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दवाओं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए यूनिट का गठन...ऐसा करने वाला देश का चौथा राज्य बना राजस्थान

राज्य सरकार ने एक ऐसी यूनिट की स्थापना की है जिससे दवाओं की कीमतों की मॉनिटरिंग की जा सकेगी. और इसके बाद राजस्थान देश का चौथा ऐसा राज्य बन गया है जिसने प्राइस मॉनिटरिंग एंड रिसोर्स यूनिट की स्थापना की है.

दवाओं की बढ़ती कीमतों पर लगाम कसने के लिए यूनिट का गठन
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Published : Apr 8, 2019, 5:20 PM IST

जयपुर. दवाओं की मनमानी कीमतों पर लगाम कसने के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित एक यूनीट कार्य करगी जो प्रदेश में दवाओं की मॉनिटरिंग करेगी. ऐसे में दवाओं की मॉनिटरिंग के मामले में राजस्थान देश का चौथा राज्य बन गया है.

दरअसल, राज्य सरकार ने एक ऐसी यूनिट की स्थापना की है जिससे दवाओं की कीमतों की मॉनिटरिंग की जा सकेगी. और इसके बाद राजस्थान देश का चौथा ऐसा राज्य बन गया है जिसने प्राइस मॉनिटरिंग एंड रिसोर्स यूनिट की स्थापना की है. यह यूनिट प्रदेश में मनमानी तरीकों से दवाओं की कीमत पर हो रही बढ़ोतरी को नियंत्रित करेगी.

दवाओं की बढ़ती कीमतों पर लगाम कसने के लिए यूनिट का गठन

55 लाख रुपये केंद्र सरकार करवाएगी उपलब्ध
बता दें उड़ीसा, गुजरात और केरला के बाद राजस्थान ऐसा चौथा राज्य बन गया है जो दवाओं की कीमतों की मॉनिटरिंग करेगा. इस यूनिट के लिए हर साल 55 लाख रुपए केंद्र की ओर से उपलब्ध कराए जाएंगे और इसकी टीम स्वास्थ्य भवन जयपुर में बैठकर कार्य करेगी.

करीब 46 हजार मेडिकल दुकानें आएगी दायरे में
औषधि नियंत्रक विभाग की मानें तो प्रदेश में इस समय 42 से 46 हजार के बीच मेडीकल दुकानें है. इससे पहले दवाओं की कीमतें निर्धारण का कार्य राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल मूल्य प्राधिकरण एनपीपीए की ओर से किया जाता था. इसके बाद एनपीपीए ने सभी राज्यों को निर्देश दिए थे कि वे भी दवाओं के मूल्य निर्धारण संबंधित कार्यों से जुड़े, ताकि लोगों को सही कीमतों पर दवाइयां उपलब्ध हो सके. इसकी पालना के बाद प्रदेश में प्राइस मॉनिटरिंग एंड डिस सीनेट का गठन किया गया. खास बात यह होगी कि इस यूनिट की गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष रोहित कुमार सिंह होंगे जो फिलहाल चिकित्सा विभाग में एसीएस के पद पर कार्यरत है.

जयपुर. दवाओं की मनमानी कीमतों पर लगाम कसने के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित एक यूनीट कार्य करगी जो प्रदेश में दवाओं की मॉनिटरिंग करेगी. ऐसे में दवाओं की मॉनिटरिंग के मामले में राजस्थान देश का चौथा राज्य बन गया है.

दरअसल, राज्य सरकार ने एक ऐसी यूनिट की स्थापना की है जिससे दवाओं की कीमतों की मॉनिटरिंग की जा सकेगी. और इसके बाद राजस्थान देश का चौथा ऐसा राज्य बन गया है जिसने प्राइस मॉनिटरिंग एंड रिसोर्स यूनिट की स्थापना की है. यह यूनिट प्रदेश में मनमानी तरीकों से दवाओं की कीमत पर हो रही बढ़ोतरी को नियंत्रित करेगी.

दवाओं की बढ़ती कीमतों पर लगाम कसने के लिए यूनिट का गठन

55 लाख रुपये केंद्र सरकार करवाएगी उपलब्ध
बता दें उड़ीसा, गुजरात और केरला के बाद राजस्थान ऐसा चौथा राज्य बन गया है जो दवाओं की कीमतों की मॉनिटरिंग करेगा. इस यूनिट के लिए हर साल 55 लाख रुपए केंद्र की ओर से उपलब्ध कराए जाएंगे और इसकी टीम स्वास्थ्य भवन जयपुर में बैठकर कार्य करेगी.

करीब 46 हजार मेडिकल दुकानें आएगी दायरे में
औषधि नियंत्रक विभाग की मानें तो प्रदेश में इस समय 42 से 46 हजार के बीच मेडीकल दुकानें है. इससे पहले दवाओं की कीमतें निर्धारण का कार्य राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल मूल्य प्राधिकरण एनपीपीए की ओर से किया जाता था. इसके बाद एनपीपीए ने सभी राज्यों को निर्देश दिए थे कि वे भी दवाओं के मूल्य निर्धारण संबंधित कार्यों से जुड़े, ताकि लोगों को सही कीमतों पर दवाइयां उपलब्ध हो सके. इसकी पालना के बाद प्रदेश में प्राइस मॉनिटरिंग एंड डिस सीनेट का गठन किया गया. खास बात यह होगी कि इस यूनिट की गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष रोहित कुमार सिंह होंगे जो फिलहाल चिकित्सा विभाग में एसीएस के पद पर कार्यरत है.

Intro:राज्य सरकार ने अब दवाओं की मनमानी कीमतों पर लगाम कसने की तैयारी कर ली है इसे लेकर सरकार ने एक ऐसी यूनिट की स्थापना की है जिससे दवाओं की कीमतों की मॉनिटरिंग की जा सकेगी


Body:राजस्थान देश का चौथा ऐसा राज्य बन गया है जिसने प्राइस मॉनिटरिंग एंड रिसोर्स यूनिट की स्थापना की है. यह यूनिट प्रदेश में मनमानी तरीकों से दवाओं की कीमत पर हो रही बढ़ोतरी को नियंत्रित करेगी जिसके बाद उड़ीसा गुजरात और केरला के बाद राजस्थान ऐसा चौथा राज्य बन गया है जो दवाओं की कीमतों की मॉनिटरिंग करेगा. इस यूनिट के लिए हर साल 55 लाख रुपए केंद्र की ओर से उपलब्ध कराए जाएंगे और इसकी टीम स्वास्थ्य भवन जयपुर में बैठकर कार्य करेगी.

करीब 46 हजार दवा की दुकानें आएगी दायरे में

औषधि नियंत्रक विभाग की मानें तो प्रदेश में इस समय 42 से 46 हजार के बीच दुकानों से दवाइयां बेची जा रही है. इससे पहले दवाओं की कीमतें निर्धारण का कार्य राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल मूल्य प्राधिकरण एनपीपीए की ओर से किया जाता था इसके बाद एनपीपीए ने सभी राज्यों को निर्देश दिए थे कि वे भी दवाओं के मूल्य निर्धारण संबंधित कार्यों से जुड़े ताकि लोगों को सही कीमतों पर दवाइयां उपलब्ध हो सके इसकी पालना के बाद प्रदेश में प्राइस मॉनिटरिंग एंड डिस और सीनेट का गठन किया गया. खास बात यह होगी कि इस यूनिट की गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष रोहित कुमार सिंह होंगे जो फिलहाल चिकित्सा विभाग में एसीएस के पद पर कार्यरत है.

बाईट-राजाराम शर्मा, औषधि नियंत्रक


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