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कितना बढ़ा रोजगार, केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी - employment survey

श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव ने बताया कि नौ क्षेत्रों में एक जनवरी, 2021 को कुल रोजगार 3.08 करोड़ था, जबकि एक जनवरी, 2022 को इसकी संख्या बढ़कर 3.18 करोड़ हो गई. इस प्रकार इन नौ क्षेत्रों में रोजगार उक्त अवधि में 10 लाख बढ़े हैं.

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Published : Sep 27, 2022, 9:10 PM IST

नई दिल्ली : देश में रोजगार बढ़ रहे हैं. विनिर्माण, स्वास्थ्य समेत नौ क्षेत्रों में कुल रोजगार के अवसर इस साल जनवरी-मार्च में 10 लाख बढ़कर 3.18 करोड़ रहे. केंद्रीय श्रम मंत्रालय के मंगलवार को जारी तिमाही सर्वेक्षण में यह कहा गया है.

श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव ने अखिल भारतीय त्रैमासिक प्रतिष्ठान आधारित रोजगार सर्वेक्षण (एक्यूईईएस) के तहत तिमाही रोजगार सर्वेक्षण के चौथे दौर (जनवरी-मार्च 2022) की रिपोर्ट जारी की. ये नौ चयनित क्षेत्र विनिर्माण, निर्माण, कारोबार, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रेस्तरां, सूचना प्रौद्योगिकी/बीपीओ (बिजनसे प्रोसेस आउटसोर्सिंग) और वित्तीय सेवाएं हैं. इन नौ क्षेत्रों में पिछले साल जनवरी-मार्च में कुल 3.08 करोड़ लोग काम कर रहे थे.

इस तिमाही रोजगार सर्वे तैयार करने वाले विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष एसपी मुखर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इन नौ क्षेत्रों में एक जनवरी, 2021 को कुल रोजगार 3.08 करोड़ और एक जनवरी, 2022 को 3.18 करोड़ था. इस प्रकार इन नौ क्षेत्रों में रोजगार उक्त अवधि में 10 लाख बढ़े हैं. रोजगार में वृद्धि अप्रैल, 2021 में दूसरी कोविड लहर के मद्देनजर लगाये गये प्रतिबंधों को हटाने के बाद आर्थिक गतिविधियों में पुनरुद्धार को दर्शाती है.

श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि अनुमानित रोजगार तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2021) में 3.14 करोड़ से बढ़कर चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2022) में 3.18 करोड़ हो गया. श्रम ब्यूरो नौ चुने हुए क्षेत्र के तहत संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों में रोजगार एवं प्रतिष्ठानों से संबंधित बदलाव के बारे में तिमाही आधार पर अनुमान प्रदान करने के लिये यह सर्वेक्षण (एक्यूईईएस) करता है.

एक्यूईईएस के दो हिस्से हैं. पहला, त्रैमासिक रोजगार सर्वेक्षण (क्यूईएस) और दूसरा, एरिया फ्रेम प्रतिष्ठान सर्वेक्षण (एएफईएस). पहला 10 या उससे अधिक श्रमिकों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों से संबंधित है जबकि दूसरा नौ या उससे कम श्रमिकों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों से जुड़ा है.

अर्थव्यवस्था के संगठित क्षेत्र में रोजगार और उससे संबंधित परिवर्तन को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी जुटाने के लिये अप्रैल, 2021 में एक्यूईईएस के एक हिस्से के रूप में क्यूईएस शुरू किया गया था. हर तिमाही में करीब 12,000 प्रतिष्ठानों से जानकारी एकत्रित की जा रही है. इस प्रकार की पहली रिपोर्ट अप्रैल-जून, 2021 की अवधि के लिये सितंबर, 2021 में जारी की गई थी. मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में इन क्षेत्रों में रोजगार में वृद्धि के रुझान दिख रहा है.

उल्लेखनीय है कि छठी आर्थिक गणना (2013-14) में सामूहिक रूप से इन नौ चुने हुए क्षेत्रों में कुल रोजगार 2.37 करोड़ था. रिपोर्ट के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में कुल कार्यबल का सबसे ज्यादा यानी 38.5 प्रतिशत कामगार काम कर रहे हैं. इसके बाद शिक्षा क्षेत्र में 21.7 प्रतिशत, आईटी/बीपीओ में 12 प्रतिशत और स्वास्थ्य क्षेत्र में 10.6 प्रतिशत कामगार काम कर रहे हैं. इन चार क्षेत्रों का कुल कामगारों में हिस्सेदारी करीब 83 प्रतिशत है.

श्रमिकों की संख्या के हिसाब से प्रतिष्ठानों को देखें तो अनुमानित रूप से 80 प्रतिशत प्रतिष्ठानों में 10 से 99 श्रमिक काम कर रहे हैं. अगर 10 या इससे अधिक श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों को देखा जाए तो यह आंकड़ा बढ़कर 88 प्रतिशत हो जाएगा. करीब 12 प्रतिशत प्रतिष्ठानों में 10 से कम श्रमिक काम कर रहे हैं. केवल 1.4 प्रतिशत प्रतिष्ठानों ने कम-से-कम 500 कर्मचारियों के काम करने की सूचना दी है.

