अजमेर. HPCL कोटा डिवीजन के डिप्टी जनरल मैनेजर राजेश कुमार सिंह और उसके दलाल किशन विजय पर एसीबी ने अपनी पकड़ और मजबूत कर दी है. कोर्ट ने रिश्वतखोरों को 3 दिन की रिमांड पर एसीबी को सौंप दिया है.
यह है पूरा मामला...
HPCL कोटा डिवीजन के डिप्टी जनरल मैनेजर राजेश कुमार सिंह ने निवाई स्थित दीक्षा पेट्रोल पंप के मालिक प्रदीप वर्मा से पेट्रोल पंप पर अनियमितताओं की अनदेखी करने के बदले में एक लाख रुपए की रिश्वत ली थी.
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इस मामले में राजेश कुमार सिंह के दलाल किशन विजय की भी अहम भूमिका सामने आई है. किशन ने अपने भतीजे कपिल विजय के जरिए प्रदीप से दो लाख रुपए लिए और किशन के साथ जयपुर में इस रकम को सौंपने के लिए राजेश के पास चला गया.
2 लाख रुपए में से उसने एक लाख रुपए आरोपी राजेश कुमार सिंह को सौंप दिए और बाकी के एक लाख रुपए अपने पास रख लिए. पैसों के इस लेनदेन के दौरान ही एसीबी ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया. दलाल किशन विजय के भांजे कपिल विजय को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. दीक्षा पेट्रोल पंप पर अनियमितताओं के आरोप में पेट्रोल पंप मालिक प्रदीप वर्मा को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
इस मामले में राजेश के एक अन्य सहयोगी अविनाश को भी एसीबी ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. सवाई माधोपुर के सेल्स ऑफिसर वंदित कुमार को हिरासत में लेकर राजेश के रिश्वतखोरी के नेटवर्क के बारे में पूछताछ की जा रही है. हालांकि, सोमवार को ही पूछताछ के बाद सेल्स ऑफिसर वंदित कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया. वहीं, नेवई स्थित पेट्रोल पंप संचालक प्रदीप वर्मा को भी पूछताछ के लिए डिटेल किया जा चुका है. फिलहाल, इस मामले में एसीबी तहकीकात कर रही है, जिसके जरिए कई अन्य चेहरों के भी सामने आने की उम्मीद है.