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करौली : विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर वर्चुअल विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन - जिला विधिक सेवा प्राधिकरण

करौली में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (world child labor prohibition day) के अवसर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (District Legal Services Authority) ने रविवार को वर्चुअल विधिक जागरूकता (legal awareness) शिविर का आयोजन किया. इसमें न्यायिक मजिस्ट्रेट ने बाल श्रम निषेध के कानून प्रक्रिया की जानकारी दी.

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विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर वर्चुअल विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन
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Published : Jun 13, 2021, 1:22 PM IST

करौली. जिल में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (District Legal Services Authority) की ओर विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (world child labor prohibition day) के अवसर पर वर्चुअल विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया है. शिविर में न्यायिक मजिस्ट्रेट (judicial magistrate) ने बाल श्रम निषेध के कानून प्रक्रिया की जानकारी दी गई. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण करौली की ओर से विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर वर्चुअल विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया है.

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण करौली के सचिव और अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश प्रशान्त अग्रवाल के निर्देशानुसार पैरा लीगल वालंटियर हेमराज बैरवा की ओर से वर्चुअल माध्यम से उपस्थित लोगों को बाल श्रम निषेध दिवस के बारे में बताते हुए कहा कि बाल श्रम आमतौर पर मजदूरी के भुगतान के बिना या भुगतान के साथ बच्चों से शारिरिक कार्य कराना है. बाल श्रम केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, यह एक वैश्विक घटना है. भारतीय संविधान के अनुसार किसी उद्योग, कारखाने या किसी कम्पनी में मानसिक या शारिरिक श्रम करने वाले 14 वर्ष तक उम्र के बच्चों को बाल श्रमिक कहा जाता है.

साथ ही बताया कि बाल अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए भारतीय कानून कारखाना अधिनियम 1948 (Indian Law Factories Act 1948) में 14 साल तक की आयु वाले बच्चों को कारखाने में काम करने से रोकता है. 15 से 18 वर्ष तक के किशोर किसी फक्ट्री में तभी नियुक्त किये जा सकते हैं. जब उनके पास किसी अधिकृत चिकित्सक का फिटनेस प्रमाण पत्र हो. इस कानून में 15 से 18 वर्ष तक के लिए हर दिन साढे चार घंटे की कार्यावधि तय की गई है और उनके रात मे काम करने पर प्रतिबंध लगाया गया है.

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धारा 24 में 14 साल से कम उम्र का कोई भी बच्चा किसी फक्टरी अथवा खदान में कार्य करने के लिए नियुक्त नहीं किया जाएगा और न ही किसी खतरनाक नियोजन में नियुक्त किया जाएगा. इस दौरान पंचायत समिति सपोटरा, बालाजी ईंट उद्योग किरवाड़ा, सामुदायिक भवन पहाड़िया किरवाड़ा, गुरूकृपा बालगृह नादौती, पंचायत समिति नादौती, नेहरू पार्क हिण्डौनसिटी, आंगनबाड़ी केन्द्र बार्ड नं. 25 हिण्डौन सिटी पर विधिक जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर बाल श्रम निषेध, बाल विवाह निषेध, कोविड-19 और कोरोना वैक्सीनेशन के प्रति जागरूकता के संबंध में जानकारी प्रदान की गई.

करौली. जिल में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (District Legal Services Authority) की ओर विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (world child labor prohibition day) के अवसर पर वर्चुअल विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया है. शिविर में न्यायिक मजिस्ट्रेट (judicial magistrate) ने बाल श्रम निषेध के कानून प्रक्रिया की जानकारी दी गई. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण करौली की ओर से विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर वर्चुअल विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया है.

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण करौली के सचिव और अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश प्रशान्त अग्रवाल के निर्देशानुसार पैरा लीगल वालंटियर हेमराज बैरवा की ओर से वर्चुअल माध्यम से उपस्थित लोगों को बाल श्रम निषेध दिवस के बारे में बताते हुए कहा कि बाल श्रम आमतौर पर मजदूरी के भुगतान के बिना या भुगतान के साथ बच्चों से शारिरिक कार्य कराना है. बाल श्रम केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, यह एक वैश्विक घटना है. भारतीय संविधान के अनुसार किसी उद्योग, कारखाने या किसी कम्पनी में मानसिक या शारिरिक श्रम करने वाले 14 वर्ष तक उम्र के बच्चों को बाल श्रमिक कहा जाता है.

साथ ही बताया कि बाल अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए भारतीय कानून कारखाना अधिनियम 1948 (Indian Law Factories Act 1948) में 14 साल तक की आयु वाले बच्चों को कारखाने में काम करने से रोकता है. 15 से 18 वर्ष तक के किशोर किसी फक्ट्री में तभी नियुक्त किये जा सकते हैं. जब उनके पास किसी अधिकृत चिकित्सक का फिटनेस प्रमाण पत्र हो. इस कानून में 15 से 18 वर्ष तक के लिए हर दिन साढे चार घंटे की कार्यावधि तय की गई है और उनके रात मे काम करने पर प्रतिबंध लगाया गया है.

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धारा 24 में 14 साल से कम उम्र का कोई भी बच्चा किसी फक्टरी अथवा खदान में कार्य करने के लिए नियुक्त नहीं किया जाएगा और न ही किसी खतरनाक नियोजन में नियुक्त किया जाएगा. इस दौरान पंचायत समिति सपोटरा, बालाजी ईंट उद्योग किरवाड़ा, सामुदायिक भवन पहाड़िया किरवाड़ा, गुरूकृपा बालगृह नादौती, पंचायत समिति नादौती, नेहरू पार्क हिण्डौनसिटी, आंगनबाड़ी केन्द्र बार्ड नं. 25 हिण्डौन सिटी पर विधिक जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर बाल श्रम निषेध, बाल विवाह निषेध, कोविड-19 और कोरोना वैक्सीनेशन के प्रति जागरूकता के संबंध में जानकारी प्रदान की गई.

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