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बाड़मेर में RESLA की जिला स्तरीय बैठक आयोजित, कई मुद्दों पर हुईं चर्चाएं - उप प्रधानाचार्य पद का विरोध

बाड़मेर में राजस्थान शिक्षा सेवा प्रधानाध्यापक संघ की जिला स्तरीय बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा की गईं. साथ ही संघ ने उप प्रधानाचार्य पद को वित्तीय भार बताया है.

Barmer news, RESLA district level meeting
बाड़मेर में RESLA की जिला स्तरीय बैठक आयोजित
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Published : Mar 21, 2021, 8:15 PM IST

बाड़मेर. राजस्थान शिक्षा सेवा प्रधानाध्यापक संघ (रेसला) की जिला स्तरीय बैठक रविवार को भगवान महावीर पार्क में जिलाध्यक्ष डूंगर सिंह सारण की अध्यक्षता में आयोजित की गई. बैठक को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष डूंगर सिंह सारण ने कहा कि रेसला उप प्रधानाचार्य पद को पूर्ण रूप से वित्तीय भार घोषित करता है और इसका पूर्ण विरोध करता है. राजस्थान सरकार के बजट भाषण में इस पद को लेकर एक बयान आया था, उसका संगठन विरोध करता है.

इस अवसर पर जिला कार्यकारिणी सदस्य तनवीर सिंह डाउकिया, श्रवण पारीक, रूपाराम सियाग, किशन लाल प्रजापत, अणदाराम चौधरी, भागीरथ गोसाई सहित बड़ी संख्या में संगठन से जुड़े पदाधिकारी उपस्थित रहे. इस अवसर पर पदाधिकारियों ने कहा कि राज्य भर में प्रिंसिपल के 3 हजार रिक्त पदों पर व्याख्याता सफलतापूर्वक संचालन कर रहे हैं. आहरण वितरण अधिकार के तहत वह उस क्षेत्र के माध्यमिक विद्यालयों के कार्मिकों का वेतन भी पीईईओ कर सकते हैं, तो इस प्रकार से प्रधानाध्यापक के पद को भी अतार्किक बताते हुए इस पद को शीघ्र समाप्त करने की मांग रखी है.

यह भी पढ़ें- भरतपुर के एक होटल के कमरे में मिला प्रेमी युगल का शव, प्रेम प्रसंग में आत्महत्या की आशंका

बाड़मेर ब्लॉक अध्यक्ष सवाई सिंह ने बताया कि नई शिक्षा नीति में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यालयों में संचालन किया जाएगा, जिसमें प्रधानाध्यापक पद की अतार्किकता सिद्ध होती है. बैठक का संचालन जिला प्रवक्ता देवेंद्र गिरी ने किया. इस बैठक में प्रदेश नेतृत्व के निर्देश मिलने पर 22 और 23 मार्च को जयपुर कूच करने को तैयार रहने और कार्यकारिणी गठन को लेकर भी चर्चा की गई.

बाड़मेर. राजस्थान शिक्षा सेवा प्रधानाध्यापक संघ (रेसला) की जिला स्तरीय बैठक रविवार को भगवान महावीर पार्क में जिलाध्यक्ष डूंगर सिंह सारण की अध्यक्षता में आयोजित की गई. बैठक को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष डूंगर सिंह सारण ने कहा कि रेसला उप प्रधानाचार्य पद को पूर्ण रूप से वित्तीय भार घोषित करता है और इसका पूर्ण विरोध करता है. राजस्थान सरकार के बजट भाषण में इस पद को लेकर एक बयान आया था, उसका संगठन विरोध करता है.

इस अवसर पर जिला कार्यकारिणी सदस्य तनवीर सिंह डाउकिया, श्रवण पारीक, रूपाराम सियाग, किशन लाल प्रजापत, अणदाराम चौधरी, भागीरथ गोसाई सहित बड़ी संख्या में संगठन से जुड़े पदाधिकारी उपस्थित रहे. इस अवसर पर पदाधिकारियों ने कहा कि राज्य भर में प्रिंसिपल के 3 हजार रिक्त पदों पर व्याख्याता सफलतापूर्वक संचालन कर रहे हैं. आहरण वितरण अधिकार के तहत वह उस क्षेत्र के माध्यमिक विद्यालयों के कार्मिकों का वेतन भी पीईईओ कर सकते हैं, तो इस प्रकार से प्रधानाध्यापक के पद को भी अतार्किक बताते हुए इस पद को शीघ्र समाप्त करने की मांग रखी है.

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बाड़मेर ब्लॉक अध्यक्ष सवाई सिंह ने बताया कि नई शिक्षा नीति में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यालयों में संचालन किया जाएगा, जिसमें प्रधानाध्यापक पद की अतार्किकता सिद्ध होती है. बैठक का संचालन जिला प्रवक्ता देवेंद्र गिरी ने किया. इस बैठक में प्रदेश नेतृत्व के निर्देश मिलने पर 22 और 23 मार्च को जयपुर कूच करने को तैयार रहने और कार्यकारिणी गठन को लेकर भी चर्चा की गई.

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