जयपुर. राज्य में अवैध खनन की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं. ये शिकायतें सबसे ज्यादा टोंक जिले से सामने आ रही हैं. ऐसे में जिले में अवैध खनन पर शिकंजा कसने के लिए अन्य जिलों के अधिकारियों की टीम बनाकर टोंक जिले के टोड़ारायसिंह के वन क्षेत्र के पास औचक निरीक्षण की कार्यवाही की गई.
औचक कार्रवाई में अधिकारियों ने इलाके में 22680 टन अवैध खनन पकड़ कर 2 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना तय किया है. अवैध खनन में शामिल दो ट्रैक्टर, कंप्रेशर, एक हाईड्रा क्रेन मशीन, एक डम्पर, एक डीजी सैट, तीन जैक हैमर और दो मोटर साईकिल जप्त कर पुलिस के सुपुर्द की हैं. अवैध खनन में लगे ये उपकरण करीब 50 लाख रुपए के बताए जा रहे हैं.
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि माइंस विभाग की ओर से अवैध खनन के खिलाफ शिकंजा कसने के लिए राजस्व विभागों की तर्ज पर औचक निरीक्षण दलों में अलग-अलग जिलों के अधिकारियों को लगाकर बिना किसी सूचना के छापेमारी की कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया है. प्रदेश के इस तरह के पहले ही प्रयोग में उल्लेखनीय सफलता मिली है.
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उन्होंने बताया कि विभाग की नई रणनीति के तहत निदेशक माइंस केबी पण्ड्या ने 23 जुलाई को अलग-अलग जिलों के अधिकारियों के तीन दल योगेन्द्र सिंह सहवाल एसएमई विजिलेंस उदयपुर, राजेन्द्र लालस एएमई विजिलेंस राजसमंद, तगाराम खनिज कार्य निदेशक, दूसरी टीम में भीम सिंह एमई विजिलेंस जोधपुर, सोहन लाल सुथार एएमई जोधपुर, अंकित ओझा खनिज कार्य निदेशक और तीसरे दल में सुनील शर्मा एमई विजिलेंस अलवर, सुरेश चंन्द्र शर्मा एएमई विजिलेंस तिजारा, कीर्ति खनिज कार्य निदेशक का गठन कर जयपुर रिपोर्ट करने के निर्देश दिए और फिर बिना किसी सूचना के टीम को गंतव्य के लिए रवाना किया.
अग्रवाल ने बताया कि विभाग की ओर से अवैध खनन के खिलाफ की जा रही इस कार्यवाही की भनक जिले के अधिकारियों सहित टीम सदस्यों को भी नहीं लगने दी और फिर प्राप्त सूचनाओं के अनुसार टोडारायसिंह पुलिस से समन्वय बनाते हुए सीधे अवैध खनन स्थल पर कार्यवाही की गई.
उन्होंने बताया कि इसमें विभाग को बड़ी सफलता मिली है, हांलाकि मौके पर कोई श्रमिक या अन्य नहीं मिले. लेकिन वन क्षेत्र के पास करीब दो से तीन किलोमीटर अंदर अवैध खनन और खनन कार्य में उपयोग सामग्री मिली. जिसकी शनिवार को देर रात तक जप्ती कार्यवाही कर थाने में सुपुर्द किया गया.