जयपुर. राजधानी जयपुर में 15 साल पुराने चलने वाले कॉमर्शियल वाहनों को परिवहन विभाग के द्वारा 31 मार्च के बाद बंद करने की तैयारी कर ली गई थी, लेकिन केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के द्वारा 15 साल से पुराने कॉमर्शियल डीजल वाहनों को राहत भी दी गई है. बता दें कि 31 मार्च के बाद इन गाड़ियों का ना ही रजिस्ट्रेशन हो सकता था और ना ही यह गाड़ी किसी के नाम ट्रांसफर हो सकती थी, लेकिन केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के द्वारा राजधानी जयपुर और एनसीआर क्षेत्र में चलने वाली 15 साल पुराने कॉमर्शियल डीजल वाहनों को राहत दी है और इनकी वैधता को बढ़ाकर 30 जून तक कर दिया गया है.
बता दें कि कोविड-19 के बदले संक्रमण को देखते हुए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने इन वाहनों के संचालन की समय सीमा 3 महीने और बढ़ा दी है. इसके बाद 1 जुलाई से जयपुर शहर में 40 हजार यात्री वाहन और भारी वाहन नहीं चल सकेंगे. पहले यह तारीख 31 मार्च केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के द्वारा दी गई थी. एनजीटी ने पहले इसके लिए 31 दिसंबर 2020 की तारीख निर्धारित की थी, लेकिन कोविड-19 को देखते हुए 3 महीने का समय अतिरिक्त कर दिया गया था और फिर से तारीख एक बार और बढ़ाई गई है. अब 31 दिसंबर 2005 तक किया है, इससे पूर्व पंजीकृत हुए वाहनों का 30 जून तक पूरे पंजीयन कराना होगा.
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वहीं पंजीयन के अलावा राज्य के अन्य स्थानों पर वाहन चलाने के लिए एनओसी जारी करा सकते हैं, लेकिन संबंधित वाहन जयपुर से बाहर ही चलेगा. हल्की वाहन मालिक को अपील कर अधिकार दिया जाएगा. एनजीटी के आदेश के अनुसार एनसीआर में आने वाले अलवर और भरतपुर में 15 साल पुराने पेट्रोल के वाहन भी बंद हो जाएंगे. वहीं अलवर और भरतपुर के अंतर्गत 10 साल पुराने डीजल के प्राइवेट कॉमर्शियल का संचालन नहीं हो सकेगा. कोर्ट ने इन वाहनों पर रोक लगा रखी है. इन शहरों में इन वाहनों की आरसी रिनुअल भी नहीं होगी.