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कोरोना काल में अजमेर के 2 डॉक्टर 'लापता', डायरेक्टर ने मांगी रिपोर्ट - राजस्थान की ताजा हिंदी खबरें

राजस्थान में कोरोना की दूसरी लहर से न जानें कितने लोगों की मौत हुई. मरीजों को जब सबसे ज्यादा डॉक्टरों की जरूरत थी. उसी दौरान राज्य के 7 संभागों में 564 डॉक्टर ड्यूटी से नदारद थे. ऐसे में लापता डॉक्टरों को लेकर जन स्वास्थ्य सेवा के निदेशक ने सभी पीएमओ और सीएमएचओ से रिपोर्ट मांगी है.

Doctor missing in Rajasthan without informing, राजस्थान में बिना बताए डॉक्टर लापता
राजस्थान में बिना बताए डॉक्टर लापता
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Published : Jun 22, 2021, 2:23 PM IST

अजमेर. कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टरों को कोरोना वॉरियर्स की खिताब से नवाजा गया है, लेकिन महामारी के दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को बताए बिना लगभग 564 डॉक्टर ड्यूटी से नदारद है. यह सभी डॉक्टर प्रदेश के सातों संभाग से हैं, जिनमें अजमेर के भी दो डॉक्टर लापता है. इस संबंध में जन स्वास्थ्य सेवा निदेशक ने सभी पीएमओ और सीएमएचओ से रिपोर्ट मांगी है और यदि इनके संबंध में देर से या आधी अधूरी सूचना दी गई तो विभाग की ओर से पीएमओ और सीएमएचओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग को नहीं है ड्यूटी से नदारद रहने वाले डॉक्टरों की जानकारी

कोरोना काल के दौरान राज्य के सातों संभाग से 269 विशेषज्ञ डॉक्टर और 295 मेडिकल ऑफिसर ड्यूटी से नदारद रहे. इन डॉक्टरों में अजमेर, भरतपुर, कोटा, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर संभाग में लंबे समय से 564 विशेषज्ञ और एमबीबीएस डॉक्टर शामिल है. फिलहाल यह सारे डॉक्टर कहां है, इसके बारे में स्वास्थ्य विभाग को किसी तरह की कोई जानकारी नहीं है. इनके बारे में जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग के निदेशक केके शर्मा ने सातों संभागों पीएमओ और सीएमएचओ को पत्र लिखकर इनके बारे में जानकारी मांगी है.

राजस्थान में बिना बताए डॉक्टर लापता

पढ़ेंः धार्मिक स्थल और मल्टीप्लेक्स खोलने की तैयारी में सरकार, अनलॉक-3 की गाइडलाइन के लिए कैबिनेट बैठक जल्द

जानकारी देने की अंतिम तिथि भी की गई जारी

स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि तय समय सीमा के अंदर पीएमओ और सीएमएचओ को निदेशालय मुख्यालय पर उपस्थित होकर खुद इन डॉक्टर के संबंध में जानकारी देनी होगी. इसके लिए उन्हें दो पत्रों में जानकारी मांगी गई है. अजमेर संभाग के पीएमओ और सीएमएचओ को 21 जून भरतपुर, 22 जून कोटा, 23 जून उदयपुर, 24 जून बीकानेर, 25 जून जोधपुर, 23 जून जयपुर, 29 जून की तिथि अंतिम सीमा के रूप में सौंपी गई है. इस समय सीमा के अंदर सभी सीएमएचओ और पीएमओ को लापता डॉक्टर्स के संबंध में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करना अनिवार्य है.

पढ़ेंः कोविड-19 पर श्वेत पत्र जारी करेंगे कांग्रेस नेता राहुल गांधी

बताया जा रहा है कि लापता हुए इन डॉक्टरों में से कई विशेषज्ञ और डॉक्टर ऐसे हैं, जो जॉइनिंग करने के बाद सालों से अनुपस्थित चल रहे हैं. सीएमएचओ की ओर से इनके बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही, जबकि हो सकता है कि इन लोगों ने किसी अन्य हॉस्पिटल में ज्वाइन कर लिया हो, लेकिन इनके नाम से विभाग में अभी तक शीट बुक है, ऐसे में इनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए गए हैं.

चिकित्सा मंत्री के गृह जिले से भी 2 डॉक्टर ड्यूटी से नदारद

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा के गृह जिले अजमेर से भी 2 डॉक्टर अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने के दूसरे दिन से गायब हैं. इस संबंध में अजमेर सीएमएचओ डॉक्टर केके सोनी ने बताया कि जिले के 2 डॉक्टर कोरोना के पहले से ही सन 2018 और 2019 से गायब है. इनमें से एक डॉक्टर की ड्यूटी सावर में और दूसरे की किसी अन्य जगह पर लगाई गई थी. फिलहाल दोनों डॉक्टरों को नोटिस भेजकर उनकी सूचना स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार को भेज दी गई है, जिस पर विभाग की ओर से आगे की कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ेंः वसुंधरा समर्थकों की बयानबाजी रोकने के लिए भाजपा कार्यसमिति की बैठक होगी वर्चुअली, जयपुर के नेता भी VC से जुड़ेंगे

