सालों से फरार चल रहे तत्कालीन कनिष्ठ लिपिक को गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि तत्कालीन कनिष्ठ लिपिक सुदेश वर्मा ने केईएम (किंग एडवर्ड मेमोरियल) रेस्ट हाउस के मैनेजर व कैशियर के पद पर कार्य करते हुए पद का दुरुपयोग किया है.
कनिष्ठ लिपिक सुदेश वर्मा ने रेस्ट हाउस के नाम से ओबीसी बैंक के खाते से जारी शुदा चेकों पर चेयरमैन के फर्जी हस्ताक्षर कर भुगतान उठा लिया. जिसके बाद उसने अमानत में खयानत कर राजकोष को लाखों रुपए की हानि पहुंचाई. इस मामले में अनुसंधान अधिकारी और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सतनाम सिंह ने बताया कि साल 2009 से 2012 के बीच चेयरमैन किंग एडवर्ड मेमोरियल रेस्ट हाउस अजमेर के नाम से ओबीसी बैंक खाते से जारीशुदा चेकों पर चेयरमैन के फर्जी हस्ताक्षर कर भुगतान उठाकर धोखाधड़ी की. मामला सामने आने के बाद आरोपी सुदेश वर्मा करीब 7 सालों से फरार था. एसीबी पिछले चार महीने से आरोपी को गिरफ्तार करने के प्रयास कर रही थी.
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इस दौरान तकनीकी साधनों और गोपनीय रूप से सूचना एकत्रित की गई. सूचना के आधार पर पता चला कि आरोपी का परिवार अजमेर में ही कुंदन नगर स्थित कृष्णा नगर में किराए के मकान में निवास कर रहा था. जबकि आरोपी सुदेश वर्मा जोधपुर में कार्य कर रहा था. पिछले 7 सालों में आरोपी अहमदाबाद, आबू रोड, जोधपुर सहित कई स्थानों पर गिरफ्तारी के डर से छुपता रहा. गुरुवार को सुदेश वर्मा की लोकेशन की जानकारी मिली. इसके आधार पर एसीबी की टीम ने आरोपी को उसके अजमेर निवास से गिरफ्तार कर लिया.