अजमेर. अलवर के एमआईए स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज (ESIC Medical College) में भर्ती के नाम पर चल रहे रिश्वत (bribe) के काले खेल का अजमेर एसीबी (ajmer acb) ने पर्दाफाश किया है. इस प्रकरण में अजमेर एसीबी टीम ने कंपनी मालिक और चालक को किशनगढ़ से 15 लाख रुपए की रकम के साथ गिरफ्तार किया है. इन दोनों आरोपियों को अजमेर एसीबी अलवर ले गई है, जहां इनसे पूछताछ की जाएगी.
यह है पूरा मामला
ईएसआई हॉस्पिटल अलवर (ESI Hospital Alwar) में मेडिकल कॉलेज खोलने पर सरकार ने गुजरात की एमजे सोलंकी कंपनी को संविदा पर भर्ती का जिम्मा सौंप दिया था. इसके लिए बोर्ड का भी गठन किया गया था. इसमें सरकार की ओर से यह तय किया गया था कि भर्ती में कर्मचारियों की सैलरी का 2 प्रतिशत कंपनी को मिलेगा, लेकिन कंपनी ने पैसे लेकर बोर्ड के जरिए सीधे भर्ती करना शुरू कर दिया. एसीबी को लगातार शिकायतें मिल रही थी कि संविदा भर्ती में रिश्वत का काला खेल शुरू हो गया है. इसमें अभ्यार्थियों से एक से डेढ़ लाख रुपए तक मांगे जा रहे हैं. तब एसीबी ने एडिशनल एसपी बजरंग सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर मामले की मॉनिटरिंग शुरू की.
एसीबी ने अजमेर में ऐसे बिछाया जाल
अजमेर एसीबी के एडिशनल एसपी सतनाम सिंह ने बताया कि एसीबी ने अधिकारियों की टीम को अलवर भेजा था. टीम ने 3 दिनों तक अलवर में रहकर मामले की गहराई से जांच-पड़ताल की. इस बीच कंपनी के कर्मचारी अलवर के एमआईए के एक होटल में रुककर पूरी भर्ती प्रक्रिया को अंजाम दे रहे थे. गुरुवार को इस कंपनी का मालिक मिनेश पटेल अलवर आया और शाम को चला भी गया.
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इस दौरान एसीबी ने एमआईए में मत्स्य अरावली होटल में कंपनी के सुपरवाइजर जोधपुर निवासी भरत पूनिया को गिरफ्तार किया. भरत के पास से साढ़े चार लाख रुपए की रकम बरामद की गई. इसके बाद भारत की सूचना पर अजमेर एसीबी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए अलवर से जोधपुर जा रहे गांधीनगर गुजरात निवासी कंपनी के मालिक मिनेश पटेल और चालक नरेंद्र सिंह को किशनगढ़ के पास से गिरफ्तार किया. साथ ही एसीबी ने उनके पास से 15 लाख रुपए की रकम भी बरामद की. फिलहाल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर अलवर भेज दिया गया है, जहां एसीबी की टीम के हवाले कर उनसे पूछताछ की जाएगी.