यहां ड्यूटी के समय डॉक्टर नदारद और वहां स्वास्थ्य विभाग संविदा पर मंगवा रहा है डॉक्टर

इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि लंबे समय से प्रदेश के सैकड़ों डॉक्टर ड्यूटी से नदारद है. वहीं डॉक्टरों की कमी के चलते स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग ने हाल ही में विज्ञप्ति जारी कर संविदा पर डॉक्टरों से आवेदन मांगे हैं. इस विज्ञप्ति के जरिए प्रदेश भारत से 1000 डॉक्टर कोरोना हेल्थ कंसलटेंट के रूप में प्रदेश भर में लगाए जाएंगे. सीकर जिले से सबसे ज्यादा 40 डॉक्टरों ने संविदा कर्मी के रूप में काम करने के लिए आवेदन भेजे हैं.

अजमेर. कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टरों को कोरोना वॉरियर्स की खिताब से नवाजा गया है, लेकिन महामारी के दौरान प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को बताए बिना लगभग 564 डॉक्टर ड्यूटी से नदारद है. यह सभी डॉक्टर प्रदेश के सातों संभाग से हैं, जिनमें अजमेर के भी दो डॉक्टर लापता है. इस संबंध में जन स्वास्थ्य सेवा निदेशक ने सभी पीएमओ और सीएमएचओ से रिपोर्ट मांगी है और यदि इनके संबंध में देर से या आधी अधूरी सूचना दी गई तो विभाग की ओर से पीएमओ और सीएमएचओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

स्वास्थ्य विभाग को नहीं है ड्यूटी से नदारद रहने वाले डॉक्टरों की जानकारी

कोरोना काल के दौरान राज्य के सातों संभाग से 269 विशेषज्ञ डॉक्टर और 295 मेडिकल ऑफिसर ड्यूटी से नदारद रहे. इन डॉक्टरों में अजमेर, भरतपुर, कोटा, जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर संभाग में लंबे समय से 564 विशेषज्ञ और एमबीबीएस डॉक्टर शामिल है. फिलहाल यह सारे डॉक्टर कहां है, इसके बारे में स्वास्थ्य विभाग को किसी तरह की कोई जानकारी नहीं है. इनके बारे में जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग के निदेशक केके शर्मा ने सातों संभागों पीएमओ और सीएमएचओ को पत्र लिखकर इनके बारे में जानकारी मांगी है.

राजस्थान में बिना बताए डॉक्टर लापता

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जानकारी देने की अंतिम तिथि भी की गई जारी

स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि तय समय सीमा के अंदर पीएमओ और सीएमएचओ को निदेशालय मुख्यालय पर उपस्थित होकर खुद इन डॉक्टर के संबंध में जानकारी देनी होगी. इसके लिए उन्हें दो पत्रों में जानकारी मांगी गई है. अजमेर संभाग के पीएमओ और सीएमएचओ को 21 जून भरतपुर, 22 जून कोटा, 23 जून उदयपुर, 24 जून बीकानेर, 25 जून जोधपुर, 23 जून जयपुर, 29 जून की तिथि अंतिम सीमा के रूप में सौंपी गई है. इस समय सीमा के अंदर सभी सीएमएचओ और पीएमओ को लापता डॉक्टर्स के संबंध में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करना अनिवार्य है.

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बताया जा रहा है कि लापता हुए इन डॉक्टरों में से कई विशेषज्ञ और डॉक्टर ऐसे हैं, जो जॉइनिंग करने के बाद सालों से अनुपस्थित चल रहे हैं. सीएमएचओ की ओर से इनके बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही, जबकि हो सकता है कि इन लोगों ने किसी अन्य हॉस्पिटल में ज्वाइन कर लिया हो, लेकिन इनके नाम से विभाग में अभी तक शीट बुक है, ऐसे में इनके खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए गए हैं.

चिकित्सा मंत्री के गृह जिले से भी 2 डॉक्टर ड्यूटी से नदारद

स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा के गृह जिले अजमेर से भी 2 डॉक्टर अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने के दूसरे दिन से गायब हैं. इस संबंध में अजमेर सीएमएचओ डॉक्टर केके सोनी ने बताया कि जिले के 2 डॉक्टर कोरोना के पहले से ही सन 2018 और 2019 से गायब है. इनमें से एक डॉक्टर की ड्यूटी सावर में और दूसरे की किसी अन्य जगह पर लगाई गई थी. फिलहाल दोनों डॉक्टरों को नोटिस भेजकर उनकी सूचना स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार को भेज दी गई है, जिस पर विभाग की ओर से आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि लंबे समय से प्रदेश के सैकड़ों डॉक्टर ड्यूटी से नदारद है. वहीं डॉक्टरों की कमी के चलते स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग ने हाल ही में विज्ञप्ति जारी कर संविदा पर डॉक्टरों से आवेदन मांगे हैं. इस विज्ञप्ति के जरिए प्रदेश भारत से 1000 डॉक्टर कोरोना हेल्थ कंसलटेंट के रूप में प्रदेश भर में लगाए जाएंगे. सीकर जिले से सबसे ज्यादा 40 डॉक्टरों ने संविदा कर्मी के रूप में काम करने के लिए आवेदन भेजे हैं.

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