जयपुर. राज्य सरकार की ओर से रैपिड एंटीजन टेस्ट (rapid antigen test) की लाखों किट खरीद अलग-अलग दरों पर करने और चिरंजीवी योजना (Chiranjeevi Scheme) से निजी अस्पतालों में लोगों को इलाज नहीं मिलने के मामले पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. डॉ. पूनिया ने ट्वीट कर कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान मेडिकल उपकरणों (medical equipment) की खरीद में 'आपदा में अवसर' जैसा कुछ नजर आ रहा है. आक्सीजन कंसंट्रेटर और वेंटिलेटर के अलावा रैपिड एंटीजन टेस्ट किट की अलग-अलग दरों पर खरीद संदेह पैदा कर रही है, वो भी उस समय जब लैब की टेस्टिंग क्षमता पर भार कम हुआ है.
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चिरंजीवी योजना को लेकर डॉ. पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) को प्रदेश की जनता के हित में गंभीरता से ठोस कार्ययोजना बनाने की जरूरत है, जिससे इस योजना का लाभ निजी अस्पतालों में भी लाभार्थियों को मिल सके. उन्होंने कहा कि कोविड काल में राजधानी जयपुर में इस योजना से तमाम निजी अस्पतालों ने इलाज करने से मना कर दिया है. ऐसे में लोगों से मनमाने पैसे लिये गये. नया मामला अलवर जिले का है, जहां चिरंजीवी योजना में पंजीकृत एक परिवार को अपने सदस्य का इलाज जयपुर के निजी अस्पताल (private hospital) में पैसे देकर करवाना पड़ा है और पैसे कम पड़ने पर डेड बॉडी देने से भी अस्पताल ने मना कर दिया है. पूरा पैसा लेने के बद ही डेड बॉडी परिवार को दी गई.
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डॉ. पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री राज्य की जनता को जवाब दें कि क्या चिरंजीवी योजना सिर्फ नाम की ही योजना है? क्या आपने सिर्फ झूठी वाहवाही लूटने के लिये ही यह योजना चलाई है? राज्य सरकार के स्तर पर ऐसी क्या खामी है कि निजी अस्पताल इस योजना से लोगों का इलाज नहीं कर रहे हैं.
गहलोत का 'मिस मैनेजमेंट मॉडल' दुनिया में छाया
सतीश पूनिया ने एक अन्य ट्वीट कर कांग्रेस सरकार की कथनी और करनी में फर्क बताया है उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा (central vista)पर ज्ञान देने वाली कांग्रेस आज स्वयं 266 करोड़ खर्च कर अपने विधायकों के लिए आवास बनवा रही है. यह कैसी राजनीति है? ये अलग बात है कि 11.5 लाख वैक्सीन डोज बर्बाद करके गहलोत का "मिस-मैनेजमेंट मॉडल" पूरी दुनिया छाया हुआ है.