अजमेर. नाबालिग बालिका से अप्राकृतिक दुष्कर्म के मामले में अजमेर की पॉक्सो कोर्ट संख्या 1 ने आरोपी को 7 वर्ष के कठोर कारावास (7 years rigorous imprisonment) की सजा सुनाई है. साथ ही 31 हजार रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है. आरोपी पीड़िता का रिश्ते में फूफा लगता है.
विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि यह मामला अलवर गेट थाना क्षेत्र में 22 जून 2019 को घटित हुआ था. पीड़िता की मां ने अलवर गेट थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसके परिवार में 3 बच्चियां और 1 पुत्र है. पड़ोस में मौसी सास का भी मकान है. लेकिन इन दिनों वह मकान में नहीं रह रही है. पीड़िता की मां ने रिपोर्ट में बताया कि वह अपने पुत्र को अस्पताल दवा दिलाने गई थी.
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अस्पताल से वह जब दोपहर 3 बजे घर लौटी तो नाबालिग पुत्री ने बताया कि उसका फूफा समीप ही मौसी के मकान में आइसक्रीम देने के बहाने उसे ले गया. वहां उसने बालिका से अप्राकृतिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया है. साथ ही किसी को नहीं बताने की धमकी देते हुए उसे 10 रुपए भी दिए. पुलिस ने पीड़िता की मां की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज करके कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया. उन्होंने बताया कि पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी को धारा 363 में 7 वर्ष, 342 में 1 वर्ष, 354 में 3 वर्ष और 9 (एम) 10 पॉक्सो की धारा में 7 वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 31 हजार रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया है.