अजमेर. अजमेर में जिला परिषद के सहायक विकास अधिकारी मुकेश कांकाणी को एसीबी ने गुरुवार को कोर्ट में पेश किया है. 12 अगस्त तक कोर्ट ने आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है. टाटगढ़ ग्राम पंचायत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के निरीक्षण में खामियां नहीं बताने के एवज में एडीओ ने सरपंच पुत्र परिवादी धर्मवीर से 11 हजार रुपए की रिश्वत ली थी.
एसीबी चौकी निरीक्षक मीरा बेनीवाल ने बताया कि आरोपी मुकेश कंकाणी को एसीबी कोर्ट में पेश किया गया है. कोर्ट ने आरोपी को 12 अगस्त तक के लिए न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है. बेनीवाल ने बताया कि जिला परिषद के सहायक विकास अधिकारी मुकेश कांकाणी ने 16 हजार रुपए की रिश्वत की डिमांड परिवादी से की थी. परिवादी ने जब मामले की शिकायत की थी तब इसका सत्यापन एसीबी ने करवाया था.
इस दौरान भी आरोपी ने परिवादी से पांच हजार रुपए लिए थे. आरोपी के घर की तलाशी ली गई जहां 32 हजार रुपए और एक हिसाब किताब की डायरी भी मिली थी. इसके अलावा उसके बैंक खातों की पासबुक भी मिली है. जांच-पड़ताल पर पता चला है कि उसका एक बैंक खाता भी है. एसीबी भी मामले की जांच कर रही है.
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कैमरा देख मुंह छिपाता रहा आरोपी
कोर्ट में पेशी के बाद एसीबी आरोपी मुकेश कांकाणी को पास स्थित दफ्तर ले जा रही थी. उस दौरान आरोपी अपना मुंह छुपा था रहा. मीडिया से बचने के लिए आरोपी एसीबी दफ्तर के कैमरे में ही दुबका रहा.
पत्नी सरकारी टीचर फिर भी फंसा लालच में
जिला परिषद का सहायक विकास अधिकारी मुकेश कांकाणी खुद सरकारी अफसर था. वहीं उसकी पत्नी अजमेर के निकट हटूंडी में सरकारी स्कूल में शिक्षिका है. दोनों को अच्छा खासा वेतन भी मिलता है. रामगंज क्षेत्र में आरोपी का मकान है और उसके दो छोटे बच्चे भी हैं. बावजूद इसके उसका लालच कम नहीं हुआ और रिश्वत लेकर और पैसे कमाने के चक्कर में फंस गया. सूत्रों की माने तो आरोपी मुकेश कांकाणी लाखों रुपए ब्याज पर भी देता था. उसके पास से बरामद डायरी में ब्याज पर जिन लोगों को उसने पैसे दिए हैं उसका हिसाब-किताब भी लिखा हुआ है.
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रिश्वत की रकम भी शातिराना तरीके से ली
आरोपी मुकेश कंकानी भ्रष्टाचार के कई प्रकरणों में गवाह के रूप में कई बार एसीबी कार्यालय आता रहा है. लिहाजा वह एसीबी में तैनात सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को जानता था. ट्रैप से पहले जब वह परिवादी धर्मवीर से मिला तो उसने रिश्वत की रकम परिवादी की कार में ली थी. इस दौरान उसने कार का गेट हल्का सा खुला छोड़ रखा था.
रिश्वत की रकम उसने एक कागज और मोबाइल के बीच फंसा ली थी. रिश्वत लेने के बाद भी उसे पकड़े जाने की आशंका थी जिस कारण वह शौचालय चला गया वहां टांड़ पर रिश्वत की रकम रख दी. एसीबी के हत्थे चढ़ने के बाद आरोपी की निशानदेही पर रिश्वत की रकम बरामद कर ली गई है. आरोपी के हाथों से कम और उसके मोबाइल कवर से नोटों पर लगे केमिकल का रंग ज्यादा छूट रहा था. एसीबी मामले में जांच कर रही है.