अजमेर. जिले में प्रदेश की हाई सिक्योरिटी जेल में सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है. प्रदेश की सबसे सुरक्षित जेलों में शुमार हाई सिक्योरिटी जेल में 2 मोबाइल, 2 बैटरी और दो चार्जर बरामद (mobile recovered from ajmer jail) किए गए हैं. बता दें कि ये घटना में एक ही हफ्ते में दूसरी बार सामने आई है. प्रशासन कारागार जेल में तलाशी कर रही है और दोनों ही मामलों की जांच की जा रही है.
थैली में जमीन के नीचे दबा मिला मोबाइलः अजमेर में एक हफ्ते में ये दूसरी बार है कि फिर से प्रदेश की सबसे सुरक्षित जेल में मोबाइल मिला है. इतनी सुरक्षा के बावजूद हाई सिक्योरिटी जेल में मोबाइल मिलना बड़ी सुरक्षा में चूक है. जेल प्रशासन ने हाई सिक्योरिटी जेल के ब्लॉक नंबर 3 में एक मोबाइल, बैटरी,और चार्जर पानी की नाली के नीचे थैली में लिपटा हुआ जब्त किया था. वहीं दूसरा मोबाइल, बैटरी, और चार्जर जेल में ब्लॉक नंबर 4 में थैली में जमीन में गड़ा मिला.
जेल प्रशासन ने मोबाइल सिम, बैटरी, चार्जर सिविल लाइन थाना पुलिस के हवाले कर दिए हैं, साथ ही अज्ञात कैदी के नाम पर थाने में मुकदमा भी दर्ज करवाया है. बता दें कि इस कार्रवाई से पहले भी जेल प्रशासन ने जेल में से ही दो मोबाइल बरामद किए थे. जेल प्रशासन ने तब भी सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. सिविल लाइन थाना पुलिस दोनों ही प्रकरणों में जांच कर रही है. हाई सिक्योरिटी जेल में प्रदेश के सभी जिलों से से हार्डकोर अपराधियों को चिन्हित करके यहा रखा जाता है.
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हाई सिक्योरिटी जेल में है हार्डकोर अपराधीः हाई सिक्योरिटी जेल में हार्डकोर अपराधियों को रखा जाता है. जेल के लिए कहा जाता है कि यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, बावजूद इसके जेल में कई बार मोबाइल मिल चुके हैं. इतना ही नहीं हार्डकोर अपराधी लॉरेंस बिश्नोई के पास से भी मोबाइल एक्सेसरिज बरामद हो चुके हैं. देश की सबसे सुरक्षित हाई सिक्योरिटी जेल में सुरक्षा में चूक का यह बड़ा गंभीर मामला है.
जेल से अपने गिरोह के संपर्क में रहते हैं अपराधी: हाई सिक्योरिटी जेल में मोबाइल मिलने की घटनाओं से साफ लगता है कि अपराधी जेल में रहकर भी गिरोह के संपर्क में बराबर रहते हैं. इतना ही नहीं जेल में रहते हुए भी गिरोह के माध्यम से बड़ी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इसी तरह केंद्रीय कारागार जेल में भी सुरक्षा में चूक पर सवाल खड़े हो रहे हैं. केंद्रीय कारागार जेल में 900 से भी अधिक सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदी कैद है. इनमें कुछ टाडा के मुजरिम भी हैं.
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बरामद मोबाइल की होगी जांच: सिविल लाइन थाने के हेड कांस्टेबल जितेंद्र सिंह ने बताया कि केंद्रीय कारागार प्रशासन और हाई सिक्योरिटी जेल के प्रशासन ने सिविल लाइन थाने में मोबाइल मिलने के प्रकरण में मुकदमा दर्ज करवाया है. बरामद मोबाइल और सिम कार्ड की जांच होगी और इन मोबाइल से किन लोगों से संपर्क किया गया था इसको लेकर भी जांच की जा रही है. मामले की जांच एएसआई राजाराम को सौपी गई है.