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ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदकों की जांच के लिये माइक्रोसॉफ्ट, मारुति ने विकसित की प्रौद्योगिकी

कंपनी ने एक बयान में कहा कि नयी प्रौद्योगिकी 'एचएएमएस (हार्नेसिंग ऑटोमोबाइल फॉर सेफ्टी)' को उत्तराखंड सरकार के परिवहन विभाग के सहयोग से स्वचालित ड्राइविंग जांच केंद्र (एडीटीसी), देहरादून में लगाया गया है.

ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदकों की जांच के लिये माइक्रोसॉफ्ट, मारुति ने विकसित की प्रौद्योगिकी
ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदकों की जांच के लिये माइक्रोसॉफ्ट, मारुति ने विकसित की प्रौद्योगिकी
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Published : Oct 27, 2020, 4:53 PM IST

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने मंगलवार को कहा कि उसने माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च इंडिया के साथ मिलकर ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदकों के परीक्षण के लिये स्मार्टफोन आधारित तकनीक विकसित की है.

कंपनी ने एक बयान में कहा कि नयी प्रौद्योगिकी 'एचएएमएस (हार्नेसिंग ऑटोमोबाइल फॉर सेफ्टी)' को उत्तराखंड सरकार के परिवहन विभाग के सहयोग से स्वचालित ड्राइविंग जांच केंद्र (एडीटीसी), देहरादून में लगाया गया है.

कंपनी ने कहा कि उसके द्वारा प्रवर्तित इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च और माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च इंडिया संयुक्त तौर पर प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण कर रही है.

नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) ने मंगलवार को कहा कि उसने माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च इंडिया के साथ मिलकर ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदकों के परीक्षण के लिये स्मार्टफोन आधारित तकनीक विकसित की है.

कंपनी ने एक बयान में कहा कि नयी प्रौद्योगिकी 'एचएएमएस (हार्नेसिंग ऑटोमोबाइल फॉर सेफ्टी)' को उत्तराखंड सरकार के परिवहन विभाग के सहयोग से स्वचालित ड्राइविंग जांच केंद्र (एडीटीसी), देहरादून में लगाया गया है.

कंपनी ने कहा कि उसके द्वारा प्रवर्तित इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च और माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च इंडिया संयुक्त तौर पर प्रौद्योगिकी का प्रशिक्षण कर रही है.

(पीटीआई-भाषा)

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