झुंझुनूं. शेखावाटी की तपती सम मरुस्थलीय पट्टी में इस बार जमकर कैर सांगरी लगे हैं. यहीं कारण है कि किसान मान रहे हैं कि इस बार खूब जमकर फसल होगी. स्थानीय मान्यताओं के अनुसार यहां के कल्पवृक्ष खेजड़ी पर जब जमकर उसका फल सांगरी ज्यादा आता है, तो इसका मतलब यह है कि इस बार जमाना होने वाला है. यानि समय पर बारिश होगी और बिना किसी व्यवधान के फसल अच्छी खासी होगी. ऐसे में किसानों ने अपने खेत की गुड़ाई कर तैयार कर लिए हैं और अब बारिश के इंतजार में हैं.
जेठ की फसल होती है अच्छी
शेखावाटी में माना जाता है की जेठ यानि ज्येष्ठ माह में बोई गई फसल सर्वाधिक बेहतरीन मानी जाती है. इसलिए किसानो ने उससे पहले ही गुड़ाई कर खेत तैयार कर लिया है. स्थानीय भाषा में इसे फाड़ देना कहते हैं. अब किसानों को जल्द से जल्द बारिश का इंतजार है. जेष्ठ माह की सप्तमी आ चुकी है. मौसम वैज्ञानिकों ने भी इस बार 5 से 7 जून के आसपास मानसून राजस्थान में प्रवेश करने की बात कही है और ऐसे में किसानों को उम्मीद है कि उस समय यदि बारिश आती है तो यह उनकी फसल की बुवाई के लिए सही समय होगा.
बाजरे के लिए बेस्ट टाइम
विशेष कर इस समय बारिश हो जाने से यहां की प्रमुख फसल बाजरा को संजीवनी मिल जाती है. बारिश लेट हो जाने पर बाजरे की फसल को पकने के लिए पूरा समय नहीं मिल पाता है और ऐसे में फसल आधी रह जाती है.