नई दिल्ली : सरकार 5जी परीक्षण मंच (टेस्टबेड) जनवरी की शुरुआत में पेश करने की योजना बना रही है. इससे लघु एवं मझोले उद्यम तथा उद्योग से जुड़ी अन्य कंपनियां मंच पर अपने समाधानों का परीक्षण कर सकेंगी.
दूरसंचार विभाग के शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. विभाग ने मार्च 2018 में 224 करोड़ रुपये की लागत से एक स्वदेशी 5जी परीक्षण मंच स्थापित करने के लिए विभिन्न संस्थानों के सहयोग वाली परियोजना को मंजूरी दी थी. इस पहल का मकसद 5जी स्वदेशी प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना था. परीक्षण मंच एक विशिष्ट परिवेश होता है. इसमें उत्पाद या सेवा के परीक्षण को लेकर हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, परिचालन प्रणाली और नेटवर्क संरचना जैसे पहलू शामिल होते हैं.
दूरसंचार विभाग के सचिव के राजारमण ने 'इंडिया मोबाइल कांग्रेस' में कहा, 'हमने हाल के दिनों में 5जी परीक्षण को लेकर मंच स्थापित करने का प्रयास किया है. हमें उम्मीद है कि जनवरी की शुरुआत में इस 5जी परीक्षण मंच को क्रियान्वित किया जाएगा. यह एसएमई और अन्य संबंधित उद्योगों को एक कार्यशील मंच पर अपने समाधानों का परीक्षण करने का अवसर देगा.'
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सहयोगी संस्थानों में आईआईटी मद्रास, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी कानपुर, बेंगलुरु स्थित इंडिन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस आदि शामिल हैं. फिलहाल दूरसंचार विभाग ने 5जी परीक्षणों के लिए भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और एमटीएनएल को स्पेक्ट्रम आवंटित किया है. विदेशी कंपनियां एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और मावेनिर भी 5जी परीक्षणों में दूरसंचार परिचालकों के साथ जुड़ी हुई हैं.
(पीटीआई-भाषा)