अजमेर. कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए राज्य सरकार ने जिले के अस्पतालों को ऑक्सीजन उपलब्धता में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 6 नए ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट लगाने की मंजूरी दी है. यह प्लांट अजमेर, ब्यावर, किशनगढ़, केकड़ी और श्रीनगर में लगाए जाएंगे. इनकी स्थापना पर करीब 3.60 करोड़ की लागत आएगी. यह प्लांट आगामी 2 महीनों में बनकर तैयार होंगे.
ऑक्सीजन प्लांट स्थापना के प्रभारी तथा अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त अक्षय गोदारा ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से अजमेर जिले में विभिन्न स्थानों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाने की मंजूरी दी गई है. इन सभी प्लांट की स्थापना के लिए प्रक्रिया भी तुरन्त शुरू कर दी गई है. इन प्लांटों की स्थापना पर 3.60 करोड़ रूपये की लागत आएगी.
उन्होंने बताया कि अजमेर विकास प्राधिकरण की देखरेख में जेएलएन अस्पताल अजमेर, जनाना अस्पताल तथा श्रीनगर सीएचसी में 100-100 सिलेण्डर प्रतिदिन क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएंगे. प्रत्येक प्लांट की स्थापना पर 65 लाख रूपये खर्च आएगा. लगभग 1.95 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले इन तीनों प्लांटों का काम आगामी 2 माह में पूरा कर लिया जाएगा.
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इसी तरह स्थानीय निकाय विभाग की देखरेख में ब्यावर, किशनगढ़ व केकड़ी में 75-75 सिलेण्डर प्रतिदिन क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे. इनमें प्रत्येक की स्थापना पर 55 लाख रूपये का खर्च आएगा. लगभग 1.65 करोड़ की लागत से स्थापित होने वाले इन तीनों प्लांटों का काम शीघ्र शुरू कर दिया जाएगा. इसी तरह अगले चरण में अजमेर जिले की पुष्कर, सरवाड़ एवं बिजयनगर पालिका क्षेत्रों के चिकित्सालयों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना की प्रक्रिया शुरू होगी.
पूर्व में भी स्वीकृत हैं कई ऑक्सीजन प्लांट
गौरतलब है कि राजकीय जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में स्मार्ट सिटी योजना के तहत 175 सिलेण्डर प्रतिदिन क्षमता के 2 ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट भी पूर्व में स्वीकृत किए गए है. इस कार्य पर 3 करोड़ रूपये की लागत आएगी. इसी तरह राज्य सरकार द्वारा शहर के चिकित्सालयों में 90 और 60 सिलेण्डर प्रतिदिन क्षमता के 2 नए ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट स्वीकृत किए गए है. इन पर करीब 1.5 करोड़ रूपये की लागत आएगी. इनका कार्य भी शुरू किया जाएगा. डीआरडीओ ने भी 200 सिलेण्डर प्रतिदिन क्षमता का एक नया प्लांट अस्पताल के लिए स्वीकृत किया है. इसके साथ ही चिकित्सालय में ऑक्सीजन मेनीफोल्ड के पास 20 के.एल क्षमता का लिक्विड ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट स्थापित किया जा रहा है. इसमें बाहर से आने वाली लिक्विड ऑक्सीजन का स्टोरेज किया जा सकेगा.