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809वां उर्स मेला होगा लेकिन पाबंदियां भी रहेंगी - नाजिम

अजमेर में स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में 13 या 14 फरवरी को चांद दिखने के साथ ही उर्स का आगाज होगा. इस दौरान कोरोना गाइडलाइन की व्यवस्था का खास ध्यान रखा जाएगा.

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अजमेर में लगेगा 809वां उर्स मेला
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Published : Feb 9, 2021, 3:45 PM IST

अजमेर. शहर में विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 890 साल की अनौपचारिक शुरुआत झंडे की रस्म के साथ हो चुकी है. देश और दुनिया से जायरीन का अजमेर आने का सिलसिला भी शुरू होने लगा है. इस बार उर्स मेला होगा लेकिन कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुसार पाबंदियां जरूर रहेगी.

अजमेर में लगेगा 809वां उर्स मेला

उर्स की व्यवस्थाओं को लेकर दरगाह कमेटी की ओर से की जा रही व्यवस्थाओं को लेकर नाजिम अशफाक हुसैन से ईटीवी भारत की विशेष बातचीत की. अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की ओर से अनौपचारिक शुरुआत हो चुकी है. 13 या 14 फरवरी को चांद दिखने के साथ ही उर्स का आगाज होगा. आशिकाने गरीब नवाज को उर्स का बेसब्री से इंतजार रहता है, लेकिन इस बार हालात बदल गए हैं. कोरोना का संकट अभी टला नहीं है. ऐसे में दरगाह आने वाले जायरीन को कोविड-19 की गाइडलाइन के बारे में विशेष जानकारी दी जा रही है. ताकि दरगाह में जायरीन कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना कर सकें.

दरगाह कमेटी के नाजिम अशफाक हुसैन ने बताया कि 2 फरवरी को उर्स से संबंधित गाइडलाइन सरकार की ओर से मिली है उसके अनुसार ही व्यवस्थाओं को अंजाम दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने धार्मिक मेलों की छूट कुछ पाबंदियों के साथ दी है. उन्होंने कहा कि इस बार ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स मेला होगा लेकिन पाबंदियों के साथ होगा. कोविड 19 की गाइडलाइन की दरगाह और मेला क्षेत्र में पालना करवाना दरगाह कमेटी की प्रथमिकता रहेगी.

पढ़ें- ख्वाजा गरीब नवाज का 809वां उर्स: साल 1928 से भीलवाड़ा का ये परिवार कर रहा है झंडे की रस्म अदा

उन्होंने बताया कि हर बार की तरह उर्स मेले में आने वाले जायरीन के ठहरने और खाने पीने की व्यवस्था कायड़ विश्राम स्थली में की जाएगी. ईटीवी भारत से बातचीत में दरगाह कमेटी के नाजिम अशफाक हुसैन ने बताया कि दरगाह में पारंपरिक और धार्मिक रस्में उसी तरह से होंगी, लेकिन दरगाह में लोगों की आवक को कम रखा जा जाएगा. एक बार में करीब 5 हजार लोग ही दरगाह परिसर में रह पाएंगे. उन्होंने बताया कि जायरीन के लिए डीओटी ने वेबसाइट भी लॉन्च की है इसमें जायरीन अपना पंजीयन करवा सकते है. जायरीन की मूलभूत सुविधा के लिए गाइडलाइन अनुसार विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं.

अजमेर. शहर में विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 890 साल की अनौपचारिक शुरुआत झंडे की रस्म के साथ हो चुकी है. देश और दुनिया से जायरीन का अजमेर आने का सिलसिला भी शुरू होने लगा है. इस बार उर्स मेला होगा लेकिन कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुसार पाबंदियां जरूर रहेगी.

अजमेर में लगेगा 809वां उर्स मेला

उर्स की व्यवस्थाओं को लेकर दरगाह कमेटी की ओर से की जा रही व्यवस्थाओं को लेकर नाजिम अशफाक हुसैन से ईटीवी भारत की विशेष बातचीत की. अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की ओर से अनौपचारिक शुरुआत हो चुकी है. 13 या 14 फरवरी को चांद दिखने के साथ ही उर्स का आगाज होगा. आशिकाने गरीब नवाज को उर्स का बेसब्री से इंतजार रहता है, लेकिन इस बार हालात बदल गए हैं. कोरोना का संकट अभी टला नहीं है. ऐसे में दरगाह आने वाले जायरीन को कोविड-19 की गाइडलाइन के बारे में विशेष जानकारी दी जा रही है. ताकि दरगाह में जायरीन कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना कर सकें.

दरगाह कमेटी के नाजिम अशफाक हुसैन ने बताया कि 2 फरवरी को उर्स से संबंधित गाइडलाइन सरकार की ओर से मिली है उसके अनुसार ही व्यवस्थाओं को अंजाम दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने धार्मिक मेलों की छूट कुछ पाबंदियों के साथ दी है. उन्होंने कहा कि इस बार ख्वाजा गरीब नवाज का उर्स मेला होगा लेकिन पाबंदियों के साथ होगा. कोविड 19 की गाइडलाइन की दरगाह और मेला क्षेत्र में पालना करवाना दरगाह कमेटी की प्रथमिकता रहेगी.

पढ़ें- ख्वाजा गरीब नवाज का 809वां उर्स: साल 1928 से भीलवाड़ा का ये परिवार कर रहा है झंडे की रस्म अदा

उन्होंने बताया कि हर बार की तरह उर्स मेले में आने वाले जायरीन के ठहरने और खाने पीने की व्यवस्था कायड़ विश्राम स्थली में की जाएगी. ईटीवी भारत से बातचीत में दरगाह कमेटी के नाजिम अशफाक हुसैन ने बताया कि दरगाह में पारंपरिक और धार्मिक रस्में उसी तरह से होंगी, लेकिन दरगाह में लोगों की आवक को कम रखा जा जाएगा. एक बार में करीब 5 हजार लोग ही दरगाह परिसर में रह पाएंगे. उन्होंने बताया कि जायरीन के लिए डीओटी ने वेबसाइट भी लॉन्च की है इसमें जायरीन अपना पंजीयन करवा सकते है. जायरीन की मूलभूत सुविधा के लिए गाइडलाइन अनुसार विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं.

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