जयपुर. राजस्व विभाग के पेंडिंग पड़े कामों को लेकर अब सरकार सख्त हो गई है. जिसे लेकर एक बैठक के दौरान बुधवार को मंत्री हरीश चौधरी ने राजस्व से संबंधित सभी मामलों की पेंडेंसी को कम किए जाने के निर्देश दिए. ऐसे मामलों को सुलझाने के लिए समय सीमा भी तय गिए गए ताकि आम जनता को समय पर न्याय मिल सके.
समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने कठिन कानून में संशोधन कर प्रक्रिया का सरलीकरण किये जाने पर चर्चा की. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि न्याय देरी से मिलना न्याय नहीं मिलने के बराबर है. ऐसे में प्रशासनिक प्रक्रियाओं को समयबद्ध सीमा में पूर्ण करें ताकि आमजन को समय पर न्याय मिल सके. राजस्व मंत्री ने कहा कि संबंधित अधिकारी भूमि आवंटन तथा रूपांतरण के मामलों में शीघ्र निस्तारण करना सुनिश्चित करें.
हरीश चौधरी की मानें तो विभाग द्वारा समस्त आवंटन के नियमों में एकरूपता लाने का प्रयास किया जाए ताकि राजस्व विभाग के प्रति लोगों की विश्वसनीयता में बढ़ोतरी हो. उन्होंने कहा कि गोचर भूमि को सुरक्षित रखना प्राथमिकता है और चरागाह भूमि को चारा का भूमि के तौर पर ही प्रयोग में लाना चाहिए. इस अवसर पर राजस्व मंडल के अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने कहा कि राजस्व अधिकारी द्वारा पेंडेंसी को कम करने के लिए सभी मामलों का विश्लेषण कर निस्तारण किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि मंडल द्वारा कई निर्देश दिए गए, जिनका पालना करने से अधिकारियों को मामलों में त्वरित निस्तारण में आसानी होगी. बैठक में सभी जिले में पेंडेंसी भूमि आवंटन रूपांतरण की प्रगति रिपोर्ट एक प्रस्तुतिकरण के माध्यम से रखी गई. इस अवसर पर विभाग के संयुक्त शासन सचिव विष्णु गोयल, संयुक्त शासन सचिव राकेश शर्मा, उप शासन सचिव कमलेश आबूसरिया सहित जिलों से अतिरिक्त जिला कलेक्टर तथा विभाग के अधिकारी मौजूद थे.