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धौलपुरः CAA के समर्थन में विचार गोष्ठी का आयोजन - Penetrating the law and enlightened people

धौलपुर में रविवार को विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें जिले भर के कानून मर्मज्ञ और प्रबुद्धजनों ने भाग लिया. वहीं गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि यह कानून अपनत्व का भाव लिए हुए है. बृज विचार मंच के तत्वावधान में मुख्य वक्ता मुरली मनोहर ने नागरिकता संशोधन अधिनियम की व्यावहारिकता, प्राथमिकता और अवधारणा पर विस्तार से जानकारी दी.

धौलपुर की खबर, CAA seminar, Seminar organized in favor of CAA
CAA के पक्ष में विचार गोष्ठी का आयोजन
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Published : Jan 12, 2020, 10:26 PM IST

धौलपुर. शहर में सीएए के पक्ष में रविवार को एक निजी विद्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ. जिसमें शहर के कानून मर्मज्ञ और प्रबुद्ध लोगों ने भाग लिया. कानून मर्मज्ञ लोगों ने सीएए के बारे में आमजन को व्यापक जानकारी देकर जागरूक भी किया.

CAA के पक्ष में विचार गोष्ठी का आयोजन

गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि यह कानून अपनत्व का भाव लिए हुए है. बृज विचार मंच के तत्वावधान में मुख्य वक्ता मुरली मनोहर ने नागरिकता संशोधन अधिनियम की व्यावहारिकता, प्राथमिकता और अवधारणा पर विस्तार से जानकारी दी.

पढ़ेंः 17 साल के हृदेश्वर सिंह गोलाकर शतरंज के यंगेस्ट पेटेंट होल्डर, राष्ट्रपति बाल शक्ति अवार्ड मिलेगा

उन्होंने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक हमारे हैं और हमारे रहेंगे के भाव को प्रकट किया. उन्होंने विभाजन के समय की जनसंख्या असंतुलन पर कहा कि 1947 में पाकिस्तान में हिंदू 23 फीसदी थे, लेकिन आज मात्र 3 फीसदी रह गए हैं. बांग्लादेश में 30 फीसदी से मात्र 8 फीसदी रह गए.

1947 में पाकिस्तान में 1000 मंदिर थे. अब वहां मात्र 20 मंदिर रह गए हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध शरणार्थी को पहले 11 वर्ष निवास के बाद नागरिकता मिलने का प्रावधान था. इस अधिनियम के बाद यह 5 वर्ष का कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि 1950 के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बीच हुए समझौते की कई बातों को पाकिस्तान ने नहीं माना, जिसका खमियाजा वहां के अल्पसंख्यक वर्ग को भुगतना पड़ा है.

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गोष्ठी में मौजूद कानून मर्मज्ञ और प्रबुद्ध जनों ने समाज से आह्वान किया कि पूरा समाज देश, धर्म और समाज के लिए जीए और निरंतर रूप से समाज के लिए क्रियाशील रहे. गोष्ठी में जिले भर के कानून मर्मज्ञ और प्रबुद्धजनों ने भाग लिया.

धौलपुर. शहर में सीएए के पक्ष में रविवार को एक निजी विद्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ. जिसमें शहर के कानून मर्मज्ञ और प्रबुद्ध लोगों ने भाग लिया. कानून मर्मज्ञ लोगों ने सीएए के बारे में आमजन को व्यापक जानकारी देकर जागरूक भी किया.

CAA के पक्ष में विचार गोष्ठी का आयोजन

गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि यह कानून अपनत्व का भाव लिए हुए है. बृज विचार मंच के तत्वावधान में मुख्य वक्ता मुरली मनोहर ने नागरिकता संशोधन अधिनियम की व्यावहारिकता, प्राथमिकता और अवधारणा पर विस्तार से जानकारी दी.

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उन्होंने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक हमारे हैं और हमारे रहेंगे के भाव को प्रकट किया. उन्होंने विभाजन के समय की जनसंख्या असंतुलन पर कहा कि 1947 में पाकिस्तान में हिंदू 23 फीसदी थे, लेकिन आज मात्र 3 फीसदी रह गए हैं. बांग्लादेश में 30 फीसदी से मात्र 8 फीसदी रह गए.

1947 में पाकिस्तान में 1000 मंदिर थे. अब वहां मात्र 20 मंदिर रह गए हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध शरणार्थी को पहले 11 वर्ष निवास के बाद नागरिकता मिलने का प्रावधान था. इस अधिनियम के बाद यह 5 वर्ष का कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि 1950 के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बीच हुए समझौते की कई बातों को पाकिस्तान ने नहीं माना, जिसका खमियाजा वहां के अल्पसंख्यक वर्ग को भुगतना पड़ा है.

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गोष्ठी में मौजूद कानून मर्मज्ञ और प्रबुद्ध जनों ने समाज से आह्वान किया कि पूरा समाज देश, धर्म और समाज के लिए जीए और निरंतर रूप से समाज के लिए क्रियाशील रहे. गोष्ठी में जिले भर के कानून मर्मज्ञ और प्रबुद्धजनों ने भाग लिया.

Intro:धौलपुर में सीएए के पक्ष में आज शहर के निजी विद्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ. जिसमें शहर के कानून मर्मज्ञ एवं प्रबुद्ध लोगों ने भाग लिया. कानून मर्मज्ञ लोगों ने सीएए के बारे में आमजन को व्यापक जानकारी देकर जागरूक किया.


Body:गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि यह कानून अपनत्व का भाव लिए हुए है. बृज विचार मंच के तत्वावधान में मुख्य वक्ता मुरली मनोहर ने नागरिकता संशोधन अधिनियम की व्यावहारिकता, प्राथमिकता और अवधारणा पर विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने ‘पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक हमारे हैं और हमारे रहेंगे’ के भाव को प्रकट किया. उन्होंने विभाजन के समय की जनसंख्या असंतुलन पर कहा कि 1947 में पाकिस्तान में हिंदू 23 प्रतिशत थे. आज मात्र 3 प्रतिशत रह गए हैं. बांग्लादेश में 30 प्रतिशत से मात्र 8 प्रतिशत रह गए। 1947 में पाकिस्तान में 1000 मंदिर थे. अब वहां मात्र 20 मंदिर रह गए हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध शरणार्थी को पहले 11 वर्ष निवास के बाद नागरिकता मिलने का प्रावधान था. इस अधिनियम के बाद यह 5 वर्ष का कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि 1950 के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बीच हुए समझौते की कई बातों को पाकिस्तान ने नहीं माना, जिसका खमियाजा वहां के अल्पसंख्यक वर्ग को भुगतना पड़ा है.


Conclusion:गोष्ठी में मौजूद कानून मर्मज्ञ एवं प्रबुद्ध जनों ने समाज से आह्वान किया कि पूरा समाज देश,धर्म और समाज के लिए जीये और निरंतर रूप से समाज के लिए क्रियाशील रहे.गोष्ठी में जिले भर के कानून मर्मज्ञ एवं प्रबुद्धजनों ने भाग लिया.
Byte:- यदुनाथ शर्मा, सचिव, ब्रह्म विचार मंच
Report:-
Neeraj Sharma
Dholpur


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