ये भी पढ़ें : भारत हरित नौकरियां सृजन में अग्रणी, 2021 में 8.63 लाख को मिला रोजगार

नई दिल्ली : देश में रोजगार बढ़ रहे हैं. विनिर्माण, स्वास्थ्य समेत नौ क्षेत्रों में कुल रोजगार के अवसर इस साल जनवरी-मार्च में 10 लाख बढ़कर 3.18 करोड़ रहे. केंद्रीय श्रम मंत्रालय के मंगलवार को जारी तिमाही सर्वेक्षण में यह कहा गया है.

श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेन्द्र यादव ने अखिल भारतीय त्रैमासिक प्रतिष्ठान आधारित रोजगार सर्वेक्षण (एक्यूईईएस) के तहत तिमाही रोजगार सर्वेक्षण के चौथे दौर (जनवरी-मार्च 2022) की रिपोर्ट जारी की. ये नौ चयनित क्षेत्र विनिर्माण, निर्माण, कारोबार, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रेस्तरां, सूचना प्रौद्योगिकी/बीपीओ (बिजनसे प्रोसेस आउटसोर्सिंग) और वित्तीय सेवाएं हैं. इन नौ क्षेत्रों में पिछले साल जनवरी-मार्च में कुल 3.08 करोड़ लोग काम कर रहे थे.

इस तिमाही रोजगार सर्वे तैयार करने वाले विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष एसपी मुखर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इन नौ क्षेत्रों में एक जनवरी, 2021 को कुल रोजगार 3.08 करोड़ और एक जनवरी, 2022 को 3.18 करोड़ था. इस प्रकार इन नौ क्षेत्रों में रोजगार उक्त अवधि में 10 लाख बढ़े हैं. रोजगार में वृद्धि अप्रैल, 2021 में दूसरी कोविड लहर के मद्देनजर लगाये गये प्रतिबंधों को हटाने के बाद आर्थिक गतिविधियों में पुनरुद्धार को दर्शाती है.

श्रम मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि अनुमानित रोजगार तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2021) में 3.14 करोड़ से बढ़कर चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2022) में 3.18 करोड़ हो गया. श्रम ब्यूरो नौ चुने हुए क्षेत्र के तहत संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों में रोजगार एवं प्रतिष्ठानों से संबंधित बदलाव के बारे में तिमाही आधार पर अनुमान प्रदान करने के लिये यह सर्वेक्षण (एक्यूईईएस) करता है.

एक्यूईईएस के दो हिस्से हैं. पहला, त्रैमासिक रोजगार सर्वेक्षण (क्यूईएस) और दूसरा, एरिया फ्रेम प्रतिष्ठान सर्वेक्षण (एएफईएस). पहला 10 या उससे अधिक श्रमिकों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों से संबंधित है जबकि दूसरा नौ या उससे कम श्रमिकों को रोजगार देने वाले प्रतिष्ठानों से जुड़ा है.

अर्थव्यवस्था के संगठित क्षेत्र में रोजगार और उससे संबंधित परिवर्तन को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी जुटाने के लिये अप्रैल, 2021 में एक्यूईईएस के एक हिस्से के रूप में क्यूईएस शुरू किया गया था. हर तिमाही में करीब 12,000 प्रतिष्ठानों से जानकारी एकत्रित की जा रही है. इस प्रकार की पहली रिपोर्ट अप्रैल-जून, 2021 की अवधि के लिये सितंबर, 2021 में जारी की गई थी. मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था में इन क्षेत्रों में रोजगार में वृद्धि के रुझान दिख रहा है.

उल्लेखनीय है कि छठी आर्थिक गणना (2013-14) में सामूहिक रूप से इन नौ चुने हुए क्षेत्रों में कुल रोजगार 2.37 करोड़ था. रिपोर्ट के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र में कुल कार्यबल का सबसे ज्यादा यानी 38.5 प्रतिशत कामगार काम कर रहे हैं. इसके बाद शिक्षा क्षेत्र में 21.7 प्रतिशत, आईटी/बीपीओ में 12 प्रतिशत और स्वास्थ्य क्षेत्र में 10.6 प्रतिशत कामगार काम कर रहे हैं. इन चार क्षेत्रों का कुल कामगारों में हिस्सेदारी करीब 83 प्रतिशत है.

श्रमिकों की संख्या के हिसाब से प्रतिष्ठानों को देखें तो अनुमानित रूप से 80 प्रतिशत प्रतिष्ठानों में 10 से 99 श्रमिक काम कर रहे हैं. अगर 10 या इससे अधिक श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों को देखा जाए तो यह आंकड़ा बढ़कर 88 प्रतिशत हो जाएगा. करीब 12 प्रतिशत प्रतिष्ठानों में 10 से कम श्रमिक काम कर रहे हैं. केवल 1.4 प्रतिशत प्रतिष्ठानों ने कम-से-कम 500 कर्मचारियों के काम करने की सूचना दी है.

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